ETV Bharat / state

उत्तराखंड की पहली महिला रेलवे असिस्टेंट लोको पायलेट बनी अंजलि, चुनौतियों को दे रही टक्कर - uttarakhand news

महिला रेलवे असिस्टेंट लोको पायलेट बनी अंजलि हरिद्वार-ऋषिकेश में हुई नियुक्त.

पहली महिला रेलवे असिस्टेंट लोको पायलेट अंजलि.
author img

By

Published : May 28, 2019, 7:37 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी की अंजलि ने अपने बचपन का सपना साकार कर उत्तराखंड की पहली ट्रेन चालाक बन गई हैं. असिस्टेंट लोको पायलट अंजलि फिलहाल ट्रेनिंग पर हैं. वो अभी ट्रेन के मुख्य चालक की मदद से ट्रेन चला रही हैं. 23 वर्षीय अंजलि शाह ट्रेनिंग के दौरान दो ट्रेन ट्रिप पूरी कर चुकी हैं.

उत्तराखंड की पहली महिला रेलवे असिस्टेंट लोको पायलेट बनी अंजलि.

अंजलि शाह के ट्रेन चलाने के प्रशिक्षण का मंगलवार को दूसरा दिन रहा. अंजली ने बताया कि उन्होंने बचपन में ही ट्रेन को देखकर ये ठान लिया था कि वो ट्रेन चालक बनेंगी. उन्होंने कहा कि वो उत्तराखंड की पहली महिला ट्रेन चालक बन गई हैं, जिससे वो काफी खुश हैं. दरअसल, 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग के बाद अंजलि को हरिद्वार-ऋषिकेश में बतौर असिस्टेंट लोको पायलट नियुक्त किया गया है. एक साल तक असिस्टेंट रहने के बाद अंजलि लोको पायलट बन जाएंगी.

पढ़ें- चैंपियन Vs कर्णवाल मामले का फैसला आज, जांच समिति प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगी रिपोर्ट

वहीं, अंजलि को ट्रेन चलाने की ट्रेनिंग दे रहे मुख्य चालक बृजपाल ने बताया कि अंजलि काफी होनहार है. ट्रेन को लेकर जो कुछ भी सिखाया जाता है वो तुरंत उन बातों को समझ जाती है. बहुत तेजी से ट्रेन चलाना सीख रही हैं. हर बारिकी पर वो गौर करती है. उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग पूरी कर अंजलि एक अच्छी चालक बनेगी.

anjali of rishikesh became first female assistant loco pilot of uttarakhand
असिस्टेंट लोको पायलेट अंजलि शाह.

बता दें कि ट्रेन चालक के हाथों में हजारों लोगों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पंहुचाने की जिम्मेदारी होती है. चालक की एक लापरवाही हजारों लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है. यही कारण है कि ट्रेन को चलाने से पहले कई महीनों तक इसकी ट्रेनिंग दी जाती है. अंजलि शाह भी फिलहाल लोको पायलट की ट्रेनिंग ले रही हैं.

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी की अंजलि ने अपने बचपन का सपना साकार कर उत्तराखंड की पहली ट्रेन चालाक बन गई हैं. असिस्टेंट लोको पायलट अंजलि फिलहाल ट्रेनिंग पर हैं. वो अभी ट्रेन के मुख्य चालक की मदद से ट्रेन चला रही हैं. 23 वर्षीय अंजलि शाह ट्रेनिंग के दौरान दो ट्रेन ट्रिप पूरी कर चुकी हैं.

उत्तराखंड की पहली महिला रेलवे असिस्टेंट लोको पायलेट बनी अंजलि.

अंजलि शाह के ट्रेन चलाने के प्रशिक्षण का मंगलवार को दूसरा दिन रहा. अंजली ने बताया कि उन्होंने बचपन में ही ट्रेन को देखकर ये ठान लिया था कि वो ट्रेन चालक बनेंगी. उन्होंने कहा कि वो उत्तराखंड की पहली महिला ट्रेन चालक बन गई हैं, जिससे वो काफी खुश हैं. दरअसल, 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग के बाद अंजलि को हरिद्वार-ऋषिकेश में बतौर असिस्टेंट लोको पायलट नियुक्त किया गया है. एक साल तक असिस्टेंट रहने के बाद अंजलि लोको पायलट बन जाएंगी.

पढ़ें- चैंपियन Vs कर्णवाल मामले का फैसला आज, जांच समिति प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगी रिपोर्ट

वहीं, अंजलि को ट्रेन चलाने की ट्रेनिंग दे रहे मुख्य चालक बृजपाल ने बताया कि अंजलि काफी होनहार है. ट्रेन को लेकर जो कुछ भी सिखाया जाता है वो तुरंत उन बातों को समझ जाती है. बहुत तेजी से ट्रेन चलाना सीख रही हैं. हर बारिकी पर वो गौर करती है. उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग पूरी कर अंजलि एक अच्छी चालक बनेगी.

anjali of rishikesh became first female assistant loco pilot of uttarakhand
असिस्टेंट लोको पायलेट अंजलि शाह.

बता दें कि ट्रेन चालक के हाथों में हजारों लोगों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पंहुचाने की जिम्मेदारी होती है. चालक की एक लापरवाही हजारों लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है. यही कारण है कि ट्रेन को चलाने से पहले कई महीनों तक इसकी ट्रेनिंग दी जाती है. अंजलि शाह भी फिलहाल लोको पायलट की ट्रेनिंग ले रही हैं.

Intro:feed send on LU
ऋषिकेश--कहतें है कि अगर किसी काम को करने के लिए कोई दृढ़संकल्प कर ले तो वह उस काम को जरूर कर लेता है जी हां इसी बात को अंजली शाह सच कर दिखाया है,अंजली ने बचपन मे ही ट्रेन को देखकर उसको चलाने की ठानी थी,और आज उनका यह सपना पूरा हो गया है,अंजली उत्तराखण्ड में ट्रेन चलाने वाली पहली महिला ट्रेन चालक बनी है।


Body:वी/ओ--ट्रेन की स्टेरिंग पर बैठकर हजारों लोगों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पंहुचाने की जिम्मेदारी ट्रेन चालक की होती है,ट्रेन चालक की एक लापरवाही हजारों लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है,यही कारण है की ट्रेन को चलाने से पहले कई महीनों तक ट्रेन चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है,अंजली शाह ट्रेन को चलाने की ट्रेनिंग ले रही है आज अंजली का दूसरा दिन था लेकिन अंजली काफी तेजी से कार्यों को सीख रही है,ईटीवी भारत से खास बातचीत में 23 वर्षीय अंजली शाह ने बताया कि मैंने बचपन में ट्रेन को चलते हुए देखा था जिसके बाद मैंने ट्रेन को चलाने की ठानी थी आज मेरा यह सपना पूरा हो रहा है इस समय काफी खुश हूं खास बात यह है कि अंजली उत्तराखण्ड में ट्रेन चलाने वाली पहली महिला चालक है।

बाईट--अंजली शाह(महिला ट्रेन चालक)


Conclusion:वी/ओ--वहीं अंजली को ट्रेन चलाने की ट्रेनिंग दे रहे मुख्य चालक का कहना था अंजली काफी होनहार लड़की है जिंदी बातों को बताया जा रहा है वह बहुत तेजी से उन बातों पर गौर कर रही है बहुत जल्द अंजली एक बेहतर ट्रेन चालक बंद कर तैयार हो जाएगी।

बाईट--बृजपाल(ट्रेन चालक)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.