देहरादून: सूबे की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने इलाहाबाद और मद्रास उच्च न्यायालय के आदेशों का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड में मोटर व्हीकल एक्ट 1889 के अतिरिक्त शुल्क में हुए संशोधन को खत्म करने का निर्णय लिया है. साथ ही वाहनों की फिटनेस और पंजीकरण लाइसेंस रिन्यूअल में देरी के लिए (RTO) में अतिरिक्त जुर्माना राशि जमा नहीं करनी होगी.
आरटीओ दिनेश पठोई ने बताया कि उत्तराखंड शासन का आदेश परिवहन मुख्यालय को प्राप्त हो चुका है. जुर्माना शुल्क को खत्म करने के लिए जल्दी आयुक्त कार्यालय से प्रशासनिक आदेश जारी किया जाएगा. जिसके बाद स्थानीय निवासियों को इससे खासी राहत होगी. अबतक पेनल्टी के डर से कई लोग अपने वाहनों का फिटनेस और ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्यूअल साथ ही वाहन का दोबारा पंजीकरण कराने के कार्यों से बचा करते थे. जिससे अब उनको किसी भी प्रकार की जुर्माना राशि जमा नहीं करनी होगी.
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गौरतलब है कि, अब तक वाहनों के फिटनेस में लेटलतीफी पर लोगों को 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पेनल्टी चुकानी पड़ती थी. वहीं, वाहन के दोबारा रजिस्ट्रेशन में देरी के लिए भी पेनाल्टी निर्धारित थी. इसके तहत दोपहिया वाहन को दोबारा रजिस्ट्रेशन के लिए प्रति माह के हिसाब से 300 रुपए पेनल्टी का प्रावधान था. जबकि, चौपहिया वाहन के लिए 500 रुपए प्रति माह का पेनल्टी निर्धारित थी.