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Panchayati Raj Department: पंचायतीराज निदेशालय से जुड़ेंगे ब्लॉक और डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर, केंद्रीय सहायता से सुदृढ बनेंगी पंचायतें - पंचायत हाईटेक

उत्तराखंड में जल्द ही सभी पंचायत हाईटेक होंगे, जिसकी कवायद शुरू हो गई है. प्रदेश के सभी पंचायतों को सैटेलाइट के माध्यम से कनेक्ट किया जाएगा. उत्तराखंड किसी भी आपदा की स्थिति में सैटेलाइट आधारित कनेक्टिविटी का उपयोग किया जा सकेगा. पंचायतों के सैटेलाइट से कनेक्ट होने से विकास की योजनाओं को भी गति मिलेगी.

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Published : Feb 21, 2023, 7:12 AM IST

सैटेलाइट के माध्यम से कनेक्ट होंगे पंचायत

देहरादून: उत्तराखंड में पंचायतों को अपग्रेड करने के लिए भारत सरकार की मदद से नए प्रयास किए जा रहे हैं. इसके तहत प्रदेश भर में ब्लॉक से लेकर डिस्टिक हेडक्वार्टर तक को सैटेलाइट के माध्यम से कनेक्ट किया जाएगा. यही नहीं राज्य में नए पंचायत भवनों के निर्माण की दिशा में भी प्रयास किये जा रहे हैं.

उत्तराखंड में पंचायती राज विभाग पंचायतों को सुदृढ़ और अपग्रेड करने के लिए विभिन्न निर्णय प्रयासों में जुटा हुआ है. इस कड़ी में जहां केंद्र की विभिन्न योजनाओं पर पहले से ही काम किया जा रहा है तो वहीं भारत सरकार की मदद से पंचायतों को अपग्रेड करने के लिए भी सफलतम प्रयास किए गए हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि भारत सरकार ने राज्य की पंचायतों को जोड़ने के लिए विशेष स्वीकृति भी दी है, इसके अनुसार राज्य में वीसैट को लगाने का काम किया जाएगा. इसका राज्य को कनेक्टिविटी के लिहाज से बेहद ज्यादा फायदा होने जा रहा है. दरअसल, पंचायती राज निदेशालय में स्टूडियो बनाए जाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है, जिससे पंचायती राज विभाग राज्य में ब्लॉक से लेकर डिस्टिक हेडक्वार्टर को आपस में जोड़ सकेगा. खास बात यह है कि उसके लिए सैटेलाइट का उपयोग किया जाएगा, जिसके चलते प्रदेश भर में ब्लॉक और डिस्टिक हेडक्वार्टर मजबूत कनेक्टिविटी बना सकेंगे.
पढ़ें-Accident Relief Fund: दुर्घटना राहत निधि में मजिस्ट्रेट जांच की बाध्यता होगी खत्म, प्रवेश उपकर की जगह लिया जाएगा ग्रीन सेस

इसका फायदा न केवल पंचायती राज विभाग को विभिन्न बैठकों और कार्यक्रमों के लिए हो सकेगा, बल्कि तमाम प्रशिक्षण कार्यक्रम भी इसके जरिए चलाया जा सकेंगे. उधर समय-समय पर आपदा झेलने वाले उत्तराखंड में सैटेलाइट आधारित कनेक्टिविटी होने के चलते आपदा के हालातों में भी इस सिस्टम का बेहतर तरीके से प्रयोग किया जा सकता है.भारत सरकार की वीसैट को लेकर मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन पंचायती राज विभाग के लिए केवल यही एकमात्र खुशखबरी नहीं है, बल्कि पंचायती राज विभाग को राज्य में नए पंचायत भवन बनाने का भी अवसर मिलने जा रहा है. इसके लिए केंद्र से भी कुछ सहायता मिल सकती है. उधर दूसरी तरफ राज्य के करीब 200 पंचायत भवनों में कुछ नए निर्माण के लिए भी बजट मिलने जा रहा है. जिससे राज्य के विभिन्न पंचायतों में सुविधाएं बढ़ेंगी.

सैटेलाइट के माध्यम से कनेक्ट होंगे पंचायत

देहरादून: उत्तराखंड में पंचायतों को अपग्रेड करने के लिए भारत सरकार की मदद से नए प्रयास किए जा रहे हैं. इसके तहत प्रदेश भर में ब्लॉक से लेकर डिस्टिक हेडक्वार्टर तक को सैटेलाइट के माध्यम से कनेक्ट किया जाएगा. यही नहीं राज्य में नए पंचायत भवनों के निर्माण की दिशा में भी प्रयास किये जा रहे हैं.

उत्तराखंड में पंचायती राज विभाग पंचायतों को सुदृढ़ और अपग्रेड करने के लिए विभिन्न निर्णय प्रयासों में जुटा हुआ है. इस कड़ी में जहां केंद्र की विभिन्न योजनाओं पर पहले से ही काम किया जा रहा है तो वहीं भारत सरकार की मदद से पंचायतों को अपग्रेड करने के लिए भी सफलतम प्रयास किए गए हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि भारत सरकार ने राज्य की पंचायतों को जोड़ने के लिए विशेष स्वीकृति भी दी है, इसके अनुसार राज्य में वीसैट को लगाने का काम किया जाएगा. इसका राज्य को कनेक्टिविटी के लिहाज से बेहद ज्यादा फायदा होने जा रहा है. दरअसल, पंचायती राज निदेशालय में स्टूडियो बनाए जाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है, जिससे पंचायती राज विभाग राज्य में ब्लॉक से लेकर डिस्टिक हेडक्वार्टर को आपस में जोड़ सकेगा. खास बात यह है कि उसके लिए सैटेलाइट का उपयोग किया जाएगा, जिसके चलते प्रदेश भर में ब्लॉक और डिस्टिक हेडक्वार्टर मजबूत कनेक्टिविटी बना सकेंगे.
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इसका फायदा न केवल पंचायती राज विभाग को विभिन्न बैठकों और कार्यक्रमों के लिए हो सकेगा, बल्कि तमाम प्रशिक्षण कार्यक्रम भी इसके जरिए चलाया जा सकेंगे. उधर समय-समय पर आपदा झेलने वाले उत्तराखंड में सैटेलाइट आधारित कनेक्टिविटी होने के चलते आपदा के हालातों में भी इस सिस्टम का बेहतर तरीके से प्रयोग किया जा सकता है.भारत सरकार की वीसैट को लेकर मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन पंचायती राज विभाग के लिए केवल यही एकमात्र खुशखबरी नहीं है, बल्कि पंचायती राज विभाग को राज्य में नए पंचायत भवन बनाने का भी अवसर मिलने जा रहा है. इसके लिए केंद्र से भी कुछ सहायता मिल सकती है. उधर दूसरी तरफ राज्य के करीब 200 पंचायत भवनों में कुछ नए निर्माण के लिए भी बजट मिलने जा रहा है. जिससे राज्य के विभिन्न पंचायतों में सुविधाएं बढ़ेंगी.

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