मसूरी: अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की मसूरी शाखा ने अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर प्रदेश व केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को एसडीएम के माध्यम से श्रमिकों की समस्याओं व अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया.
बता दें, मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किए ज्ञापन में ट्रेड यूनियन ने कहा है कि 9 अगस्त भारत के इतिहास में अहम स्थान रखता है. इसी दिन अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज हुआ था, लेकिन आज भी श्रमिक वर्ग गुलामी की जंजीरों से जकड़ा महसूस कर रहा है. सरकारें श्रम कानूनों को कार्पोरेट घरानों के हितों को साधने के लिए लगातार बदलाव कर रही है.
ज्ञापन में कहा गया कि लंबे संघर्षों के बाद हासिल 29 श्रम कानूनों के स्थान पर मजदूर वर्ग के लिए विनाशकारी चार संहिताओं को संसद में बिना किसी चर्चा के एक तरफा पास कर दिया. इसके साथ ही ज्ञापन में लगातार बढ़ती मंहगाई और कोरोना काल में श्रमिकों की आर्थिक स्थिति बिगड़ने का जिक्र किया गया है. इसके साथ ही राज्य के सभी होटलों जो पंजीकृत नहीं हैं, उनके श्रमिकों को भी 6 माह तक आर्थिक मदद दिए जाने की मांग की गई है.
इसके साथ ही उत्तराखंड के अधिसूचित उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन बढाकर 21 हजार करने, कोविड काल में श्रमिकों का रुका वेतन देने, जिन श्रमिकों की कोविड में मृत्यु हुई उनको उचित मुआवजा देने की मांग की है.
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प्रदर्शन के दौरान एटक के अध्यक्ष आरपी बडोनी ने कहा कि 9 अगस्त क्रांति पर पूरे देश में श्रमिक वर्ग प्रदर्शन कर रहा है. इसके साथ ही श्रमिकों ने केंद्र व राज्य सरकार को उखाड़ने का संकल्प लिया है. इस मौके पर भाकपा सचिव देवी गोदियाल ने कहा कि अगस्त क्रांति दिवस पर केंद्र की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है.