देहरादून: उत्तराखंड में छात्रों के लिए आयोजित होने वाला खेल महाकुंभ इस बार कुछ खटाई में पड़ गया है. वैसे तो अब तक न्याय पंचायत स्तर पर इन आयोजनों को पूरा कर लिया जाना चाहिए था. लेकिन शिक्षा विभाग में शिक्षकों का आंदोलन इस आयोजन की मुसीबत बन गया है. दरअसल शिक्षा विभाग में इन दिनों शिक्षक अपनी कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. अपने दूसरे चरण के आंदोलन में उन्होंने शैक्षणिक कार्यों के अलावा बाकी सभी कार्यों में सहयोग नहीं करने का ऐलान कर दिया है.
बड़ी बात ये है कि खेल महाकुंभ में आयोजन के लिए शिक्षकों का अहम रोल है. उनके बिना इस आयोजन को करना मुमकिन भी नहीं है. शायद इसीलिए अभी तक न्याय पंचायत स्तर पर होने वाले आयोजन पूरे नहीं हो पाए हैं. जबकि करीब 15 नवंबर तक इन आयोजनों को सभी जिलों में न्याय पंचायत स्तर पर पूर्ण हो जाना चाहिए.
खेल विभाग द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार 15 नवंबर से ब्लॉक स्तर पर इसके आयोजन किए जाने थे. इसके बाद जिला और प्रदेश स्तर पर भी इसके आयोजन होने हैं. लेकिन पहले चरण में ही न्याय पंचायत स्तर पर इसके आयोजन न होने के कारण आगे के चरण के कार्यक्रम नहीं हो पा रहे हैं.
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इस पूरे मामले को लेकर खेल मंत्री रेखा आर्य ने मुख्य सचिव को पत्र लिखने का निर्णय ले लिया है. इस पत्र के जरिए वह अपनी नाराजगी भी जाहिर करेंगी और शिक्षकों द्वारा खेल महाकुंभ के लिए सहयोग नहीं करने पर वह मुख्य सचिव से इसको लेकर व्यवस्था करने की भी बात कहेंगी.
खेल मंत्री रेखा आर्य के मुताबिक इन आयोजनों को अब तक कई स्तर पर कर लिया जाना चाहिए था. लेकिन शिक्षकों द्वारा इस पर सहयोग नहीं करने के कारण आयोजन नहीं हो पा रहे हैं. जबकि यह आयोजन स्कूली छात्रों के लिए है. शिक्षकों के बिना इसे करना मुमकिन नहीं है. उन्होंने कहा कि शिक्षक खेल को शैक्षणिक कार्य से अलग मान रहे हैं जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है.
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