देहरादून: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और उत्तराखंड इलेक्शन वॉच ने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए मतदाताओं को जागरूक किया. अभियान दल ने 20 दिन पहाड़ों में गुजारे. आज देहरादून में पहले चरण की यात्रा का समापन किया गया. दल ने अपने अभियान के तहत विश्वविद्यालयों में जाकर प्राध्यापकों व छात्रों के बीच पहुंचकर भी अभियान को व्यापक मूर्त रूप दिया. कॉलेजों में जाकर छात्रों के साथ संवाद स्थापित करते हुए उनको कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी.
गौरतलब है कि बीते 18 नवंबर को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के इस अभियान दल को गांधी पार्क से पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. इस अभियान दल ने मतदाताओं को यह बताने का प्रयास किया कि उनके द्वारा चुने जा रहे जनप्रतिनिधियों की वित्तीय स्थिति व देनदारी का क्या रिकॉर्ड है? इसके साथ ही उन पर क्या किसी भी प्रकार के आपराधिक या गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं या नहीं? इसके अलावा इस अभियान दल ने मतदाताओं को इस ओर भी जागरूक बनाया गया कि उनके द्वारा जिन विधि निर्माताओं को विधानसभा के भीतर भेजा जा रहा है उनकी शैक्षणिक योग्यता का क्या हाल है?
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दल ने मतदाताओं को बताया कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अग्रणी भूमिका में रहने वाले उत्तराखंड की आर्थिकी की रीढ़ कही जाने वाली महिलाओं को प्रदेश की विधानसभा में कितना प्रतिनिधित्व प्राप्त है. एडीआर व उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के उत्तराखंड प्रदेश समन्वयक मनोज ध्यानी ने कहा कि मतदाताओं के बीच जाकर उन्हें इस बात के लिए भी प्रेरित करने की कोशिश की जा रही है कि वे राजनीतिक दलों से उठकर वोट करें. उन्होंने कहा राजनीतिक संगठनों पर यह दबाव बनाना चाहिए कि राजनीतिक दल जिताऊ उम्मीदवार वाली अवधारणा का परित्याग करें. साथ ही बाहुबल और धनबल के प्रभाव में आकर पार्टियां टिकट देना बंद करें.