देहरादूनः उत्तराखंड में अतिक्रमण हटाने का सिलसिला एक बार फिर से शुरू होने जा रहा है. बुधवार से शुरू होने जा रहा अतिक्रमण हटाओ अभियान पिछले अभियान से भी व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा. अपर मुख्य सचिव की मानें तो अतिक्रमण मुक्त करने के बाद इन स्थलों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. जिसके लिए सरकार कार्य योजना तैयार कर रही है. वहीं, इस बार अतिक्रमण हटाओ अभियान में बाधा डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि पिछले साल से शुरू हुए इस अभियान में निकाय चुनाव, लोकसभा चुनाव, कांवड़ मेले समेत तमाम व्यवधान आए थे. एक बार फिर से शहर के मुख्य और आंतरिक मार्गों पर अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया जा रहा है, लेकिन कॉलोनियों के अंदर ये अभियान नहीं चलाया जाएगा. इन जगहों पर एमडीडीए और आवास विकास विभाग स्वतंत्र कार्रवाई करेगा.
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अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अतिक्रमण हटाने को लेकर शहरवासियों ने 100 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की हैं. जिन्हें प्राथमिकता दी जाएगी. अतिक्रमण हटाए जाने के बाद दोबारा अतिक्रमण न हो, इसके लिए शासन की ओर सौंदर्यीकरण समेत अन्य उपयोग के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है. साथ ही बताया कि बीते साल की गई अतिक्रमण मुक्त 4 मुख्य मार्गों के पुनर्निर्माण के लिए 27 करोड़ दिए गए हैं. जिसमें सबसे ज्यादा प्रेमनगर के लिये 20 करोड़ रुपए दिए गए हैं. आगे के अभियान के लिए भी 50 करोड़ रुपये जल्द ही प्रस्तावित किए जाएंगे.
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उन्होंने बताया कि बीते साल चिह्नित किए गए अतिक्रमण का तकरीबन 90 फीसदी हटाया जा चुका है. एक बार फिर से चिह्निकरण के साथ अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. जो करीब एक महीने तक चलेगी. साथ ही कार्रवाई के दौरान व्यवधान डालने पर उत्तर प्रदेश नगर नियोजन अधिनियम की धारा 26(ए) एक्ट के तहत 2 साल की सजा और 20 हजार तक का जुर्माना हो सकता है. ये कार्रवाई अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाई जाएगी.