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चारधाम यात्रा तैयारियों में जुटा प्रशासन, चुनौती साबित हो रही बर्फबारी

अप्रैल महीने से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के लिए प्रशासन ने तैयारियां जोरों पर है. जिसको लेकर प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर रहा है.

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Published : Mar 14, 2020, 7:22 PM IST

uttrakhand
चारधाम यात्रा

देहरादून: राज्य में चारधाम यात्रा अप्रैल महीने से शुरू होनी है. जिसको देखते हुए प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं. जबकि, राज्य में मौसम की बेरुखी लगातार बरकरार है. ऐसे में केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में भारी बर्फबारी का सिलसिला जारी है. वहीं, शासन के लिए केदारनाथ धाम में जमी बर्फ को स्नो कटर से काटकर यात्रियों के मंदिर पहुंचने के रास्ते को बनाना एक बड़ी चुनौती है.

चारधाम यात्रा

बता दें कि देवभूमि उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा अप्रैल माह से शुरू हो रही है. जिसमें अक्षय तृतीया को पतित पावनी मां गंगा के दिन गंगोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे. इसके साथ ही सुप्रसिद्ध मां यमुनोत्री धाम के भी कपाट विधि-विधान से खोल दिए जाएंगे. जिसके बाद देवों के देव महादेव भोले बाबा केदारनाथ जी के कपाट पौराणिक परंपराओं के अनुसार खोलने की परंपरा होती है. विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट भी विधि-विधान और वैदिक मंत्र उच्चारण के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते है.

ये भी पढ़ें: 105 फीट ऊंचे झंडा जी का हुआ आरोहण, ऐतिहासिक पल के गवाह बने लाखों श्रद्धालु

दरअसल, केदार वैली का मौसम अक्सर बदलता रहता है, बदले मौसम के कारण केदारनाथ धाम में बर्फबारी होती रहती है. लिहाजा, प्रशासन द्वारा अपनी रणनीति बना ली गई है. ताकि, कपाट खुलने के शुभ मुहूर्त से पहले बर्फबारी के साथ-साथ श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त कर लिया जाएगा. सरकारी तंत्र और शासन के जिम्मेदार अधिकारियों की मानें तो उन्होंने भरोसा दिलाया कि समय रहते बर्फ हटाने के साथ ही यात्रियों से जुड़ी सभी मूलभूत सुविधाएं बेहतर कर ली जाएंगी.

वहीं, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि केदारनाथ धाम में कई फीट तक बर्फ जमी हुई है. जिसको देखते हुए बर्फ हटाकर श्रद्धालुओं के लिए रास्ता तैयार करने की शासन स्तर पर रणनीति बनाई जा चुकी है. ताकि, निर्धारित समय में रास्ता खोला जा सके.

देहरादून: राज्य में चारधाम यात्रा अप्रैल महीने से शुरू होनी है. जिसको देखते हुए प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं. जबकि, राज्य में मौसम की बेरुखी लगातार बरकरार है. ऐसे में केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में भारी बर्फबारी का सिलसिला जारी है. वहीं, शासन के लिए केदारनाथ धाम में जमी बर्फ को स्नो कटर से काटकर यात्रियों के मंदिर पहुंचने के रास्ते को बनाना एक बड़ी चुनौती है.

चारधाम यात्रा

बता दें कि देवभूमि उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा अप्रैल माह से शुरू हो रही है. जिसमें अक्षय तृतीया को पतित पावनी मां गंगा के दिन गंगोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे. इसके साथ ही सुप्रसिद्ध मां यमुनोत्री धाम के भी कपाट विधि-विधान से खोल दिए जाएंगे. जिसके बाद देवों के देव महादेव भोले बाबा केदारनाथ जी के कपाट पौराणिक परंपराओं के अनुसार खोलने की परंपरा होती है. विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट भी विधि-विधान और वैदिक मंत्र उच्चारण के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते है.

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दरअसल, केदार वैली का मौसम अक्सर बदलता रहता है, बदले मौसम के कारण केदारनाथ धाम में बर्फबारी होती रहती है. लिहाजा, प्रशासन द्वारा अपनी रणनीति बना ली गई है. ताकि, कपाट खुलने के शुभ मुहूर्त से पहले बर्फबारी के साथ-साथ श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त कर लिया जाएगा. सरकारी तंत्र और शासन के जिम्मेदार अधिकारियों की मानें तो उन्होंने भरोसा दिलाया कि समय रहते बर्फ हटाने के साथ ही यात्रियों से जुड़ी सभी मूलभूत सुविधाएं बेहतर कर ली जाएंगी.

वहीं, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि केदारनाथ धाम में कई फीट तक बर्फ जमी हुई है. जिसको देखते हुए बर्फ हटाकर श्रद्धालुओं के लिए रास्ता तैयार करने की शासन स्तर पर रणनीति बनाई जा चुकी है. ताकि, निर्धारित समय में रास्ता खोला जा सके.

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