मसूरी: नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन द्वारा मसूरी-टिहरी बाईपास पर आईडीएच बिल्डिंग के पास उत्तर प्रदेश निर्माण निगम द्वारा बनाए गए 40 फ्लैट में से 18 फ्लैट में अनाधिकृत रूप से कब्जा को प्रशासन और पुलिस ने बलपूर्वक खाली कराया. इस मौके पर मसूरी एसडीएम मनीष कुमार और अधिशासी अधिकारी एमएल शाह के नेतृत्व में पालिका की टीम द्वारा फ्लैटों को सील किया गया.
बताया जा रहा है कि जेएनआरयूएम के तहत गरीब लोगों के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत 96 फ्लैट स्वीकृत किए गए थे. जिसमें से 40 फ्लैट ही बन पाए. केंद्र सरकार ने 40 लोगों की सूची भेजी थी जिनको फ्लैट दिये जाने थे. फ्लैट को खाली कराने गए पालिका प्रशासन और पुलिस को लोगों का भारी विरोध झेलना पड़ा. इस मौके पर एक व्यक्ति बेहोश भी हो गया. वहीं, महिलाओं और बच्चों का भी रो-रोकर बुरा हाल था.
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पीड़ित लोगों का मानना है कि पालिका प्रशासन द्वारा उन्हे 2013 में मसूरी में आई आपदा के बाद उनको आईडीएच बिल्डिंग में बसाया गया था. अब उनको पालिका प्रशासन ने फ्लैट को खाली करने के लिये कोई नोटिस भी नहीं दिया. शनिवार को एकाएक सैकड़ों की तादाद में पालिका के कर्मचारी और पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में इन्हें खाली करा दिया गया.
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उन्होंने कहा कि प्रशासन उनके साथ आमानवीय व्यवहार कर रहा है. कोरोना काल और बारिश में वे लोग जाये तो जांये कहा. उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी अनदेखी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन और सरकार उनकी व्यवस्था नहीं करती तो वे सभी अपने परिवार के साथ खाली घरों के बाहर ही भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे. जिसके बाद आगे की जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी.
वहीं, अधिशासी अधिकारी एमएल शाह ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद आईडीएच बिल्डिंग में अनाधिकृत रूप से रह रहे लोगों के बाहर निकाला गया है. उन्होने कहा कि 28 अगस्त को अधिशासी अधिकारी आशुतोष सती द्वारा सभी कब्जेधारियों को फ्लैट खाली करने के निर्देश दे दिये गए थे. उन्होंने कहा कि खाली हुए फ्लैट में अभी किसी को भी विस्थापित करने की कोई योजना नहीं है.