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अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले 8 अस्पतालों पर गिरी गाज, सूचीबद्धता समाप्त - अटल आयुष्मान योजना में अनियमितता

उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना के तहत मरीजों के इलाज की आड़ में फर्जीवाड़ा कर सरकार को जमकर चूना लगाने वाले 8 निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस अस्पतालों को अटल आयुष्मान योजना की सूचीबद्धता से बाहर कर दिया गया है.

atal ayushman uttarakhand yojana
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Published : Aug 10, 2019, 4:48 PM IST

Updated : Aug 10, 2019, 5:15 PM IST

देहरादूनः अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जीवाड़ा कर सरकार को चपत लगाने वाले 8 अस्पतालों की सूचीबद्धता समाप्त कर दी गई है. योजना के अपर निदेशक के मुताबिक, मरीजों के इलाज के नाम पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के चलते अभी तक आठ अस्पतालों पर कार्रवाई की जा चुकी है.

अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले 8 अस्पताल सूचीबद्धता से बाहर.

गौर हो कि इस योजना के तहत गरीब परिवारों को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए सालाना पांच लाख रुपये तक की निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है. इसके के लिए राज्य के सरकारी अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, संयुक्त अस्पताल और बेस अस्पतालों को शामिल किया गया था. साथ ही निजी अस्पतालों को भी इसमें सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन अटल आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पताल और डॉक्टर मरीजों के इलाज की आड़ में फर्जीवाड़ा कर सरकार को लाखों का चूना लगा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः देवभूमि में रेप की घटनाओं से फूटा आक्रोश, चंद्राचार्य चौक पर 2 घंटे मौन रखकर किया प्रदर्शन

इसी कड़ी में देवकीनंदन अस्पताल काशीपुर को अटल आयुष्मान योजना में अनियमितता पाए जाने पर सूची से बाहर कर दिया गया है. ऐसे में अब तक आठ अस्पतालों पर कार्रवाई की जा चुकी है. अटल आयुष्मान योजना के निदेशक अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि पहले भी कई अस्पतालों को योजना में फर्जीवाड़ा के जाने पर नोटिस जारी किए गए थे, जिसमें उन्हें कारण बताओ नोटिस के जरिए निजी अस्पताल में की गई अनियमितताओं पर जवाब मांगा गया था.

उन्होंने कहा कि अस्पतालों की ओर से कोई संतोषजनक जबाव नहीं मिल पाया. जिसे देखते हुए 8 अस्पतालों की सूचीबद्धता को समाप्त किया गया है. इन अस्पतालों में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं बरती गई थी. साथ ही बताया कि अस्पतालों की ओर से सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन नहीं किया जा रहा था, जिस कारण इन अस्पतालों की सूचीबद्धता समाप्त कर दी गई है.

देहरादूनः अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जीवाड़ा कर सरकार को चपत लगाने वाले 8 अस्पतालों की सूचीबद्धता समाप्त कर दी गई है. योजना के अपर निदेशक के मुताबिक, मरीजों के इलाज के नाम पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के चलते अभी तक आठ अस्पतालों पर कार्रवाई की जा चुकी है.

अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले 8 अस्पताल सूचीबद्धता से बाहर.

गौर हो कि इस योजना के तहत गरीब परिवारों को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए सालाना पांच लाख रुपये तक की निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है. इसके के लिए राज्य के सरकारी अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, संयुक्त अस्पताल और बेस अस्पतालों को शामिल किया गया था. साथ ही निजी अस्पतालों को भी इसमें सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन अटल आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पताल और डॉक्टर मरीजों के इलाज की आड़ में फर्जीवाड़ा कर सरकार को लाखों का चूना लगा रहे हैं.

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इसी कड़ी में देवकीनंदन अस्पताल काशीपुर को अटल आयुष्मान योजना में अनियमितता पाए जाने पर सूची से बाहर कर दिया गया है. ऐसे में अब तक आठ अस्पतालों पर कार्रवाई की जा चुकी है. अटल आयुष्मान योजना के निदेशक अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि पहले भी कई अस्पतालों को योजना में फर्जीवाड़ा के जाने पर नोटिस जारी किए गए थे, जिसमें उन्हें कारण बताओ नोटिस के जरिए निजी अस्पताल में की गई अनियमितताओं पर जवाब मांगा गया था.

उन्होंने कहा कि अस्पतालों की ओर से कोई संतोषजनक जबाव नहीं मिल पाया. जिसे देखते हुए 8 अस्पतालों की सूचीबद्धता को समाप्त किया गया है. इन अस्पतालों में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं बरती गई थी. साथ ही बताया कि अस्पतालों की ओर से सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन नहीं किया जा रहा था, जिस कारण इन अस्पतालों की सूचीबद्धता समाप्त कर दी गई है.

Intro: अटल आयुष्मान योजना के तहत ज्यादा कमाई के लालच में निजी अस्पताल मरीजों के इलाज की आड़ में फर्जीवाड़ा करने में लगे हैं। दरअसल केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण अटल आयुष्मान योजना को निजी अस्पताल और चिकित्सक पलीता लगाने में लगे हुए हैं। देवकीनंदन हॉस्पिटल काशीपुर को अटल आयुष्मान योजना में अनियमितता पाए जाने पर सूची व से बाहर कर दिया गया है। अटल आयुष्मान योजना के अपर निदेशक के मुताबिक मरीजों के इलाज के नाम पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के चलते अभी तक आठ अस्पतालों पर कार्रवाई की जा चुकी है।


Body:उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना के निदेशक अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि पूर्व में भी कई अस्पतालों को योजना में फर्जीवाड़ा के जाने पर नोटिस जारी किए गए थे, जिसमें उन्हें कारण बताओ नोटिस के जरिए निजी अस्पताल में की गई अनियमितताओं पर जवाब मांगा गया था। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने की सूरत में अभी तक 8 स्थानों की सूचीबद्धता को समाप्त किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इन अस्पतालों में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं बरती गई थी। अस्पतालों द्वारा भारत सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन नहीं किया जा रहा था, जिस कारण इन अस्पतालों की सूचीबद्धत समाप्त कर दी गई।

बाईट- अभिषेक त्रिपाठी, अपर निदेशक, अटल आयुष्मान योजना


Conclusion:गौर है कि प्रधानमंत्री द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना प्रारंभ की गई थी। जिसके तहत प्रदेश के गरीब परिवारों को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए प्रति वर्ष पाँच लाख रुपये तक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई थी। इस सुविधा के तहत राज्य के सरकारी अस्पतालों ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों ,जिला अस्पतालों, संयुक्त चिकित्सालय और बेस चिकित्सालययों को शामिल किया गया था। वहीं मरीज को रेफर करने के आधार पर निजी चिकित्सालयों को भी सूचिबद्ध किया गया था। लेकिन देहरादून के कुछ निजी चिकित्सालयों द्वारा इलाज के नाम पर अटल आयुष्मान योजना पर पलीता लगाया जा रहा था, जिसके बाद संबंधित विभाग ने कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड के 8 अस्पतालों की सूचीबद्धता को समाप्त कर दिया है।

नोट- अटल आयुष्मान में फर्जीवाड़ा नाम से फोल्डर एफटीपी के माध्यम से भेजा गया है जिसमें अटल आयुष्मान योजना के अपर निदेशक अभिषेक त्रिपाठी की बाइट भी मौजूद है, इसके साथ ही जिन 8 अस्पतालों पर कार्रवाई हुई है उनकी सूची भी फोल्डर में भेजी गई है
Last Updated : Aug 10, 2019, 5:15 PM IST
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