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रसूख के आगे लचर सरकारी सिस्टम, सीलिंग के बाद भी चलता रहा निर्माणकार्य - ऋषिकेश में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई

अवैध निर्माणाधीन जिन बिल्डिंगों को एमडीडीए (मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण) ने सील किया था. उनका निर्माण कार्य फिर से शुरू हो गया. हालांकि एमडीडीए ने दोबारा कार्रवाई करते हुए फिर से इस बिल्डिंग्स को सील कर दिया है.

रसूख के आगे लचर सरकारी सिस्टम
रसूख के आगे लचर सरकारी सिस्टम
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Published : Feb 2, 2021, 7:25 PM IST

ऋषिकेश: अवैध निर्माणों पर रोक लगाने वाला सरकारी सिस्टम कितना लचर हो चुका है, इसका एक उदाहरण ऋषिकेश में देखने को मिला. यहां एमडीडीए (मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण) ने अवैध निर्माण बताकर जिस निर्माणाधीन बिल्डिंग को सील किया था, उसका निर्माण कार्य फिर से शुरू हो गया था. हालांकि एमडीडीए ने दोबारा कार्रवाई करते हुए फिर बिल्डिंग को सील कर दिया.

रसूख के आगे लचर सरकारी सिस्टम.

दरअसल, मामला आस्थापथ के नजदीक एक निर्माणाधीन बिल्डिंग से जुड़ा है. बताया जा रहा है कि शहर का एक रसूखदार व्यापारी इस बिल्डिंग का निर्माण करा रहे हैं. एमडीडीए पहले भी कई बार इस निर्माणाधीन इमारत को अवैध बताकर सील कर चुका है. बावजूद इसके बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू हो जाता है. ऐसे ही करते हुए बिल्डिंग का आंधे से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इसके पता चलता है कि रसूख के आगे एमडीडीए भी अपने आप लचर महसूस कर रहा है.

पढ़ें- बदरीनाथ मास्टर प्लान के तहत जल्द शुरू होंगे पुनर्निर्माण कार्य

सबसे बड़ा सवाल यही है कि जिस निर्माणाधीन बिल्डिंग को एमडीडीए अवैध बताकर कई बार सील कर चुकी है, उसका बिल्डिंग का निर्माण कार्य आधे से ज्यादा कैसे पूरा हो गया? हालांकि इस बारे में जब सहायक अभियंता सुधीर गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सचिव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई. न्यायालय के आदेश के मुताबिक गंगा के आसपास निर्माण प्रतिबंधित है. बावजूद मौके पर निर्माण किया जा रहा था, जिसे सील कर दिया गया है.

ऋषिकेश: अवैध निर्माणों पर रोक लगाने वाला सरकारी सिस्टम कितना लचर हो चुका है, इसका एक उदाहरण ऋषिकेश में देखने को मिला. यहां एमडीडीए (मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण) ने अवैध निर्माण बताकर जिस निर्माणाधीन बिल्डिंग को सील किया था, उसका निर्माण कार्य फिर से शुरू हो गया था. हालांकि एमडीडीए ने दोबारा कार्रवाई करते हुए फिर बिल्डिंग को सील कर दिया.

रसूख के आगे लचर सरकारी सिस्टम.

दरअसल, मामला आस्थापथ के नजदीक एक निर्माणाधीन बिल्डिंग से जुड़ा है. बताया जा रहा है कि शहर का एक रसूखदार व्यापारी इस बिल्डिंग का निर्माण करा रहे हैं. एमडीडीए पहले भी कई बार इस निर्माणाधीन इमारत को अवैध बताकर सील कर चुका है. बावजूद इसके बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू हो जाता है. ऐसे ही करते हुए बिल्डिंग का आंधे से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इसके पता चलता है कि रसूख के आगे एमडीडीए भी अपने आप लचर महसूस कर रहा है.

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सबसे बड़ा सवाल यही है कि जिस निर्माणाधीन बिल्डिंग को एमडीडीए अवैध बताकर कई बार सील कर चुकी है, उसका बिल्डिंग का निर्माण कार्य आधे से ज्यादा कैसे पूरा हो गया? हालांकि इस बारे में जब सहायक अभियंता सुधीर गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सचिव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई. न्यायालय के आदेश के मुताबिक गंगा के आसपास निर्माण प्रतिबंधित है. बावजूद मौके पर निर्माण किया जा रहा था, जिसे सील कर दिया गया है.

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