ETV Bharat / state

NCRB-2018 रिपोर्टः उत्तराखंड में बढ़े मौत के आंकड़े, आत्महत्या के मामले में भी हुई बढ़ोतरी - आकस्मिक मौतें और आत्महत्याएं डेटा

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की जारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में साल 2017 के मुकाबले प्राकृतिक और अन्य कारणों की वजह से हुई मौतों में बढ़ोतरी हुई है.

उत्तराखंड में बढ़े मौत के आंकड़े
national crime records bureau
author img

By

Published : Jan 12, 2020, 12:22 PM IST

Updated : Jan 12, 2020, 4:08 PM IST

देहरादून: प्रदेश में साल दर साल आकस्मिक मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. वहीं, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने उत्तराखंड में साल 2018 में हुए आकस्मिक मौत और आत्महत्याओं का डाटा जारी किया है. एनसीआरबी की रिपोर्ट का विश्लेषण करें तो साल 2017 में प्राकृतिक और अन्य कारणों की वजह से 1581 मौत हुईं थी. जबकि, ये आंकड़ा साल 2018 में बढ़कर 1924 हो गया. वहीं, आत्महत्या के मामले भी साल 2017 के मुकाबले साल 2018 में 27.2 फीसदी की बढोतरी हुई है.

रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में दुर्घटनाओं और अन्य कारणों की वजह से कई मौते हुईं है. जो साल 2017 के मुकाबले ज्यादा है. जिसमें 21.7 फीसदी की बढोतरी हुई है.

उत्तराखंड में प्राकृतिक और अन्य कारणों से हुई मौतें

साल प्राकृतिक कारण अन्य कारणों से मौत कुल मौतें
2017 64 1517 1581
2018 69 1855 1924

उम्र और लिंग के आधार पर हुई आकस्मिक मौतें

साल पुरुष महिला अन्य कुल मौतें
2018 1485 439 0 1924

साल 2018 में मरने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है. जिसमें 1485 पुरुष और 439 महिलाएं शामिल हैं.

प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुईं मौतें

साल ठंड के कारण मौत बाढ़ भूस्खलन
2018 20 0 42

वहीं, भूस्खलन से सबसे ज्यादा मौतें केरल में हुईं हैं. जिसमें 135 लोगों ने जान गंवाई हैं. दूसरे नंबर पर उत्तराखंड है. जहां पर 42 लोग भूस्खलन की चपेट में आए और उनकी मौत हो गई. जबकि, तीसरे नंबर पर उड़ीसा में 37 लोगों की मौत हुई है.

ये भी पढे़ंः NCRB-2018 की रिपोर्ट ने प्रदेश सरकार पर खड़े किए सवाल, पिछले साल की तुलना में बढ़े अपराध

अन्य कारणों से हुई मौतें

कारण डूबने करंट गिरने से मौत आगजनी ट्रैफिक हादसे सड़क हादसे रेलवे हादसे
मौत 196 15 117 23 1106 1073 16
पुरुष- 856 पुरुष- 831
महिला- 250 महिला- 242
कारण हार्ट अटैक गर्भवती महिलाओं की मौत शराब पीने से मौत जानवरों के हमले ओवरडोज ड्रग्स और नशा
मौत 102 2 0 24 6
पुरुष- 85
महिला- 17

उत्तराखंड में अन्य कारणों से 1855 लोगों की मौत हुई है. जिसमें सबसे ज्यादा मौत ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के कारण हुईं है. जो काफी चौंकाने वाली है.

सड़क हादसे

साल 2017 2018 फीसदी
मौत 1580 1469 -7%

साल 2018 में 2017 के मुकाबले सड़क हादसों में कमी आई है. जिसमें साल 2018 में 1073 लोगों ने जान गंवाई है.

रेल हादसे

साल 2017 2018 फीसदी
मौत 13 16 32.1%

रेल हादसों में साल 2018 में 16 लोगों की मौत हुई है. जो साल 2017 के मुकाबले 32.1% है.

सड़क हादसे (कारण)

कारण खराब मौसम लापरवाही ड्राइविंग ओवरस्पीड सड़कों की खराब स्थिति
मौत 144 267 369 109

सड़क हादसा (क्षेत्र)

क्षेत्र ग्रामीण शहरी
मौत 560 513

ग्रामीण क्षेत्रों में सड़के हादसे साल 2017 के मुकाबले 2018 में ज्यादा हुए हैं. जिसमें 560 लोगों की मौत हुई है.

आत्महत्या के आंकड़े

साल 2017 2018 फीसदी
मौत 331 421 27.2

साल 2018 में 421 लोगों ने खुदकुशी कर अपनी जीवन लीला समाप्त की है. जबकि, 2017 में ये आंकड़ा केवल 331 था. जो साल 2017 के मुकाबले 27.2 फीसदी ज्यादा है. जिसमें 249 पुरुष और 72 महिलाएं शामिल हैं.

आत्महत्या (कारण)

कारण शादी पारिवारिक कलह ड्रग्स और शराब की लत प्रेम प्रसंग बेरोजगारी
कुल मौत 32 150 22 29 7

आपराधिक रिपोर्ट के अनुसार, पारिवारिक कलह और परेशानियों की वजह से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की है. जबकि, विवाह के कारण भी 32 लोगों ने खुदकुशी की है. वहीं, प्रेम प्रसंग के चलते भी 29 लोगों ने मौत को गले लगाया है. इतना ही नहीं बेरोजगारी से 7 लोगों ने मौत का रास्ता अपनाया है. बता दें कि ये आंकड़ा 2018 तक का है. जिसमें 2019 और 2020 का डेटा सम्मिलित नहीं है.

देहरादून: प्रदेश में साल दर साल आकस्मिक मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. वहीं, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने उत्तराखंड में साल 2018 में हुए आकस्मिक मौत और आत्महत्याओं का डाटा जारी किया है. एनसीआरबी की रिपोर्ट का विश्लेषण करें तो साल 2017 में प्राकृतिक और अन्य कारणों की वजह से 1581 मौत हुईं थी. जबकि, ये आंकड़ा साल 2018 में बढ़कर 1924 हो गया. वहीं, आत्महत्या के मामले भी साल 2017 के मुकाबले साल 2018 में 27.2 फीसदी की बढोतरी हुई है.

रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में दुर्घटनाओं और अन्य कारणों की वजह से कई मौते हुईं है. जो साल 2017 के मुकाबले ज्यादा है. जिसमें 21.7 फीसदी की बढोतरी हुई है.

उत्तराखंड में प्राकृतिक और अन्य कारणों से हुई मौतें

साल प्राकृतिक कारण अन्य कारणों से मौत कुल मौतें
2017 64 1517 1581
2018 69 1855 1924

उम्र और लिंग के आधार पर हुई आकस्मिक मौतें

साल पुरुष महिला अन्य कुल मौतें
2018 1485 439 0 1924

साल 2018 में मरने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है. जिसमें 1485 पुरुष और 439 महिलाएं शामिल हैं.

प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुईं मौतें

साल ठंड के कारण मौत बाढ़ भूस्खलन
2018 20 0 42

वहीं, भूस्खलन से सबसे ज्यादा मौतें केरल में हुईं हैं. जिसमें 135 लोगों ने जान गंवाई हैं. दूसरे नंबर पर उत्तराखंड है. जहां पर 42 लोग भूस्खलन की चपेट में आए और उनकी मौत हो गई. जबकि, तीसरे नंबर पर उड़ीसा में 37 लोगों की मौत हुई है.

ये भी पढे़ंः NCRB-2018 की रिपोर्ट ने प्रदेश सरकार पर खड़े किए सवाल, पिछले साल की तुलना में बढ़े अपराध

अन्य कारणों से हुई मौतें

कारण डूबने करंट गिरने से मौत आगजनी ट्रैफिक हादसे सड़क हादसे रेलवे हादसे
मौत 196 15 117 23 1106 1073 16
पुरुष- 856 पुरुष- 831
महिला- 250 महिला- 242
कारण हार्ट अटैक गर्भवती महिलाओं की मौत शराब पीने से मौत जानवरों के हमले ओवरडोज ड्रग्स और नशा
मौत 102 2 0 24 6
पुरुष- 85
महिला- 17

उत्तराखंड में अन्य कारणों से 1855 लोगों की मौत हुई है. जिसमें सबसे ज्यादा मौत ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के कारण हुईं है. जो काफी चौंकाने वाली है.

सड़क हादसे

साल 2017 2018 फीसदी
मौत 1580 1469 -7%

साल 2018 में 2017 के मुकाबले सड़क हादसों में कमी आई है. जिसमें साल 2018 में 1073 लोगों ने जान गंवाई है.

रेल हादसे

साल 2017 2018 फीसदी
मौत 13 16 32.1%

रेल हादसों में साल 2018 में 16 लोगों की मौत हुई है. जो साल 2017 के मुकाबले 32.1% है.

सड़क हादसे (कारण)

कारण खराब मौसम लापरवाही ड्राइविंग ओवरस्पीड सड़कों की खराब स्थिति
मौत 144 267 369 109

सड़क हादसा (क्षेत्र)

क्षेत्र ग्रामीण शहरी
मौत 560 513

ग्रामीण क्षेत्रों में सड़के हादसे साल 2017 के मुकाबले 2018 में ज्यादा हुए हैं. जिसमें 560 लोगों की मौत हुई है.

आत्महत्या के आंकड़े

साल 2017 2018 फीसदी
मौत 331 421 27.2

साल 2018 में 421 लोगों ने खुदकुशी कर अपनी जीवन लीला समाप्त की है. जबकि, 2017 में ये आंकड़ा केवल 331 था. जो साल 2017 के मुकाबले 27.2 फीसदी ज्यादा है. जिसमें 249 पुरुष और 72 महिलाएं शामिल हैं.

आत्महत्या (कारण)

कारण शादी पारिवारिक कलह ड्रग्स और शराब की लत प्रेम प्रसंग बेरोजगारी
कुल मौत 32 150 22 29 7

आपराधिक रिपोर्ट के अनुसार, पारिवारिक कलह और परेशानियों की वजह से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की है. जबकि, विवाह के कारण भी 32 लोगों ने खुदकुशी की है. वहीं, प्रेम प्रसंग के चलते भी 29 लोगों ने मौत को गले लगाया है. इतना ही नहीं बेरोजगारी से 7 लोगों ने मौत का रास्ता अपनाया है. बता दें कि ये आंकड़ा 2018 तक का है. जिसमें 2019 और 2020 का डेटा सम्मिलित नहीं है.

Intro:Body:

NCRB-2018 रिपोर्टः उत्तराखंड में बढ़े मौत के आंकड़े, आत्महत्या के मामले में भी हुई बढ़ोतरी 

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की जारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में साल 2017 के मुकाबले प्राकृतिक और अन्य कारणों की वजह से हुई मौतों में बढ़ोत्तरी हुई है. 

देहरादून: प्रदेश में साल दर साल आकस्मिक मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. वहीं नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने उत्तराखंड में साल 2018 में हुए आकस्मिक मौत और आत्महत्याओं का डाटा जारी किया है. एनसीआरबी की रिपोर्ट का विश्लेषण करें तो साल 2017 में प्राकृतिक और अन्य कारणों की वजह से 1581 मौत हुईं थी. जबकि, ये आंकड़ा साल 2018 में बढ़कर 1924 हो गया. वहीं, आत्महत्या के मामले भी साल 2017 के मुकाबले साल 2018 में 27.2 फीसदी की बढोतरी हुई है. 

रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में दुर्घटनाओं और अन्य कारणों की वजह से कई मौते हुईं है. जो साल 2017 के मुकाबले ज्यादा है. जिसमें 21.7 फीसदी की बढोतरी हुई है. 

उत्तराखंड में प्राकृतिक और अन्य कारणों से हुई मौतें-

साल             प्राकृतिक कारण        अन्य कारणों से मौत           कुल मौतें 

2017         64               1517            1581

2018         69        1855                1924 

उम्र और लिंग के आधार पर हुई आकस्मिक मौतें-

साल          पुरुष        महिला         अन्य         कुल मौतें 

2018        1485         439         0        1924 

साल 2018 में मरने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है. जिसमें 1485 पुरुष और 439 महिलाएं शामिल हैं.  

प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुईं मौतें- 

साल        ठंड के कारण मौत     बाढ़    भूस्खलन     

 2018        20            0    42 

वहीं, भूस्खलन से सबसे ज्यादा मौतें केरल में हुईं हैं. जिसमें 135 लोगों ने जान गंवाई हैं. दूसरे नंबर पर उत्तराखंड है. जहां पर 42 लोग भूस्खलन की चपेट में आए और उनकी मौत हो गई. जबकि, तीसरे नंबर पर उड़ीसा में 37 लोगों की मौत हुई है. 

ये भी पढे़ंः 

अन्य कारणों से हुई मौतें 

डूबने    करंट     गिरने से मौत    आगजनी  ट्रैफिक हादसे   सड़क हादसे रेलवे हादसे  

मौत 196    15    117        23        1106        1073     16 

                        पुरुष-856    पुरुष-831                                    महिला-250    महिला-242

कारण हार्ट अटैक  गर्भवती महिलाओं की मौत शराब पीने से मौत जानवरों के हमले  ओवरडोज ड्रग्स  

मौत 102         2            0        24        6

पुरुष-85 

महिला-17

उत्तराखंड में अन्य कारणों से 1855 लोगों की मौत हुई है. जिसमें सबसे ज्यादा मौत ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के कारण हुईं है. जो काफी चौकानें वाली है. 

सड़क हादसे 

साल 2017                 2018         फिसदी 

मौत 1580                     1469         -7%

साल 2018 में 2017 के मुकाबले सड़क हादसों में कमी आई है. जिसमें साल 2018 में 1073 लोगों ने जान गंवाई है. 

रेल हादसे 

साल  2017                 2018         फिसदी 

मौत  13                     16        32.1% 

रेल हादसो में साल 2018 में 16 लोगों की मौत हुई है. जो साल 2017 के मुकाबले 32.1% है.

सड़क हादसे (कारण) 

कारण खराब मौसम         लापरवाही ड्राइविंग     ओवरस्पीड   सड़कों की खराब स्थिति 

मौत 144            267                 369         109 

सड़के हादसे (क्षेत्र) 

क्षेत्र         ग्रामीण                 शहर 

मौत         560                 513 

ग्रामीण क्षेत्रों में सड़के हादसे साल 2017 के मुकाबले 2018 में ज्यादा हुए हैं. जिसमें 560 लोगों की मौत हुई है. 

आत्महत्या के आंकड़े 

साल   2017         2018         फिसदी 

मौत     331         421         27.2 

साल 2018 में 421 लोगों ने खुदकुशी कर अपनी जीवन लीला समाप्त की है. जबकि 2017 में ये आंकड़ा केवल 331 था. जो साल 2017 के मुकाबले 27.2 फीसदी ज्यादा है. जिसमें 249 पुरुष और 72 महिलाएं शामिल हैं. 

आत्महत्या (कारण)

कारण   शादी      पारिवारिक कलह ड्रग्स और शराब की लत  प्रेम प्रसंग   बेरोजगारी 

कुल मौत   32         150         22             29     7

अपराधिक रिपोर्ट के अनुसार, पारिवारिक कलह और परेशानियों की वजह से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की है. जबकि, विवाह के कारण भी 32 लोगों ने खुदकुशी की है. वहीं, प्रेम प्रसंग के चलते भी 29 लोगों ने मौत को गले लगाया है. इतना ही नहीं बेरोजगारी से 7 लोगों ने मौत का रास्ता अपनाया है.  

बता दें कि ये आंकड़ा 2018 तक का है. जिसमें 2019 और 2020 को सम्मिलित नहीं है.


Conclusion:
Last Updated : Jan 12, 2020, 4:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.