देहरादून: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए उत्तराखंड सरकार 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार कर रही है. इसके साथ ही मई महीने में भी सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करवाने का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार केंद्र को भेजेगी. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में कोरोना वायरस से निपटने की रणनीति पर चर्चा हुई और तय की गई कार्य योजना को केंद्र सरकार को भेजने का फैसला लिया गया है.
उत्तराखंड सरकार जल्द ही केंद्र सरकार को कोरोना वायरस को लेकर आगे की रणनीति का प्रस्ताव भेजेगी. त्रिवेंद्र सरकार कोरोना वायरस पर 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजेगी. राज्य सरकार द्वारा तय किए गए प्रस्ताव में कई बातें रखी गई हैं. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन 31 मई तक करने, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की अनिवार्यता और चिन्हित हॉटस्पॉट में आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगाने जैसे निर्णय लिए हैं.
ये भी पढ़ें: लॉकडाउन में मजदूर और व्यापारी कितने 'डाउन', ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट
दो कैटेगरी में बंटेगा प्रदेश
त्रिवेंद्र सरकार ने कोरोना वायरस से हो रही जंग के बीच प्रदेश को दो कैटगरी में बांटने का फैसला लिया है. प्रदेश में A कैटेगरी में उन जिलों को रखा जाएगा, जहां कोरोना वायरस के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं. B कैटेगरी में कोरोना वायरस से संक्रमित जिलों को रखा जाएगा. जबकि हॉटस्पॉट क्षेत्र को पूरी तरह से बैन किया जाएगा और इन इलाकों में सख्ती से लॉकडाउन का पालन कराया जाएगा.
उत्तराखंड में धारा-144 लागू रहेगी और 30 अप्रैल तक राज्य के सभी जिले और अंतरराष्ट्रीय सीमाएं सील रहेंगी. कैटेगरी A के जिलाधिकारियों को आवाजाही के लिए परमिशन देने का अधिकार दिया गया है. इसके साथ ही उत्तराखंड में सभी शिक्षण संस्थान 15 मई तक बंद रहेंगे. साथ ही पूरे प्रदेश में 15 मई तक AC चलाने पर भी रोक लगाई गई है.