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मतदान आते-आते टूटने लगी आम आदमी पार्टी, पूरे प्रदेश में कई नेताओं का हुआ मोहभंग - Revolt in Aam Aadmi Party

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव आते-आते आम आदमी पार्टी पूरी तरह से टूटती हुई दिखाई दे रही है. दरअसल, पार्टी के कई नेता अब तक अपने दल का साथ छोड़ चुके हैं.

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Published : Feb 11, 2022, 7:28 AM IST

Updated : Feb 11, 2022, 12:19 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सर्द मौसम में भी सियासत गरमाई हुई है. चुनाव-प्रचार को लेकर अब दलों के स्टार प्रचारकों ने प्रदेश में कैंपेन करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में विधानसभा चुनाव आते-आते आम आदमी पार्टी पूरी तरह से टूटती हुई दिखाई दे रही है. दरअसल, पार्टी के कई नेता अब तक अपने दल का साथ छोड़ चुके हैं. स्थिति यह है कि देहरादून से लेकर तमाम जिलों में पार्टी के पदाधिकारी चुनाव तक भी पार्टी में रुकने को तैयार नहीं, जबकि चुनाव नजदीक आते-आते अब यह फेहरिस्त काफी लंबी होती भी दिखाई दे रही है.

आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही प्रदेश में एक तीसरे विकल्प की संभावनाएं नजर आने लगी थी. जैसे-जैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के दौरे उत्तराखंड में लगते रहे, वैसे-वैसे इन उम्मीदों को पंख भी लगने लगे. लेकिन प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की जंग से पहले आम आदमी पार्टी के सैनिकों ने मैदान छोड़ना शुरू कर दिया. स्थिति यह है कि पार्टी के अब तक करीब 50 नेता चुनाव से ठीक पहले पार्टी को छोड़ चुके हैं.

मतदान आते-आते टूटने लगी आम आदमी पार्टी.

पढ़ें-बेटे के प्रचार में उतरे दिनेश धनै, बोले- राजनीति को बदलने के लिए लड़ रहे चुनाव

बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी ने जिस तरह कर्नल अजय कोठियाल को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया, उसके बाद पार्टी के भीतर खलबली सी मच गई और खुद को इस पद पर देखने वाले नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ना शुरू कर दिया. इस मामले पर आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले रविंद्र जुगरान कहते हैं कि आम आदमी पार्टी ने जिस तरह मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया, उससे इस रेस में दौड़ रहे बाकी घोड़ों की उम्मीदें खत्म हो गई. जबकि वह खुद को उनसे बेहतर मानते रहे, यही नहीं पार्टी के भीतर जिस लोकतंत्र की बात की जाती है, वह भी नहीं दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली के इशारों पर ही उत्तराखंड के नेता चलते रहे और इसलिए नेता पार्टी को छोड़ रहे हैं.

पढ़ें-'जो बीजेपी में हैं वो हिंदू नहीं और जो हिंदू हैं वो बीजेपी में नहीं हो सकता'

आम आदमी पार्टी में जिस तरह से टूट हुई है उसकी सबसे ज्यादा खुशी कांग्रेस में ही दिखाई दे रही है. दरअसल, माना जा रहा था कि आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड में दाखिल होने के बाद कांग्रेस को ही इसका सबसे ज्यादा नुकसान होगा. लिहाजा अब आम आदमी पार्टी में भगदड़ मची है तो कांग्रेस के नेता इस पर खूब चटकारे लेकर आम आदमी पार्टी पर बयान जारी कर रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि इस तरह की पार्टियां जो प्रदेश में आती है तो कई ख्वाब भी दिखाती है और दावे भी करती है, लेकिन इनका हकीकत में कोई अस्तित्व नहीं होता. उत्तराखंड में जो हश्र आम आदमी पार्टी का हुआ है, वह उनकी उत्तराखंड चुनाव लड़ने की इच्छा के साथ ही जग जाहिर हो गया था.

इस मामले को लेकर हमने आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता उमा सिसोदिया से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इस मामले पर जवाब देना सही नहीं समझा. बहरहाल जो भी हो लेकिन इतना तय है कि चुनाव से पहले जो झटके आम आदमी पार्टी को मिल रहे हैं, वह पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सर्द मौसम में भी सियासत गरमाई हुई है. चुनाव-प्रचार को लेकर अब दलों के स्टार प्रचारकों ने प्रदेश में कैंपेन करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में विधानसभा चुनाव आते-आते आम आदमी पार्टी पूरी तरह से टूटती हुई दिखाई दे रही है. दरअसल, पार्टी के कई नेता अब तक अपने दल का साथ छोड़ चुके हैं. स्थिति यह है कि देहरादून से लेकर तमाम जिलों में पार्टी के पदाधिकारी चुनाव तक भी पार्टी में रुकने को तैयार नहीं, जबकि चुनाव नजदीक आते-आते अब यह फेहरिस्त काफी लंबी होती भी दिखाई दे रही है.

आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही प्रदेश में एक तीसरे विकल्प की संभावनाएं नजर आने लगी थी. जैसे-जैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के दौरे उत्तराखंड में लगते रहे, वैसे-वैसे इन उम्मीदों को पंख भी लगने लगे. लेकिन प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की जंग से पहले आम आदमी पार्टी के सैनिकों ने मैदान छोड़ना शुरू कर दिया. स्थिति यह है कि पार्टी के अब तक करीब 50 नेता चुनाव से ठीक पहले पार्टी को छोड़ चुके हैं.

मतदान आते-आते टूटने लगी आम आदमी पार्टी.

पढ़ें-बेटे के प्रचार में उतरे दिनेश धनै, बोले- राजनीति को बदलने के लिए लड़ रहे चुनाव

बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी ने जिस तरह कर्नल अजय कोठियाल को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया, उसके बाद पार्टी के भीतर खलबली सी मच गई और खुद को इस पद पर देखने वाले नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ना शुरू कर दिया. इस मामले पर आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले रविंद्र जुगरान कहते हैं कि आम आदमी पार्टी ने जिस तरह मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया, उससे इस रेस में दौड़ रहे बाकी घोड़ों की उम्मीदें खत्म हो गई. जबकि वह खुद को उनसे बेहतर मानते रहे, यही नहीं पार्टी के भीतर जिस लोकतंत्र की बात की जाती है, वह भी नहीं दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली के इशारों पर ही उत्तराखंड के नेता चलते रहे और इसलिए नेता पार्टी को छोड़ रहे हैं.

पढ़ें-'जो बीजेपी में हैं वो हिंदू नहीं और जो हिंदू हैं वो बीजेपी में नहीं हो सकता'

आम आदमी पार्टी में जिस तरह से टूट हुई है उसकी सबसे ज्यादा खुशी कांग्रेस में ही दिखाई दे रही है. दरअसल, माना जा रहा था कि आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड में दाखिल होने के बाद कांग्रेस को ही इसका सबसे ज्यादा नुकसान होगा. लिहाजा अब आम आदमी पार्टी में भगदड़ मची है तो कांग्रेस के नेता इस पर खूब चटकारे लेकर आम आदमी पार्टी पर बयान जारी कर रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि इस तरह की पार्टियां जो प्रदेश में आती है तो कई ख्वाब भी दिखाती है और दावे भी करती है, लेकिन इनका हकीकत में कोई अस्तित्व नहीं होता. उत्तराखंड में जो हश्र आम आदमी पार्टी का हुआ है, वह उनकी उत्तराखंड चुनाव लड़ने की इच्छा के साथ ही जग जाहिर हो गया था.

इस मामले को लेकर हमने आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता उमा सिसोदिया से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इस मामले पर जवाब देना सही नहीं समझा. बहरहाल जो भी हो लेकिन इतना तय है कि चुनाव से पहले जो झटके आम आदमी पार्टी को मिल रहे हैं, वह पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

Last Updated : Feb 11, 2022, 12:19 PM IST
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