देहरादून: आज का दिन भारत के लिए काफी दुखद है. देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defence Staff) बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश (Bipin Rawat helicopter crash) होने से निधन हो गया. इस हेलिकॉप्टर क्रैश में बिपिन रावत, उनकी पत्नी सहित 14 लोग सवार थे. हादसे में 13 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में उनके इस तरह से चले जाने पर पूरा देश शोकाकुल है. उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया है.
देहरादून में बसना चाहते थे बिपिन रावत: कहते हैं जिसको भी अपनी जन्म स्थली, माटी से प्यार होता है, वह वहीं बसना चाहता है. जी हां भारतीय सेना की शान सीडीएस बिपिन रावत रिटायर होने के बाद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अपना आशियाना बना कर परिवार के साथ बसने का सपना संजोए हुए थे. देहरादून शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर प्रेमनगर से कुछ आगे शांत पहाड़ी जंगलों में बसे सिल्वर हाइट्स कॉलोनी में बिपिन रावत अपना आलीशान बंगला बना रहे थे.
एक सप्ताह पहले किया था भूमि पूजन: जानकारी के मुताबिक एक सप्ताह पहले ही उनकी पत्नी मधुलिका रावत ने भूमि पूजन कर सिल्वर हाइट्स में भवन की नींव रखी थी. वर्तमान में उनके आशियाने को भूकंप रोधी तकनीक से निर्माण करने के लिए फाउंडेशन का कार्य चल रहा था, लेकिन जैसे ही बुधवार सुबह सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश होने की दुखद घटना सामने आई, उनके सिल्वर हाइट्स कॉलोनी में बन रहे भवन का निर्माण कार्य रोक दिया गया.
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बिपिन रात के हेलिकॉप्टर क्रैश होने से मजदूर स्तब्ध: सीडीएस रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश होने की खबर सुनने के बाद पूरे देश के साथ-साथ, जहां उनका भवन बन रहा था, वहां सभी लोग स्तब्ध रह गए. यहां तक भवन निर्माण में लगे मजदूर कारीगर सीडीएस रावत से जुड़ी दुर्घटना की खबर सुनते ही आंखों में आंसू लिए, उनकी सलामती की दुआ करने लगे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.
भूमि पूजन कर सीडीएस रावत की पत्नी ने बांटी थी मिठाई: सीडीएस बिपिन रावत के निर्माणाधीन भवन में कार्य करने वाले लोगों ने बताया कि करीब 1 सप्ताह पहले बिपिन रावत की पत्नी भूमि पूजन के लिए सिल्वर हाइट्स वाले अपने प्लॉट में आई थीं. जहां पूजा पाठ करने के बाद उन्होंने खुशी से मजदूरों और कारीगरों को मिठाइयां बांटी.
सीडीएस रावत का भवन से कॉलोनी वासियों में थी खुशी: देहरादून के जलवायु विहार सिल्वर हाइट्स कॉलोनी में जहां सीडीएस बिपिन रावत का मकान निर्माणाधीन था, उसी के बगल में रहने वाले रिटायर्ड भूवैज्ञानिक केएस मिश्रा बताते हैं कि जैसे ही आज सुबह हेलिकॉप्टर क्रैश होने की खबर सुनी, वैसे ही पूरी कॉलोनी में मायूसी छा गई. मिश्रा ने कहा सभी कॉलोनी वासी इस बात से बेहद खुश थे कि सीडीएस बिपिन रावत का मकान उनके नजदीक में बनने जा रहा है. जिससे उन्हें जानने और देखने का गौरव हासिल होगा, लेकिन जैसे ही हेलिकॉप्टर क्रैश होने से उनके निधन का दुखद समाचार सामने आया, उसके बाद से सभी लोग स्तब्ध हैं.
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बिपिन रावत की उपलब्धि: बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से पास आउट होने के बाद गोरखा रेजीमेंट में शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने देश के अलग-अलग क्षेत्रों में रहते हुए भारतीय सेना की आन-बान-शान को आगे बढ़ाया. उत्तराखंड से उनका प्रेम कभी कम नहीं रहा. वह समय-समय पर देवभूमि आते रहते थे. वे रिटायर होकर अपनी जन्मभूमि पर बसना चाहते थे. यही कारण था कि देहरादून से लगभग 15 किलोमीटर दूर जलवायु विहार के सिल्वर हाइट्स की शांत वादियों में अपना बंगला बनाने का कार्य 1 सप्ताह पहले ही शुरू किया था. जैसे ही आज हेलिकॉप्टर क्रैश होने से उनके निधन की खबर सामने आई, उसके बाद उनके निर्माणाधीन भवन का कार्य पूरी तरह से रोक दिया गया.