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उत्तराखंड में बकायेदारों पर कृपा बरसा रहा आबकारी विभाग, 88 करोड़ का अधिभार बकाया - Excise Secretary Harish Chandra Semwal

उत्तराखंड में आबकारी विभाग राज्य के सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में शुमार है. हालांकि विभाग लक्ष्य के हिसाब से राजस्व प्राप्ति नहीं कर पा रहा है. ताजा मामला अब बकाया अधिभार को लेकर है, जिसकी वसूली किए बिना आबकारी विभाग बकायेदारों के कारोबार को आगे बढ़ाने की कृपा में जुटा है.

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Published : May 21, 2022, 8:08 AM IST

Updated : May 21, 2022, 11:28 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में आबकारी विभाग पिछले लंबे समय से अपने लक्ष्य से कम राजस्व प्राप्ति को लेकर चर्चाओं में रहा है. शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग से लेकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जाने से जुड़े कई मामले और शिकायतें सामने आती रही हैं. हालांकि, आबकारी नीति में संशोधन करते हुए आबकारी विभाग द्वारा शराब की दुकानों के आवंटन का समय 1 साल से बढ़ाकर 2 साल किया गया है लेकिन फिलहाल मामला बकाये अधिभार की वसूली का है.

ताजा जानकारी के अनुसार प्रदेश में 88 करोड़ का बकाया विभिन्न शराब कारोबारियों पर बना हुआ है, जिसे आबकारी विभाग वसूल नहीं पा रहा है. खास बात यह है कि तय समय पर बकाया वसूल पाने में नाकाम आबकारी विभाग ने नए वर्ष के लिए शराब कारोबारियों को कारोबार चलाए रखने की विशेष कृपा भी की है, जानिए किस जिले में कितना बकाया.
पढ़ें- Uttarakhand Weather Report: पांच जनपदों में भारी बारिश का अनुमान, येलो अलर्ट जारी

सिर्फ बागेश्वर जिला पूर्ण रूप से राजस्व इकट्ठा करने में कामयाब रहा है. कुल मिलाकर राज्य में 88 करोड़ का बकाया बना हुआ है. हालांकि आबकारी विभाग की तरफ से इस को लेकर समीक्षा भी की गई है और जल्द से जल्द अधिभार जमा करवाने के निर्देश जिला आबकारी अधिकारियों को दिए गए हैं. लेकिन फिलहाल विभिन्न जिलों में करोड़ों का बकाया है.

उत्तराखंड आबकारी विभाग का 88 करोड़ का अधिभार बकाया

बता दें, नियमानुसार शराब कारोबारियों को हर महीने शराब की दुकानों का एक निश्चित अधिभार देना होता है. अधिभार देने के बाद ही उन्हें निकासी की अनुमति दी जाती है लेकिन विभिन्न जिलों में अधिभार जमा नहीं होने के बावजूद निकासी किए जाने की भी खबर है. उधर, आबकारी सचिव हरीश चंद्र सेमवाल कहते हैं कि बकाए की वसूली को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. ओवर रेटिंग से लेकर दूसरी गड़बड़ियों को भी दूर करने के लिए अधिकारियों को कहा गया है.

देहरादून: उत्तराखंड में आबकारी विभाग पिछले लंबे समय से अपने लक्ष्य से कम राजस्व प्राप्ति को लेकर चर्चाओं में रहा है. शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग से लेकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जाने से जुड़े कई मामले और शिकायतें सामने आती रही हैं. हालांकि, आबकारी नीति में संशोधन करते हुए आबकारी विभाग द्वारा शराब की दुकानों के आवंटन का समय 1 साल से बढ़ाकर 2 साल किया गया है लेकिन फिलहाल मामला बकाये अधिभार की वसूली का है.

ताजा जानकारी के अनुसार प्रदेश में 88 करोड़ का बकाया विभिन्न शराब कारोबारियों पर बना हुआ है, जिसे आबकारी विभाग वसूल नहीं पा रहा है. खास बात यह है कि तय समय पर बकाया वसूल पाने में नाकाम आबकारी विभाग ने नए वर्ष के लिए शराब कारोबारियों को कारोबार चलाए रखने की विशेष कृपा भी की है, जानिए किस जिले में कितना बकाया.
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सिर्फ बागेश्वर जिला पूर्ण रूप से राजस्व इकट्ठा करने में कामयाब रहा है. कुल मिलाकर राज्य में 88 करोड़ का बकाया बना हुआ है. हालांकि आबकारी विभाग की तरफ से इस को लेकर समीक्षा भी की गई है और जल्द से जल्द अधिभार जमा करवाने के निर्देश जिला आबकारी अधिकारियों को दिए गए हैं. लेकिन फिलहाल विभिन्न जिलों में करोड़ों का बकाया है.

उत्तराखंड आबकारी विभाग का 88 करोड़ का अधिभार बकाया

बता दें, नियमानुसार शराब कारोबारियों को हर महीने शराब की दुकानों का एक निश्चित अधिभार देना होता है. अधिभार देने के बाद ही उन्हें निकासी की अनुमति दी जाती है लेकिन विभिन्न जिलों में अधिभार जमा नहीं होने के बावजूद निकासी किए जाने की भी खबर है. उधर, आबकारी सचिव हरीश चंद्र सेमवाल कहते हैं कि बकाए की वसूली को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. ओवर रेटिंग से लेकर दूसरी गड़बड़ियों को भी दूर करने के लिए अधिकारियों को कहा गया है.

Last Updated : May 21, 2022, 11:28 AM IST
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