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मसूरी में गुरुवार को मिले 85 नए पॉजिटिव, शहर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की मांग

गुरुवार को मसूरी में 85 लोगों की कोविड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. स्वास्थ्य विभाग टीम ने मेडिकल किट देकर होम क्वारंटाइन किया है. वहीं, सभासद सरिता कोहली जमीनी स्तर पर लोगों की मदद कर रहीं हैं.

Mussoorie Corona Positive
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Published : May 13, 2021, 9:40 PM IST

मसूरी: कोविड-19 की रफ्तार लगातार बढ़ती ही जा रही है. शहर में गुरुवार 96 लोगों की कोरोना जांच की गयी, जिनमें से 85 लोगों की कोविड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. सभी लोगों को स्वास्थ्य विभाग टीम ने मेडिकल किट देकर होम क्वारंटाइन किया है. कोविड नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप राणा ने बताया कि सभी पॉजिटिव आये हुए लोगों को मेडिकल किट देकर घरों पर ही क्वारंटाइन किया गया है. सभी से शासन प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने की अपील की गयी है.

शहर में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं

मसूरी शहर में विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं, जिस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों को मामूली रोगों के उपचार के लिए देहरादून या अन्य बड़े शहरों का रूख करना पड़ रहा है. लंबे संघर्ष के बाद लंढौर सिविल अस्पताल जो बाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना था. उसे राजकीय सेंट मैरी अस्पताल के साथ जोड़ कर उप जिला चिकित्सालय बनाया गया, जिसके लिए नया भवन भी बना. लेकिन नया भवन बनने के बाद भी यहां पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति न होने से इस अस्पताल का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है. वहीं, जो डॉक्टर नियुक्त हैं, वह भी सामान्य रोगियों को नहीं देख रहे क्यो कि अस्पताल को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. ऐसे में अन्य रोगों से पीड़ित शहर के लोग अपना उपचार कहां करवाएं.

पढ़ें- गुरुवार को मिले 7127 नए केस, 122 मरीजों ने तोड़ा दम, 5,748 हुए स्वस्थ

पूर्व पालिकाध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री कांग्रेस मनमोहन सिंह मल्ल का कहना है कि बड़े दुःख की बात है कि जहां एक ओर पूरा विश्व, देश व राज्य कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है. वहीं, मसूरी पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा कि मसूरी में किसी भी रोग का विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है. न आंख, न ईएनटी, न फिजीशियन न गायनेकोलॉजिस्ट ऐसे में लोग किस तरह अपना उपचार करायें. जबकि मसूरी के इस अस्पताल पर पूरे जौनपुर की जनता भी निर्भर है. उन्होंने कहा कि जब उप जिला चिकित्सालय को कोविड अस्पताल बना दिया तो अन्य रोगों के उपचार के लिए पुराने राजकीय सेंट मैरी अस्पताल के आउट डोर को क्यों नहीं खोलते, ताकि कम से कम लोग यहां पर अपना प्राथमिक उपचार तो करवा सकें.

Mussoorie Corona Positive
सभासद सरिता कोहली ने खुद संभाला मोर्चा.

सभासद सरिता कोहली जमीनी स्तर पर कर रहीं लोगों की मदद

मसूरी में कोरोना संक्रमण को लेकर सबसे ज्यादा बार्लोगंज झड़ीपानी क्षेत्र प्रभावित है, जिसको लेकर नगर पालिका की वार्ड-2 बार्लोगंज की सदस्य सरिता कोहली द्वारा क्षेत्र में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जनता के साथ कार्य किया जा रहा है. वहीं, नगर पालिका प्रशासन के सहयोग से बार्लोगंज के क्षेत्र को सैनिटाइज किया जा रहा है. कंटेनमेंट जोन में लोगों को आवश्यक समाग्री मुहया कराई जा रही है. खुद सभासद सरिता कोहली जनता के हाल-चाल लेने के लिए ग्राउंड पर उतरी हुई हैं. कोशिश की जा रही है कि क्षेत्र में फैले कोरोना संक्रमण की चेन को किसी तरीके से थोड़ा जा सके.

मसूरी में कोविड कर्फ्यू को लेकर पुलिस से नोकझोंक

मसूरी में पुलिस द्वारा कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले लोगों पर सख्ती बरती गई, जिसको लेकर कई लोगों के द्वारा मसूरी कोतवाल और पुलिसकर्मियों से नोकझोंक भी हुई. मसूरी कोतवाल देवेंद्र असवाल ने कहा कि सुबह 10 बजे तक ही लोग अपने जरूरी काम के साथ आवश्यक सेवा की खरीदारी कर सकते हैं, परंतु देखा जा रहा है कि सुबह 10 बजे के बाद ज्यादातर लोग बैंक अस्पताल का बहाना बनाकर बाहर निकल रहे हैं. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

मसूरी: कोविड-19 की रफ्तार लगातार बढ़ती ही जा रही है. शहर में गुरुवार 96 लोगों की कोरोना जांच की गयी, जिनमें से 85 लोगों की कोविड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. सभी लोगों को स्वास्थ्य विभाग टीम ने मेडिकल किट देकर होम क्वारंटाइन किया है. कोविड नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप राणा ने बताया कि सभी पॉजिटिव आये हुए लोगों को मेडिकल किट देकर घरों पर ही क्वारंटाइन किया गया है. सभी से शासन प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने की अपील की गयी है.

शहर में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं

मसूरी शहर में विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं, जिस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों को मामूली रोगों के उपचार के लिए देहरादून या अन्य बड़े शहरों का रूख करना पड़ रहा है. लंबे संघर्ष के बाद लंढौर सिविल अस्पताल जो बाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना था. उसे राजकीय सेंट मैरी अस्पताल के साथ जोड़ कर उप जिला चिकित्सालय बनाया गया, जिसके लिए नया भवन भी बना. लेकिन नया भवन बनने के बाद भी यहां पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति न होने से इस अस्पताल का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है. वहीं, जो डॉक्टर नियुक्त हैं, वह भी सामान्य रोगियों को नहीं देख रहे क्यो कि अस्पताल को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. ऐसे में अन्य रोगों से पीड़ित शहर के लोग अपना उपचार कहां करवाएं.

पढ़ें- गुरुवार को मिले 7127 नए केस, 122 मरीजों ने तोड़ा दम, 5,748 हुए स्वस्थ

पूर्व पालिकाध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री कांग्रेस मनमोहन सिंह मल्ल का कहना है कि बड़े दुःख की बात है कि जहां एक ओर पूरा विश्व, देश व राज्य कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है. वहीं, मसूरी पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा कि मसूरी में किसी भी रोग का विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है. न आंख, न ईएनटी, न फिजीशियन न गायनेकोलॉजिस्ट ऐसे में लोग किस तरह अपना उपचार करायें. जबकि मसूरी के इस अस्पताल पर पूरे जौनपुर की जनता भी निर्भर है. उन्होंने कहा कि जब उप जिला चिकित्सालय को कोविड अस्पताल बना दिया तो अन्य रोगों के उपचार के लिए पुराने राजकीय सेंट मैरी अस्पताल के आउट डोर को क्यों नहीं खोलते, ताकि कम से कम लोग यहां पर अपना प्राथमिक उपचार तो करवा सकें.

Mussoorie Corona Positive
सभासद सरिता कोहली ने खुद संभाला मोर्चा.

सभासद सरिता कोहली जमीनी स्तर पर कर रहीं लोगों की मदद

मसूरी में कोरोना संक्रमण को लेकर सबसे ज्यादा बार्लोगंज झड़ीपानी क्षेत्र प्रभावित है, जिसको लेकर नगर पालिका की वार्ड-2 बार्लोगंज की सदस्य सरिता कोहली द्वारा क्षेत्र में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जनता के साथ कार्य किया जा रहा है. वहीं, नगर पालिका प्रशासन के सहयोग से बार्लोगंज के क्षेत्र को सैनिटाइज किया जा रहा है. कंटेनमेंट जोन में लोगों को आवश्यक समाग्री मुहया कराई जा रही है. खुद सभासद सरिता कोहली जनता के हाल-चाल लेने के लिए ग्राउंड पर उतरी हुई हैं. कोशिश की जा रही है कि क्षेत्र में फैले कोरोना संक्रमण की चेन को किसी तरीके से थोड़ा जा सके.

मसूरी में कोविड कर्फ्यू को लेकर पुलिस से नोकझोंक

मसूरी में पुलिस द्वारा कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले लोगों पर सख्ती बरती गई, जिसको लेकर कई लोगों के द्वारा मसूरी कोतवाल और पुलिसकर्मियों से नोकझोंक भी हुई. मसूरी कोतवाल देवेंद्र असवाल ने कहा कि सुबह 10 बजे तक ही लोग अपने जरूरी काम के साथ आवश्यक सेवा की खरीदारी कर सकते हैं, परंतु देखा जा रहा है कि सुबह 10 बजे के बाद ज्यादातर लोग बैंक अस्पताल का बहाना बनाकर बाहर निकल रहे हैं. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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