देहरादून: उत्तराखंड कोखुले में शौच मुक्त होने के दावे पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं.इस दफा सदन में सूबे के स्कूलों में शौचालय का मुद्दासदन में जमकर गूंजा. विधायक भीमतालने शिक्षा मंत्री से पूछा कि सूबे में कितने स्कूल ऐसे हैं जिनमेंशौचालय की सुविधा नहीं है.विधायक केइस सवाल परशिक्षा मंत्री असहज नजर आए और अपनी बगले झांकने लगे.
दरअसल, राज्य सरकार उत्तराखंड को खुले में शौच से मुक्त यानि ओडीएफ प्रदेश घोषित कर चुकी है. हालांकि, सरकार के इस दावे पर हमेशा ही सवाल खड़े होते दिखाई दिए है. ऐसे में एक बार फिरआज बजट सत्र के दौरानसदन में सरकार के इस दावे की कलई खुलती दिखाई दी. जबसत्ता पक्ष के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना नेसरकार से ओडीएफ को लेकर सवाल किया.सल्टविधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने शिक्षा मंत्री से पूछा कि अबतक कितने स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था की गई है? क्योंकि उनके विधानसभा क्षेत्र में ही 5 स्कूलों में अभी शौचालय की व्यवस्था नहीं है.
इस सवाल के जवाब के लिए जब शिक्षामंत्री ने विभागीय आंकड़ों पर नजर डाली तो पता चल की सूबे के 384 स्कूल ऐसे हैंजिनमें अभीतक शौचालय की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा भीमताल विधायक राम सिंह खेड़ा ने भी स्कूलों में शौचालय और अन्य सुविधाओं पर शिक्षामंत्री सेसवाल पूछा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कई स्कूल हैं जिन्हेंमॉडर्न स्कूल घोषित कर दिया गया है.लेकिन इन स्कलों में अभीतक मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है.
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वहीं, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि जिन 384 स्कूलों में शौचालय ना होने की बात सामने आ रही है. उनमें से 76 स्कूलों का उच्चीकरण किया गया है.इन स्कूलों को माध्यमिक से इंटर कॉलेज बनाया गया है. जिनमें पहले से निर्मित शौचालयों का उपयोग किया जा रहा है.
अरविंद पांडे ने कहा कि इसके अलावा 26 स्कूलों में शौचालयों का शत-प्रतिशत निर्माण पूरा हो चुका है. इसके अलावास्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत वर्तमान में किसी भी शौचालय के निर्माण का कार्य शेष नहीं है. उन्होंने बताया कि विद्यालयों के लिए160 से ज्यादा शौचालयों का पैसा जारी किया जा चुका है. जल्द ही पूरे प्रदेश के स्कूलशौचालय युक्त घोषित किये जायेंगे.
बहरहाल, सरकार सूबे को ओडीएफ घोषित कर अपनी पीठ थपथपा रही हो. लेकिन स्कूलों में शौचालय ना होना अपने आप में एक गंभीर सवाल है. जिसे लेकर खुद शिक्षामंत्री अरविंद पांडे भी लीपापोती करते नजर आ रहे हैं.