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उत्तराखंड में साइबर क्राइम का आतंक, इंस्पेक्टरों की कमी के कारण लगभग 800 जांच पेंडिंग

उत्तराखंड में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. 1 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2022 तक प्रदेशभर में 200 से अधिक साइबर क्राइम के मुकमदे दर्ज किए गए हैं. लेकिन साइबर क्राइम पुलिस विंग में इंस्पेक्टरों की कमी के कारण मामलों की जांच लंबित पड़ी है.

Uttarakhand Cyber Crime Wing
उत्तराखंड साइबर क्राइम विंग
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Published : May 6, 2022, 6:24 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में साइबर क्राइम (cyber crime in uttarakhand) के तहत फाइनेंशियल फ्रॉड (financial fraud) के मामले चरम पर है. मात्र देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन (cyber crime police station) में ही पिछले 4 महीने में 134 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. जबकि इससे कई अधिक शिकायत पत्रों पर जांच करवाई जा रही है. प्रदेशभर की बात करें तो 1 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2022 तक 200 से अधिक मुकदमे साइबर फ्रॉड के तहत दर्ज किए जा चुके हैं. इसके अलावा सैकड़ों की तादात में साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड की शिकायतें हैं जिन पर तहरीर के आधार पर जांच और कार्रवाई जारी है.

वहीं, दूसरी तरफ 1 जनवरी 2021 से 31 मार्च 2022 तक प्रदेशभर में अनुमानित लगभग 800 से अधिक साइबर मामलों की इन्वेस्टीगेशन लंबित है. इसकी 2 मुख्य वजह है. पहली यह कि साइबर क्राइम पुलिस विंग में इंस्पेक्टर की कमी है. क्योंकि आईटी एक्ट के मुताबिक, इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी ही साइबर क्राइम यानी IT act की विवेचना कानूनी नियमानुसार कर सकता है. दूसरी वजह यह कि साइबर क्राइम मामलों की जांच में कई तरह की तकनीकी समस्याएं हैं. जैसे उत्तराखंड में होने वाले साइबर क्राइम के देश के दूरस्थ हिस्सों के साथ विदेशों तक जुड़ा होना. ऐसे में जांच अधिकारी को साइबर अपराधी की गिरफ्तारी के अलावा व्यावहारिक रूप से साइबर क्राइम के सबूतों के जोड़ने में काफी लंबा समय लग जाता है.

उत्तराखंड में साइबर क्राइम का आतंक.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड STF के हत्थे चढ़ा 10 हजार का इनामी बदमाश मोनू खान, यूपी के बदायूं से किया अरेस्ट

उत्तराखंड में बढ़ता साइबर क्राइमः राज्य में लगातार साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं. एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह का मानना है कि ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड से जुड़े साइबर क्राइम के मामले देशभर में लगातार हाईटेक अपराध के रूप में फैलते जा रहे हैं. उसी का नतीजा है कि उत्तराखंड में भी साइबर क्राइम के मामले साल दर साल बढ़ रहे हैं. हालांकि, इसके बावजूद उत्तराखंड पुलिस देशभर के साइबर क्राइम के गढ़ बन चुके पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान के हिस्सों से साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी कर रही है.

2021 में 632 मुकदमें हुए दर्जः पुलिस मुख्यालय से मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2021 में प्रदेश भर में 632 मुकदमें साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड जैसे मामले IT Act में दर्ज किए गए थे. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021 के प्रारंभ में साल 2020 के 312 लंबित मामले चल रहे थे. जबकि 2021 वर्ष के अंत तक 268 मामले निस्तारित किए गए. 2021 में 117 साइबर क्राइम मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई. वहीं, 69 मामलों में अंतिम रिपोर्ट लगाई गई. जबकि दर्ज मुकदमों के तहत 2021 में 232 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया. इनमें से 193 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर साल 2021 में जेल भेजा गया.
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1 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2022 तक उत्तराखंड में साइबर आईटी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमों की स्थिति

  • साल 2022 के प्रारंभ में लंबित मुकदमों की विवेचना संख्याः 491
  • 1 जनवरी से 31 मार्च 2022 तक 74 मामलों को निस्तारित किया गया.
  • जनवरी से मार्च तक 417 साइबर क्राइम मामलों की विवेचना लंबित है.
  • 1 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2022 तक 178 मुकदमे साइबर आईटी एक्ट के तहत दर्ज हुए. इनमें से केवल 2 मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई.
  • जनवरी से मार्च तक दर्ज साइबर क्राइम मुकदमों में से 176 मामलों की विवेचना जारी है.
  • जनवरी से मार्च तक 38 नामजद लोगों को मुकदमों में दर्ज किया गया. इस दौरान 13 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.

देहरादूनः उत्तराखंड में साइबर क्राइम (cyber crime in uttarakhand) के तहत फाइनेंशियल फ्रॉड (financial fraud) के मामले चरम पर है. मात्र देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन (cyber crime police station) में ही पिछले 4 महीने में 134 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. जबकि इससे कई अधिक शिकायत पत्रों पर जांच करवाई जा रही है. प्रदेशभर की बात करें तो 1 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2022 तक 200 से अधिक मुकदमे साइबर फ्रॉड के तहत दर्ज किए जा चुके हैं. इसके अलावा सैकड़ों की तादात में साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड की शिकायतें हैं जिन पर तहरीर के आधार पर जांच और कार्रवाई जारी है.

वहीं, दूसरी तरफ 1 जनवरी 2021 से 31 मार्च 2022 तक प्रदेशभर में अनुमानित लगभग 800 से अधिक साइबर मामलों की इन्वेस्टीगेशन लंबित है. इसकी 2 मुख्य वजह है. पहली यह कि साइबर क्राइम पुलिस विंग में इंस्पेक्टर की कमी है. क्योंकि आईटी एक्ट के मुताबिक, इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी ही साइबर क्राइम यानी IT act की विवेचना कानूनी नियमानुसार कर सकता है. दूसरी वजह यह कि साइबर क्राइम मामलों की जांच में कई तरह की तकनीकी समस्याएं हैं. जैसे उत्तराखंड में होने वाले साइबर क्राइम के देश के दूरस्थ हिस्सों के साथ विदेशों तक जुड़ा होना. ऐसे में जांच अधिकारी को साइबर अपराधी की गिरफ्तारी के अलावा व्यावहारिक रूप से साइबर क्राइम के सबूतों के जोड़ने में काफी लंबा समय लग जाता है.

उत्तराखंड में साइबर क्राइम का आतंक.
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उत्तराखंड में बढ़ता साइबर क्राइमः राज्य में लगातार साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं. एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह का मानना है कि ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड से जुड़े साइबर क्राइम के मामले देशभर में लगातार हाईटेक अपराध के रूप में फैलते जा रहे हैं. उसी का नतीजा है कि उत्तराखंड में भी साइबर क्राइम के मामले साल दर साल बढ़ रहे हैं. हालांकि, इसके बावजूद उत्तराखंड पुलिस देशभर के साइबर क्राइम के गढ़ बन चुके पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान के हिस्सों से साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी कर रही है.

2021 में 632 मुकदमें हुए दर्जः पुलिस मुख्यालय से मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2021 में प्रदेश भर में 632 मुकदमें साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड जैसे मामले IT Act में दर्ज किए गए थे. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021 के प्रारंभ में साल 2020 के 312 लंबित मामले चल रहे थे. जबकि 2021 वर्ष के अंत तक 268 मामले निस्तारित किए गए. 2021 में 117 साइबर क्राइम मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई. वहीं, 69 मामलों में अंतिम रिपोर्ट लगाई गई. जबकि दर्ज मुकदमों के तहत 2021 में 232 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया. इनमें से 193 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर साल 2021 में जेल भेजा गया.
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  • साल 2022 के प्रारंभ में लंबित मुकदमों की विवेचना संख्याः 491
  • 1 जनवरी से 31 मार्च 2022 तक 74 मामलों को निस्तारित किया गया.
  • जनवरी से मार्च तक 417 साइबर क्राइम मामलों की विवेचना लंबित है.
  • 1 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2022 तक 178 मुकदमे साइबर आईटी एक्ट के तहत दर्ज हुए. इनमें से केवल 2 मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई.
  • जनवरी से मार्च तक दर्ज साइबर क्राइम मुकदमों में से 176 मामलों की विवेचना जारी है.
  • जनवरी से मार्च तक 38 नामजद लोगों को मुकदमों में दर्ज किया गया. इस दौरान 13 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.
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