देहरादून: महिलाओं को संरक्षण और किसी भी तरह के उत्पीड़न की स्थिति में न्याय दिलाने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के प्रत्येक जनपद में वन स्टॉप सेंटर बनाया गया है. ऐसे में अगर बात देहरादून के सर्वे चौक स्थित जनपद के एक मात्र वन स्टॉप सेंटर की करें, तो दिसंबर 2017 में स्थापित वन स्टॉप सेंटर में बीते 3 सालों में अब तक महिला उत्पीड़न से जुड़े 882 मामले दर्ज हो चुके हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि एक तरफ सरकार 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा देती है, लेकिन देहरादून में बेटियां अपने घरों में ही सुरक्षित नहीं है. वन स्टॉप सेंटर देहरादून में साल 2017 से लेकर अब तक दर्ज कुल मामलों के आंकड़ों पर गौर करें, तो इसमें सबसे अधिक मामले घरेलू हिंसा से जुड़े दर्ज हैं. वन स्टॉप सेंटर देहरादून में घरेलू हिंसा के अब तक 725 मामले दर्ज हो चुके हैं. वहीं, इसके अलावा बाल यौन हिंसा के मामले में भी जनपद देहरादून पीछे नहीं है, वन स्टॉप सेंटर देहरादून में बाल यौन हिंसा के 28 मामले दर्ज हैं.
वन स्टॉप सेंटर देहरादून की केंद्र प्रशासक माया नेगी ईटीवी भारत को बताया कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के कई मामले सामने आए. इसके तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में उनके सेंटर में सिर्फ घरेलू हिंसा से जुड़े 229 केस दर्ज हुए, जिसमें से अब तक काउसिलिंग के माध्यम से 210 घरेलू हिंसा से जुड़े मामलों का निस्तारण किया जा चुका है. इसके अलावा पिछले साल जनपद से यौन उत्पीड़न के भी 8 मामले वन स्टॉप सेंटर में दर्ज किए गए, जिसमें से 7 मामलों का निस्तारण हो चुका है.
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देहरादून के वन स्टॉप सेंटर में दिसंबर 2017 से लेकर 15 जुलाई 2021 तक घरेलू हिंसा के 725 केस दर्ज हुए. बाल यौन हिंसा के 28 मामले दर्ज हुए. वहीं, गुमशुदा के 6, यौन उत्पीड़न के 17 केस, साइबर क्राइम के 9 केस दर्ज हुए. इसके साथ ही पिछले तीन साल में दहेज हत्या का एक केस दर्ज हुआ है. बाल विवाह के 5 केस दर्ज हुए हैं. जबकि अन्य अपराध के 89 केस दर्ज हुए. इस प्रकार पिछले तीन साल में कुल 882 केस दर्ज हुए.
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दिसम्बर 2017 से संचालित हो रहे देहरादून के वन स्टॉप सेंटर में अब तक दर्ज घरेलू हिंसा के कुल 725 मामलों का आकलन करें, तो इससे यह बात निकलकर सामने आती है कि देहरादून में हर साल 200 से अधिक घरेलू हिंसा के मामले दर्ज हो रहे हैं. जहां वित्तीय वर्ष 2019- 20 में 235 घरेलू हिंसा के मामले दर्ज हुए, साल 2020- 21 में 229 मामले घरेलू हिंसा के दर्ज हुए और इस वित्तीय वर्ष यानी कि अप्रैल 2021- 22 से लेकर 15 जुलाई 2021 तक 85 मामले घरेलू हिंसा से जुड़े दर्ज हो चुके हैं, जिसमें से 62 मामलों का अब तक निस्तारण किया गया है.
वन स्टॉप सेंटर से करें संपर्क: अगर आप एक महिला हैं और आप अपने घर या घर से बाहर किसी भी तरह के उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं, तो आप टोल फ्री नंबर 181 में संपर्क कर मदद की गुहार लगा सकती हैं. वहीं, यदि किसी भी तरह के उत्पीड़न का शिकार होने पर आपको यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर आपको न्याय कैसे मिलेगा तो टोल फ्री नम्बर 181 पर संपर्क कर सकती हैं. आपके जनपद के वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से आपको निःशुल्क कानूनी सलाह और काउंसलिंग दी जाएगी. इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर आपको वन स्टॉप सेंटर में यहां 5 दिन तक संरक्षण भी दिया जाएगा.