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ऋषिकेश: योग विधा की जानी बारीकियां, 65 चीनी साधकों ने भी लिया भाग

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Published : Dec 13, 2019, 8:59 AM IST

परमार्थ निकेतन में एक माह से चल रहे योग प्रशिक्षण शिविर का समापन हो गया. योग शिविर में 65 चीनी योग साधकों ने भी भाग लिया.

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योग शिविर संपन्न

ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में एक माह से चल रहे योग प्रशिक्षण शिविर का समापन हो गया. योग शिविर में 65 चीनी योग साधकों ने भी भाग लिया. स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सान्निध्य में योग साधकों ने विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति के लिए विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया.

इस मौके पर परमार्थ के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा की भारत ने विश्व को योग रुपी अमूल्य उपहार दिया है. योग हिमालय और भारत की संस्कृति है. ’वसुधैव कुटुम्बकम’ को साकार करने के लिये योग एक प्रयोग है. योग व्यक्ति को स्वस्थ, निरोग और योग्य बनाता है. स्वामी ने योगियों को संदेश दिया कि योग से प्राप्त सकारात्मक ऊर्जा को पर्यावरण, नदियों तथा पूरी धरती को प्रदूषण मुक्त करने के लिये लगाए.

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वहीं चीनी योग साधकों ने कहा कि योग का प्रशिक्षण चीन सहित विश्व के अन्य देशों में भी है, परन्तु भारतीय योग पद्धति उत्तम है. परमार्थ निकेतन का गंगा तट योग और ध्यान के लिये सबसे श्रेष्ठ स्थान है. एक माह से योग और ध्यान की विभिन्न विधाओं को आत्मसात कर रहे चीनी योग साधकों ने परमार्थ निकेतन में ओम, वेद मंत्रों का उच्चारण, हनुमान चालीसा, गंगा आरती और विश्व शान्ति हवन में भी भाग लिया.

ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में एक माह से चल रहे योग प्रशिक्षण शिविर का समापन हो गया. योग शिविर में 65 चीनी योग साधकों ने भी भाग लिया. स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सान्निध्य में योग साधकों ने विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति के लिए विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया.

इस मौके पर परमार्थ के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा की भारत ने विश्व को योग रुपी अमूल्य उपहार दिया है. योग हिमालय और भारत की संस्कृति है. ’वसुधैव कुटुम्बकम’ को साकार करने के लिये योग एक प्रयोग है. योग व्यक्ति को स्वस्थ, निरोग और योग्य बनाता है. स्वामी ने योगियों को संदेश दिया कि योग से प्राप्त सकारात्मक ऊर्जा को पर्यावरण, नदियों तथा पूरी धरती को प्रदूषण मुक्त करने के लिये लगाए.

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वहीं चीनी योग साधकों ने कहा कि योग का प्रशिक्षण चीन सहित विश्व के अन्य देशों में भी है, परन्तु भारतीय योग पद्धति उत्तम है. परमार्थ निकेतन का गंगा तट योग और ध्यान के लिये सबसे श्रेष्ठ स्थान है. एक माह से योग और ध्यान की विभिन्न विधाओं को आत्मसात कर रहे चीनी योग साधकों ने परमार्थ निकेतन में ओम, वेद मंत्रों का उच्चारण, हनुमान चालीसा, गंगा आरती और विश्व शान्ति हवन में भी भाग लिया.

Intro:ऋषिकेश--परमार्थ निकेतन में एक माह से चल रहे योग प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। इस योग शिविर मंे चीन से आये योग साधकों ने सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सान्निध्य में सभी योग साधकों को विश्व स्तर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।


Body:वी/ओ--स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा की’’भारत ने विश्व को योग रूपी अमूल्य उपहार दिया है। योग, हिमालय और भारत की संस्कृति है। ’वसुधैव कुटुम्बकम’  को साकार करने के लिये योग एक प्रयोग है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से चरितार्थ भी हो रहा है। योग, व्यक्ति को स्वस्थ, निरोग और योग्य बनाता है। उन्होने योगियों को संदेश दिया कि योग से प्राप्त सकारात्मक ऊर्जा को  पर्यावरण के लिये; नदियों के लिये तथा पूरी धरती को प्रदूषण मुक्त करने के लिये लगाये।उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम योग के माध्यम से नये-नये प्रयोग करंे और उन प्रयोगों का उपयोग विश्व बन्धुत्व के लिये; समरसता, सद्भाव; संस्कार; संस्कृति और शान्ति की स्थापना के लिये करें। अब योग के साथ-साथ पर्यावरण योग भी बहुत जरूरी अतः आईये सभी योगी एक साथ होकर वैश्विक समस्याओं के समाधान हेतु मिलकर कदम बढ़ायंे।





Conclusion:वी/ओ--चीन से आये योग साधकों ने कहा कि योग का प्रशिक्षण चीन सहित विश्व के अन्य देशों में भी उपलब्ध है परन्तु भारतीय योग पद्धति उत्तम है। हमारे लिये परमार्थ निकेतन का गंगा तट योग और ध्यान के लिये सबसे श्रेष्ठ स्थान है एक माह से योग और ध्यान की विभिन्न विधाओं  को आत्मसात कर रहे चीन से आये योग साधकों ने परमार्थ निकेतन में ’’ओम’’ और वेद मंत्रों का उच्चारण, हनुमान चालीसा और प्रतिदिन होने वाली गंगा आरती और विश्व शान्ति हवन में भी सहभाग किया।
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