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समाज कल्याण विभाग में 60 फीसदी पद खाली, कैसे होगा जनकल्याण?

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Published : Oct 27, 2022, 5:03 PM IST

उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग में 60 फीसदी अधिकारियों के पद खाली चल रहे हैं. जिससे अब जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, विभागीय मंत्री ने जल्द इन पदों को भरने की बात कही है.

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देहरादून: उत्तराखंड में जिस विभाग पर समाज के सभी वर्ग की अहम जिम्मेदारी है. उस विभाग में ही अधिकारियों का टोटा बना हुआ है. जिसके कारण तेजी से सरकारी कार्यों को पूरा नहीं किया जाता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग की. जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों का भारी कमी है. ऐसे में विभागीय मंत्री इन खाली पदों को भरने के क्या कुछ प्रयास कर रहे हैं.

उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग प्रदेश का सबसे अहम विभाग है, क्योंकि समाज के सभी वर्ग का समाज कल्याण विभाग से सीधा संबध है, चाहे वह फिर छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की बात हो या वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन समेत कई तरह की पेंशन. ये सब समाज कल्याण विभाग के माध्यम से दी जाती है. ऐसे में अधिकारियों की कमी के चलते कई बार आम जनता को परेशानी उठानी पड़ती है.

समाज कल्याण विभाग में 60 फीसदी पद खाली.

बता दें कि समाज कल्याण विभाग में समाज कल्याण अधिकारी के 13 पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र 5 ही समाज कल्याण अधिकारी यहां पर वर्तमान में कार्यरत है. यानी समाज कल्याण अधिकारी के 8 पद अभी भी खाली चल रहे हैं. इसी तरह विभाग में सहायक समाज कल्याण अधिकारी के 95 पद स्वीकृत हैं. लेकिन मात्र 48 सहायक समाज कल्याण अधिकारी ही कार्यरत हैं. यानी सहायक समाज कल्याण अधिकारी के 47 पद अभी भी खाली चल रहे हैं. लिहाजा, इन खाली पड़े पदों के चलते लाभार्थियों को न सिर्फ दिक्कतें हो रही हैं, बल्कि काम काज भी प्रभावित हो रहा है.

पढ़ें- उत्तराखंड कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन जल्द, महामंत्रियों को दिए जाएंगे जिलों-ब्लॉक का प्रभार

इतना ही नहीं समाज कल्याण और सहायक समाज कल्याण अधिकारी की कमी कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के विभाग में ही नहीं है. बल्कि, समाज कल्याण विभाग में जहां समूह 'ग' के काफी पद खाली हैं. वहीं, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकरी, जनजातीय कल्याण अधिकारी और प्रोवेशन अधिकारियों के पद भी बड़ी तादाद में खाली हैं. लेकिन समाज कल्याण विभाग में खाली पदों को भरने को लेकर समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास जल्द ही इन पदों पर भरने की बात कह रहे हैं.

हालांकि, विभाग में खाली पदों को भरने के लिए कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास भी अपना दर्द बयां करते नजर आ रहे हैं. मंत्री के बयान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वास्तव में अधिकारियों की कितनी कमी उनके विभाग में है, लेकिन इसे युवाओं के लिए अच्छी खबर भी कह सकते हैं कि कुछ पदों पर जहां विभाग ने अधियाचन भेज दिए हैं तो कुछ पदों को आउटसोर्सिंग एजेंसी से भरे जाने की बात वह कह रहे हैं. वहीं, सेवायोजन विभाग के माध्यम से जिसे हाल में ही आउटसोर्सिंग एजेंसी से भर्ती किए जाने के फैसले पर कैबिनेट ने मुहर लगाई है. जिसके अब शासनादेश का इंतजार हो रहा हैस ताकि पारदर्शी तरीके से इन पदों पर भरा जा सके.

वहीं, यह केवल कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के विभागों का हाल नहीं है. बल्कि, कई विभाग में अधिकारियों के पद खाली है. हालांकि, धामी सरकार जो युवाओं को रोजगार देने की बात कर रही है. वह कब तक पदों को भरने में कामयाब होती है और अधिकारियों के जिन पदों को आउटसोर्सिंग एजेंसी से भरे जाने की बात हो रही है, वह कितना कारगर साबित होता है.

देहरादून: उत्तराखंड में जिस विभाग पर समाज के सभी वर्ग की अहम जिम्मेदारी है. उस विभाग में ही अधिकारियों का टोटा बना हुआ है. जिसके कारण तेजी से सरकारी कार्यों को पूरा नहीं किया जाता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग की. जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों का भारी कमी है. ऐसे में विभागीय मंत्री इन खाली पदों को भरने के क्या कुछ प्रयास कर रहे हैं.

उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग प्रदेश का सबसे अहम विभाग है, क्योंकि समाज के सभी वर्ग का समाज कल्याण विभाग से सीधा संबध है, चाहे वह फिर छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की बात हो या वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन समेत कई तरह की पेंशन. ये सब समाज कल्याण विभाग के माध्यम से दी जाती है. ऐसे में अधिकारियों की कमी के चलते कई बार आम जनता को परेशानी उठानी पड़ती है.

समाज कल्याण विभाग में 60 फीसदी पद खाली.

बता दें कि समाज कल्याण विभाग में समाज कल्याण अधिकारी के 13 पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र 5 ही समाज कल्याण अधिकारी यहां पर वर्तमान में कार्यरत है. यानी समाज कल्याण अधिकारी के 8 पद अभी भी खाली चल रहे हैं. इसी तरह विभाग में सहायक समाज कल्याण अधिकारी के 95 पद स्वीकृत हैं. लेकिन मात्र 48 सहायक समाज कल्याण अधिकारी ही कार्यरत हैं. यानी सहायक समाज कल्याण अधिकारी के 47 पद अभी भी खाली चल रहे हैं. लिहाजा, इन खाली पड़े पदों के चलते लाभार्थियों को न सिर्फ दिक्कतें हो रही हैं, बल्कि काम काज भी प्रभावित हो रहा है.

पढ़ें- उत्तराखंड कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन जल्द, महामंत्रियों को दिए जाएंगे जिलों-ब्लॉक का प्रभार

इतना ही नहीं समाज कल्याण और सहायक समाज कल्याण अधिकारी की कमी कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के विभाग में ही नहीं है. बल्कि, समाज कल्याण विभाग में जहां समूह 'ग' के काफी पद खाली हैं. वहीं, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकरी, जनजातीय कल्याण अधिकारी और प्रोवेशन अधिकारियों के पद भी बड़ी तादाद में खाली हैं. लेकिन समाज कल्याण विभाग में खाली पदों को भरने को लेकर समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास जल्द ही इन पदों पर भरने की बात कह रहे हैं.

हालांकि, विभाग में खाली पदों को भरने के लिए कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास भी अपना दर्द बयां करते नजर आ रहे हैं. मंत्री के बयान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वास्तव में अधिकारियों की कितनी कमी उनके विभाग में है, लेकिन इसे युवाओं के लिए अच्छी खबर भी कह सकते हैं कि कुछ पदों पर जहां विभाग ने अधियाचन भेज दिए हैं तो कुछ पदों को आउटसोर्सिंग एजेंसी से भरे जाने की बात वह कह रहे हैं. वहीं, सेवायोजन विभाग के माध्यम से जिसे हाल में ही आउटसोर्सिंग एजेंसी से भर्ती किए जाने के फैसले पर कैबिनेट ने मुहर लगाई है. जिसके अब शासनादेश का इंतजार हो रहा हैस ताकि पारदर्शी तरीके से इन पदों पर भरा जा सके.

वहीं, यह केवल कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के विभागों का हाल नहीं है. बल्कि, कई विभाग में अधिकारियों के पद खाली है. हालांकि, धामी सरकार जो युवाओं को रोजगार देने की बात कर रही है. वह कब तक पदों को भरने में कामयाब होती है और अधिकारियों के जिन पदों को आउटसोर्सिंग एजेंसी से भरे जाने की बात हो रही है, वह कितना कारगर साबित होता है.

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