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सिडकुल घोटाला: शासनादेश दरकिनार कर ब्लैक लिस्टेड संस्था को दिया काम, 56 फाइलों में मिली गड़बड़ी

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Published : Nov 18, 2020, 8:22 PM IST

उत्तराखंड के चर्चित सिडकुल निर्माण घोटाले से जुड़ी जांच की 56 और फाइलों की समीक्षा गढ़वाल आईजी अभिनव कुमार द्वारा की गई. अधिकांश फाइलों में वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं.

siidcul construction scam
सिडकुल निर्माण घोटाला

देहरादून: गढ़वाल आईजी अभिनव कुमार ने उत्तराखंड के चर्चित सिडकुल निर्माण घोटाले से जुड़ी जांच की 56 और फाइलों की समीक्षा की. इस दौरान अधिकांश फाइलों में वित्तीय अनियमितताओं से लेकर निर्माण गुणवत्ता में भारी कमी और शासन के आदेशों की अवहेलना जैसी गड़बड़ी पाई गई हैं. घोटाले में सबसे बड़ी गड़बड़ी ब्लैक लिस्ट कार्यदायी संस्था को कार्य देने का कारनामा सामने आया है.

बता दें, साल 2012 में उत्तराखंड शासनादेश द्वारा 'उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम' संस्था को निर्माण कार्य के लिए राज्य में ब्लैक लिस्ट किया गया था, लेकिन इसके बावजूद सिडकुल के घोटालेबाजों ने शासनादेश को ताक पर रखकर इस ब्लैक लिस्ट संस्था को निर्माण कार्य का टेंडर मनमाने ढंग से दे दिया.

शासनादेश दरकिनार कर ब्लैकलिस्टेड कार्यदायी संस्था को काम.

इन जिलों की घोटाले से जुड़ी फाइलों की हुई समीक्षा

जनपद फाइलें
टिहरी 4
देहरादून 11
हरिद्वार 8
पौड़ी 12
उत्तरकाशी 1
पिथौरागढ़ 2
अल्मोड़ा 2
नैनीताल 6
उधम सिंह नगर 10

स्थानीय कार्यदायी संस्था को कार्य देने पर भी शासनादेश की अवहेलना

सिडकुल घोटाले से जुड़ी जांच की 56 फाइलों में स्थानीय कार्यदायी संस्था के अधिकारों का हनन होने की पुष्टि भी सामने आई है. एसआईटी आईजी अभिनव कुमार के मुताबिक शासनादेश के अनुसार सिडकुल निर्माण कार्य में 5 करोड़ लागत से कम वाले कार्यों को राज्य के स्थानीय कार्यदायी संस्था को दिए जाने का आदेश पारित किया गया था, लेकिन घोटालेबाजों ने सरकार के आदेश का जमकर मखौल उड़ाया. घोटालेबाजों ने स्थानीय कार्यदायी संस्था को दरकिनार कर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम संस्था को फिर कार्य सौंप दिया. ऐसे में सिडकुल घोटाले वाली फाइलों में एसआईटी को एक से बढ़कर एक अनियमितताओं के सबूत हाथ लग रहे हैं.

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सिडकुल घोटाले से जुड़ी 56 फाइलों में वित्तीय गड़बड़ी पकड़ने की रिपोर्ट विशेषज्ञों एसआईटी को मिल चुकी है. इतना ही नहीं निर्माण कार्य में तकनीकी खामियों को लेकर भी अलग-अलग विभागों के इंजीनियर द्वारा रिपोर्ट भी एसआईटी को सौंपी गई है. वहीं, घोटाले से जुड़ी फाइलों में किस तरह से कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है. इसके लिए अलग-अलग जिलों के विधिक विशेषज्ञों द्वारा रिपोर्ट तैयार कर एसआईटी को सौंपने का सिलसिला भी जारी है.

एसआईटी अध्यक्ष गढ़वाल आईजी अभिनय कुमार ने बताया कि मासिक समीक्षा के तहत 9 जिलों से जुड़ी 56 फाइलों को तलब किया गया था, जिसमें से 30 फाइलों की जांच 5 दिसंबर तक पूरी कर संबंधित जिले एसआईटी रेंज को सौंपेंगे, जबकि 28 फाइलों की जांच 15 दिसंबर तक पूरी करने का समय निर्धारित किया गया है.

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देहरादून और पिथौरागढ़ से जुड़ी फाइलों की जांच तेजी करने के निर्देश

पिथौरागढ़ जिले से जुड़ी सिडकुल घोटाले की कुछ फाइलों की जांच रफ्तार कम होने के चलते एसआईटी अध्यक्ष आईजी गढ़वाल ने संबंधित जिला को जांच कार्रवाई में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि देहरादून से जुड़ी कुछ फाइलों में पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से जांच में लेटलतीफी में सुधार लाने के लिए जिला प्रशासन को एसआईटी द्वारा आग्रह किया गया है.

सिडकुल घोटाले से जुड़ी फाइलों की जांच पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

सिडकुल घोटाले से जुड़ी जांच की फाइलों को लेकर एसआईटी अध्यक्ष आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने बताया कि घोटाले से जुड़ी फाइलों की हर तरह से जांच करना पुलिस के लिए काफी चुनौती भरा था, लेकिन बावजूद इस जांच पड़ताल में जिला स्तर के अलग-अलग विभागों के विशेषज्ञ के अलावा कानूनी और वित्तीय विशेषज्ञों की मदद से घोटाले की फाइलों की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि 300 से अधिक फाइलें घोटाले से संबंधित हैं.

एसआईटी का प्रयास है कि हर माह 50 फाइलों से अधिक फाइलों का निस्तारण किया जा सके, जो पिछले कुछ महीनों से गतिमान है. आईजी गढ़वाल के मुताबिक सभी फाइलों के जांच हर स्तर पर पूरा करवाने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके बाद शासन स्तर पर यह निर्णय होगा कि किसके खिलाफ कानूनी कानूनी व विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

देहरादून: गढ़वाल आईजी अभिनव कुमार ने उत्तराखंड के चर्चित सिडकुल निर्माण घोटाले से जुड़ी जांच की 56 और फाइलों की समीक्षा की. इस दौरान अधिकांश फाइलों में वित्तीय अनियमितताओं से लेकर निर्माण गुणवत्ता में भारी कमी और शासन के आदेशों की अवहेलना जैसी गड़बड़ी पाई गई हैं. घोटाले में सबसे बड़ी गड़बड़ी ब्लैक लिस्ट कार्यदायी संस्था को कार्य देने का कारनामा सामने आया है.

बता दें, साल 2012 में उत्तराखंड शासनादेश द्वारा 'उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम' संस्था को निर्माण कार्य के लिए राज्य में ब्लैक लिस्ट किया गया था, लेकिन इसके बावजूद सिडकुल के घोटालेबाजों ने शासनादेश को ताक पर रखकर इस ब्लैक लिस्ट संस्था को निर्माण कार्य का टेंडर मनमाने ढंग से दे दिया.

शासनादेश दरकिनार कर ब्लैकलिस्टेड कार्यदायी संस्था को काम.

इन जिलों की घोटाले से जुड़ी फाइलों की हुई समीक्षा

जनपद फाइलें
टिहरी 4
देहरादून 11
हरिद्वार 8
पौड़ी 12
उत्तरकाशी 1
पिथौरागढ़ 2
अल्मोड़ा 2
नैनीताल 6
उधम सिंह नगर 10

स्थानीय कार्यदायी संस्था को कार्य देने पर भी शासनादेश की अवहेलना

सिडकुल घोटाले से जुड़ी जांच की 56 फाइलों में स्थानीय कार्यदायी संस्था के अधिकारों का हनन होने की पुष्टि भी सामने आई है. एसआईटी आईजी अभिनव कुमार के मुताबिक शासनादेश के अनुसार सिडकुल निर्माण कार्य में 5 करोड़ लागत से कम वाले कार्यों को राज्य के स्थानीय कार्यदायी संस्था को दिए जाने का आदेश पारित किया गया था, लेकिन घोटालेबाजों ने सरकार के आदेश का जमकर मखौल उड़ाया. घोटालेबाजों ने स्थानीय कार्यदायी संस्था को दरकिनार कर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम संस्था को फिर कार्य सौंप दिया. ऐसे में सिडकुल घोटाले वाली फाइलों में एसआईटी को एक से बढ़कर एक अनियमितताओं के सबूत हाथ लग रहे हैं.

पढ़- माननीयों की आमद को तरसते पहाड़! कोई सुध लेने वाला नहीं

सिडकुल घोटाले से जुड़ी 56 फाइलों में वित्तीय गड़बड़ी पकड़ने की रिपोर्ट विशेषज्ञों एसआईटी को मिल चुकी है. इतना ही नहीं निर्माण कार्य में तकनीकी खामियों को लेकर भी अलग-अलग विभागों के इंजीनियर द्वारा रिपोर्ट भी एसआईटी को सौंपी गई है. वहीं, घोटाले से जुड़ी फाइलों में किस तरह से कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है. इसके लिए अलग-अलग जिलों के विधिक विशेषज्ञों द्वारा रिपोर्ट तैयार कर एसआईटी को सौंपने का सिलसिला भी जारी है.

एसआईटी अध्यक्ष गढ़वाल आईजी अभिनय कुमार ने बताया कि मासिक समीक्षा के तहत 9 जिलों से जुड़ी 56 फाइलों को तलब किया गया था, जिसमें से 30 फाइलों की जांच 5 दिसंबर तक पूरी कर संबंधित जिले एसआईटी रेंज को सौंपेंगे, जबकि 28 फाइलों की जांच 15 दिसंबर तक पूरी करने का समय निर्धारित किया गया है.

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देहरादून और पिथौरागढ़ से जुड़ी फाइलों की जांच तेजी करने के निर्देश

पिथौरागढ़ जिले से जुड़ी सिडकुल घोटाले की कुछ फाइलों की जांच रफ्तार कम होने के चलते एसआईटी अध्यक्ष आईजी गढ़वाल ने संबंधित जिला को जांच कार्रवाई में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि देहरादून से जुड़ी कुछ फाइलों में पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से जांच में लेटलतीफी में सुधार लाने के लिए जिला प्रशासन को एसआईटी द्वारा आग्रह किया गया है.

सिडकुल घोटाले से जुड़ी फाइलों की जांच पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

सिडकुल घोटाले से जुड़ी जांच की फाइलों को लेकर एसआईटी अध्यक्ष आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने बताया कि घोटाले से जुड़ी फाइलों की हर तरह से जांच करना पुलिस के लिए काफी चुनौती भरा था, लेकिन बावजूद इस जांच पड़ताल में जिला स्तर के अलग-अलग विभागों के विशेषज्ञ के अलावा कानूनी और वित्तीय विशेषज्ञों की मदद से घोटाले की फाइलों की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि 300 से अधिक फाइलें घोटाले से संबंधित हैं.

एसआईटी का प्रयास है कि हर माह 50 फाइलों से अधिक फाइलों का निस्तारण किया जा सके, जो पिछले कुछ महीनों से गतिमान है. आईजी गढ़वाल के मुताबिक सभी फाइलों के जांच हर स्तर पर पूरा करवाने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके बाद शासन स्तर पर यह निर्णय होगा कि किसके खिलाफ कानूनी कानूनी व विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

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