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मसूरी में 551 किस्म के वड़ों की प्रदर्शनी, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए कसरत - वड़ा का जायका

मसूरी में 551 किस्म के वड़े बनाए गए. जिसमें उत्तराखंड के उत्पादों और जड़ी बूटियों से 51 वड़े शामिल थे. इसे लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करवाने के लिए प्रदर्शित किया गया. साथ ही भारतीय व्यंजनों के प्रचार-प्रचार के लिए इसका आयोजन किया गया था.

mussoorie vada
मसूरी वड़ा
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Published : Sep 7, 2021, 9:08 PM IST

Updated : Sep 7, 2021, 9:49 PM IST

मसूरीः होटल सवॉय में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए 551 किस्म के वड़े बनाकर प्रदर्शित किए गए. यह वड़े तीन सौ उत्पादों से बनाया गया है. खास बात ये है कि इनमें उत्तराखंड के उत्पादों और जड़ी बूटियों से 51 वड़े बनाए गए, जो आकर्षण का केंद्र रहे. इसमें झंगोरा, टिमरू, तिल, मंडवा, जख्या, गागले के पत्ते, चौलाई, अर्से, रोटाना आदि के वड़े शामिल हैं. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय व्यंजनों को विश्व में प्रचार-प्रसार करना है.

बता दें कि भारतीय व्यंजनों में वड़ा का अलग स्थान है, जो पूरे भारत के हर कोने में अलग-अलग किस्म के बनाए जाते हैं. लेकिन मुख्यतः इसमें करीब एक दर्जन वड़े ही प्रचलन में हैं. उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक 150 वड़े बनाए जाते हैं. ऐसे में 551 वड़े बनाने का रिकार्ड अनोखा है. इस कार्यक्रम की मुख्य सूत्रधार मसूरी की प्रगतिशील शेफ स्मृति हरि ने बताया कि यह कार्यक्रम पिछले दो सालों से प्लान किया जा रहा है, लेकिन अब जाकर यह सामने आया है. इसमें होटल सवॉय की अहम भूमिका रही.

मसूरी में 551 किस्म के वड़ों की प्रदर्शनी.

ये भी पढ़ेंः FOOD SPECIAL: क्या आपने खाया मंडुवे का स्वादिष्ट पिज्जा और मोमो, सेहत का है खजाना

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व में भारत के व्यंजनों को प्रचारित करना है. इसमें उत्तराखंड के उत्पादों और जड़ी बूटियों से 51 वडे़ बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के व्यंजन बनाकर परोसे जाएंगे, ताकि पूरे विश्व में भारतीय व्यंजनों को सामने लाया जा सके. वहीं, पंजाब से आए रिकार्डधारी सेफ डॉ. विरेंदर सिंह राणा ने बताया कि वड़ा भारतीय व्यंजन है. जिसे बड़े चाव से खाया जाता है. इसका मकसद यही है कि इसका प्रचार-प्रसार हो सके.

इस मौके पर सवॉय होटल के शेफ राजीव बडोला ने बताया कि भारतीय खाने में कई वैरायटी है, जो अपने आप में एक संस्कृति है, लेकिन इसका प्रचार प्रसार विश्वभर में नहीं हो पाया है. ऐसे कार्यक्रमों से निश्चित ही भारतीय व्यंजनों को खाने के शाकीनों का ध्यान जाएगा. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम मे सवॉय होटल का विशेष सहयोग रहा. उन्होंने पूरा स्टॉफ इसमें लगा दिया और अपना किचन भी दिया.

ये भी पढ़ेंः अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचेगा मंडुवा व झंगोरा, बाजार में बढ़ी पहाड़ी उत्पादों की मांग

वहीं, लेखक गणेश सैली ने कहा कि यह अनोखा व्यंजन प्रदर्शन है. जिसमें 551 प्रकार के वडे़ बनाए गए. जिसमें उत्तराखंड के उत्पादों से 51 वड़े बनाए गए. इसमें टिमरू भी उपयोग किया गया, जो यहां की महत्वपूर्ण औषधि है. यह निश्चित ही लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में स्थान बनाएगा.

मसूरीः होटल सवॉय में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए 551 किस्म के वड़े बनाकर प्रदर्शित किए गए. यह वड़े तीन सौ उत्पादों से बनाया गया है. खास बात ये है कि इनमें उत्तराखंड के उत्पादों और जड़ी बूटियों से 51 वड़े बनाए गए, जो आकर्षण का केंद्र रहे. इसमें झंगोरा, टिमरू, तिल, मंडवा, जख्या, गागले के पत्ते, चौलाई, अर्से, रोटाना आदि के वड़े शामिल हैं. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय व्यंजनों को विश्व में प्रचार-प्रसार करना है.

बता दें कि भारतीय व्यंजनों में वड़ा का अलग स्थान है, जो पूरे भारत के हर कोने में अलग-अलग किस्म के बनाए जाते हैं. लेकिन मुख्यतः इसमें करीब एक दर्जन वड़े ही प्रचलन में हैं. उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक 150 वड़े बनाए जाते हैं. ऐसे में 551 वड़े बनाने का रिकार्ड अनोखा है. इस कार्यक्रम की मुख्य सूत्रधार मसूरी की प्रगतिशील शेफ स्मृति हरि ने बताया कि यह कार्यक्रम पिछले दो सालों से प्लान किया जा रहा है, लेकिन अब जाकर यह सामने आया है. इसमें होटल सवॉय की अहम भूमिका रही.

मसूरी में 551 किस्म के वड़ों की प्रदर्शनी.

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उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व में भारत के व्यंजनों को प्रचारित करना है. इसमें उत्तराखंड के उत्पादों और जड़ी बूटियों से 51 वडे़ बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के व्यंजन बनाकर परोसे जाएंगे, ताकि पूरे विश्व में भारतीय व्यंजनों को सामने लाया जा सके. वहीं, पंजाब से आए रिकार्डधारी सेफ डॉ. विरेंदर सिंह राणा ने बताया कि वड़ा भारतीय व्यंजन है. जिसे बड़े चाव से खाया जाता है. इसका मकसद यही है कि इसका प्रचार-प्रसार हो सके.

इस मौके पर सवॉय होटल के शेफ राजीव बडोला ने बताया कि भारतीय खाने में कई वैरायटी है, जो अपने आप में एक संस्कृति है, लेकिन इसका प्रचार प्रसार विश्वभर में नहीं हो पाया है. ऐसे कार्यक्रमों से निश्चित ही भारतीय व्यंजनों को खाने के शाकीनों का ध्यान जाएगा. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम मे सवॉय होटल का विशेष सहयोग रहा. उन्होंने पूरा स्टॉफ इसमें लगा दिया और अपना किचन भी दिया.

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वहीं, लेखक गणेश सैली ने कहा कि यह अनोखा व्यंजन प्रदर्शन है. जिसमें 551 प्रकार के वडे़ बनाए गए. जिसमें उत्तराखंड के उत्पादों से 51 वड़े बनाए गए. इसमें टिमरू भी उपयोग किया गया, जो यहां की महत्वपूर्ण औषधि है. यह निश्चित ही लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में स्थान बनाएगा.

Last Updated : Sep 7, 2021, 9:49 PM IST
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