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चारधाम यात्रा की तैयारी शुरू, शीतकालीन पर्यटन के लिए 24 मंदिर किए जाएंगे विकसित - temples to be developed for winter tourism

कोरोना काल के बाद एक बार फिर से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पूरी तरीके से खोला जा रहा है. इसी के साथ उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 24 मंदिरों को विकसित करने की तैयारी में जुटा है. ताकि चारधाम आने वाले यात्रा, यहां शीतकालीन में पर्यटन के अपना रुख करें.

Preparation for Chardham Yatra begins
चारधाम यात्रा की तैयारी शुरू
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Published : Apr 3, 2022, 3:10 PM IST

Updated : Apr 3, 2022, 3:17 PM IST

देहरादून: बीते दो सालों से कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा पूरी तरह से प्रभावित रहा. वहीं, वर्तमान में कोरोना संक्रमण में हो रही गिरावट के बाद उत्तराखंड सरकार और पर्यटन मंत्रालय 3 मई से चारधाम यात्रा पूरी तरह से खोलने जा रही है. चारधाम यात्रा को लेकर विभाग तैयारियों में जुटा हुआ है. इसके साथ ही पर्यटन विभाग प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई सौगात देने जा रहा है.

इसके साथ ही उत्तराखंड पर्यटन विभाग एक बार फिर शीतकालीन धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई कवायद शुरू करने जा रही है. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चैत्र नवरात्र के शुरू होने पर प्रदेशवासियों को धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई सौगात की घोषणा की है. पर्यटन मंत्री ने कहा गढ़वाल और कुमाऊं में 12-12 मंदिरों को चयनित कर उनको शीतकाल धार्मिक पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा.

शीतकालीन पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

ये भी पढ़ें: पुनरुद्धार के बाद पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी गर्तांगली, जानें घूमने का कितना है शुल्क

सतपाल महाराज ने कहा कोविड काल के बाद चारधाम यात्रा को लेकर यात्रियों में उत्साह देखने को मिल रहा है. इसलिए अब प्रयास किया जा रहा है कि उत्तराखंड के 24 मंदिरों को चिन्हित कर उनको विकसित किया जाएगा. वहां पर भी चारधाम की तर्ज पर सुविधाओं को जुटाया जाएगा. जिससे कि ग्रीष्मकाल में जो यात्री चारधाम के दर्शन के लिए आते हैं, वह श्रद्धालु शीतकाल में उत्तराखंड के इन सिद्धपीठ मंदिरों के दर्शन के लिए भी प्रदेश में पहुंचे. शीतकाल में भी धार्मिक पर्यटन से प्रदेश के लोगों के आजीविका को बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.

सतपाल महाराज ने कहा शीतकाल में आइस स्केटिंग और अन्य शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने के लिए मौजूद डेस्टिनेशन के साथ अन्य डेस्टिनेशन भी तलाशे जाएंगे. पूर्व में भी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भी शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चारधामो के शीतकालीन गद्दीयों में व्यवस्थाएं बढ़ाने का प्रयास किया था, लेकिन वह योजना कुछ समय चलने के बाद अधिक परवान नहीं चढ़ पाई थी.

वहीं, अब इससे अलग भाजपा सरकार चारधामों के अलावा प्रदेश के अन्य मंदिरों को विकसित कर शीतकाल में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का दावा कर रही है. अब देखना होगा कि यह योजना कब तक धरातल पर उतर पाती है.

देहरादून: बीते दो सालों से कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा पूरी तरह से प्रभावित रहा. वहीं, वर्तमान में कोरोना संक्रमण में हो रही गिरावट के बाद उत्तराखंड सरकार और पर्यटन मंत्रालय 3 मई से चारधाम यात्रा पूरी तरह से खोलने जा रही है. चारधाम यात्रा को लेकर विभाग तैयारियों में जुटा हुआ है. इसके साथ ही पर्यटन विभाग प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई सौगात देने जा रहा है.

इसके साथ ही उत्तराखंड पर्यटन विभाग एक बार फिर शीतकालीन धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई कवायद शुरू करने जा रही है. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चैत्र नवरात्र के शुरू होने पर प्रदेशवासियों को धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई सौगात की घोषणा की है. पर्यटन मंत्री ने कहा गढ़वाल और कुमाऊं में 12-12 मंदिरों को चयनित कर उनको शीतकाल धार्मिक पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा.

शीतकालीन पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

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सतपाल महाराज ने कहा कोविड काल के बाद चारधाम यात्रा को लेकर यात्रियों में उत्साह देखने को मिल रहा है. इसलिए अब प्रयास किया जा रहा है कि उत्तराखंड के 24 मंदिरों को चिन्हित कर उनको विकसित किया जाएगा. वहां पर भी चारधाम की तर्ज पर सुविधाओं को जुटाया जाएगा. जिससे कि ग्रीष्मकाल में जो यात्री चारधाम के दर्शन के लिए आते हैं, वह श्रद्धालु शीतकाल में उत्तराखंड के इन सिद्धपीठ मंदिरों के दर्शन के लिए भी प्रदेश में पहुंचे. शीतकाल में भी धार्मिक पर्यटन से प्रदेश के लोगों के आजीविका को बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.

सतपाल महाराज ने कहा शीतकाल में आइस स्केटिंग और अन्य शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने के लिए मौजूद डेस्टिनेशन के साथ अन्य डेस्टिनेशन भी तलाशे जाएंगे. पूर्व में भी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भी शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चारधामो के शीतकालीन गद्दीयों में व्यवस्थाएं बढ़ाने का प्रयास किया था, लेकिन वह योजना कुछ समय चलने के बाद अधिक परवान नहीं चढ़ पाई थी.

वहीं, अब इससे अलग भाजपा सरकार चारधामों के अलावा प्रदेश के अन्य मंदिरों को विकसित कर शीतकाल में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का दावा कर रही है. अब देखना होगा कि यह योजना कब तक धरातल पर उतर पाती है.

Last Updated : Apr 3, 2022, 3:17 PM IST
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