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एक और मौत के बाद स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या हुई 21, 136 पॉजिटिव केस आए सामने - uttarakhand health department

उत्तराखंड में ताकतवर हुआ स्वाइन फ्लू का वायरस. 136 लोग आये चपेट में. मौतों के भी लगातार बढ़ रहे आंकड़े.

स्वाइन फ्लू
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Published : Feb 9, 2019, 9:38 PM IST

देहरादून: स्वाइन फ्लू का प्रकोप उत्तराखंड में लगातार बढ़ता जा रहा है. शनिवार को एक और मरीज की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि 26 वर्षीय सहारनपुर निवासी एक महिला ने इलाज के दौरान महंत इंदिरेश हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया. अब स्वाइन फ्लू से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 21 हो गया है. वहीं 11 नये मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि भी हुई है.

सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि शनिवार को 11 और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, जिससे प्रदेश में फ्लू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 136 हो गयी. स्वास्थ्य विभाग भले ही स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए लगातार आवश्यक कदम उठाने के दावे कर रहा हो लेकिन स्वाइन फ्लू का वायरस उत्तराखंड में लगातार घातक होता जा रहा है.

स्वाइन फ्लू की कहर की वजह से उत्तराखंड में महज एक महीने में स्वाइन फ्लू पीड़ित मरीजों का आंकड़ा 136 पहुंच गया है. जानकारी के मुताबिक स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मरीज महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती हैं. इसके अलावा मैक्स अस्पताल, दून हॉस्पिटल, सिनर्जी, कैलाश और हिमालियन अस्पताल में भी कुई मरीज एडमिट बताये जा रहे हैं.

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बता दें कि इस बीमारी से बचने के लिये शुगर, किडनी, हार्ट और लिवर के मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत होती है. स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी करते हुए लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों से परहेज करने और हाइजीन का खास ख्याल रखने को कहा है.

स्वास्थ विभाग के मुताबिक H1N1 सीजनल इन्फ्लुएंजा की तरह है. अधिकांश केस में यह साधारण सर्दी-जुखाम जैसा ही होता है, जो खुद ही ठीक हो जाता है. लेकिन जैसे-जैसे इसका वायरस स्ट्रांग होते जाता है वैसे-वैसे परेशानी बढ़ती जाती है. इसके रोकथाम का सबसे कारगर उपाय यही है कि सर्दी-जुखाम जैसे लक्षण होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है.

देहरादून: स्वाइन फ्लू का प्रकोप उत्तराखंड में लगातार बढ़ता जा रहा है. शनिवार को एक और मरीज की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि 26 वर्षीय सहारनपुर निवासी एक महिला ने इलाज के दौरान महंत इंदिरेश हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया. अब स्वाइन फ्लू से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 21 हो गया है. वहीं 11 नये मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि भी हुई है.

सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि शनिवार को 11 और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, जिससे प्रदेश में फ्लू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 136 हो गयी. स्वास्थ्य विभाग भले ही स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए लगातार आवश्यक कदम उठाने के दावे कर रहा हो लेकिन स्वाइन फ्लू का वायरस उत्तराखंड में लगातार घातक होता जा रहा है.

स्वाइन फ्लू की कहर की वजह से उत्तराखंड में महज एक महीने में स्वाइन फ्लू पीड़ित मरीजों का आंकड़ा 136 पहुंच गया है. जानकारी के मुताबिक स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मरीज महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती हैं. इसके अलावा मैक्स अस्पताल, दून हॉस्पिटल, सिनर्जी, कैलाश और हिमालियन अस्पताल में भी कुई मरीज एडमिट बताये जा रहे हैं.

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बता दें कि इस बीमारी से बचने के लिये शुगर, किडनी, हार्ट और लिवर के मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत होती है. स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी करते हुए लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों से परहेज करने और हाइजीन का खास ख्याल रखने को कहा है.

स्वास्थ विभाग के मुताबिक H1N1 सीजनल इन्फ्लुएंजा की तरह है. अधिकांश केस में यह साधारण सर्दी-जुखाम जैसा ही होता है, जो खुद ही ठीक हो जाता है. लेकिन जैसे-जैसे इसका वायरस स्ट्रांग होते जाता है वैसे-वैसे परेशानी बढ़ती जाती है. इसके रोकथाम का सबसे कारगर उपाय यही है कि सर्दी-जुखाम जैसे लक्षण होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है.

स्वाइन फ्लू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है इसके अलावा ये बीमारी जानलेवा भी साबित हो रहे हैं। आज फिर सहारनपुर की 26 वर्षीय एक महिला ने स्वाइन फ्लू के इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सीएमओ डॉ एस के गुप्ता के मुताबिक महिला श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती थी। वहीं शनिवार को स्वाइन फ्लू के 11 और मरीज मिलने के बाद अब आंकड़ा बढ़कर 136 हो गया है।  अकेले श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में ही अट्ठारह मौतें स्वाइन फ्लू की वजह से हो चुकी हैं। स्वास्थ विभाग स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए लगातार आवश्यक कदम उठा रहा है लेकिन स्वाइन फ्लू पर लगाम नहीं लग पा रही है। लोगों को जागरूक करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है की यदि आवश्यक हो तभी भीड़ भाड़ वाले स्थानों की ओर रुख करें अन्यथा ऐसे स्थानों की ओर जाने से परहेज करें ।छीकते व खाँसने के दौरान रूमाल का उपयोग करें, हाइजीन यानी साफ-सफाई को लेकर सतर्कता बरतें। स्वास्थ विभाग काा कहना है कि h1 n1 सीजनल इन्फ्लुएंजा की तरह है और अधिकांश केस में यह साधारण सर्दी जुखाम की तरह ही होता है और स्वतः ही ठीक होो जाता है। इसकी रोकथाम का सबसे कारगर उपाय यही है किसके लक्षण होने पर शीघ्र  ही चिकित्सकीय परामर्श ले ताकि उचित उपचार समय से प्रदान किया जा सके।
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