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Corona Vaccination: अभीतक 20 लाख लोगों को ही लगे दो टीके, लक्ष्य से काफी दूर उत्तराखंड - उत्तराखंड कोरोना अपडेट न्यूज

उत्तराखंड में बड़ी तेजी से कोरोना वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. सरकार ने प्रदेश को पूरी तरह के वैक्सीनेट करने के लिए दिसंबर तक का लक्ष्य रखा है, लेकिन दिसंबर तक लक्ष्य के छूना थोड़ा चुनौतीपूर्ण लग रहा है. दरअसल अभी सिर्फ 20 लाख से थोड़ा ज्यादा लोगों को ही कोरोना के दोनों टीके लग पाए हैं.

Corona Vaccination Uttarakhand
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Published : Sep 2, 2021, 7:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में वैक्सीनेशन को लेकर शुरू हुए अभियान को अब करीब 9 महीने होने जा रहे हैं. राज्य में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई थी. इन 9 महीनों में करीब 86 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगा है. प्रदेश में वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर नजर डालते है.

कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीनेशन ही एक मात्र उपाय है. यही कारण है कि उत्तराखंड सरकार इस दिशा में तेजी काम भी कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी टीकाकरण को देश में करोना की रोकथाम के लिए बेहद जरूरी बताते हुए सभी को इस अभियान का हिस्सा बनने का अनुरोध बार-बार करते रहे हैं. शायद यही कारण है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार ने भी इस अभियान को काफी गंभीरता से लेते हुए इसमें अतिरिक्त ताकत झोंकने का प्रयास किया है.

पढ़ें- गुरुवार को कोरोना के 33 नए मरीज मिले, 15 स्वस्थ हुए

इसी का नतीजा है कि राज्य के करीब 86 लाख लोगों तक यह अभियान पहुंच चुका है. विस्तार से देखें तो प्रदेश में अब तक जहां करीब 86 लाख लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है. वहीं प्रदेश में संक्रमण के मामले भी पिछले महीने की तुलना में कुछ कम हुए हैं. हालांकि अभी तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है, लेकिन राज्य के वैक्सीनेशन को लेकर जारी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 66,02,595 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी पहली वैक्सीन की डोज लगवा ली है.

उधर 20,81,022 लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने दोनों वैक्सीन की डोज लगवा ली है. इसमें 41 लाख लोग 18 से 44 साल के हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह साफ कर चुके हैं कि राज्य सरकार दिसंबर तक यानी आने वाले 4 महीने में राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन लगवा देगी. हालांकि बचे हुए समय के अनुसार अभी यह लक्ष्य पाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि प्रदेश में अब भी करीब 20 से 25 लाख लोगों को वैक्सीन लगायी जानी बाकी है.

पढ़ें- लापरवाही! उत्तराखंड में डेल्टा वैरिएंट की दस्तक के बाद भी कोरोना जांच में 62 प्रतिशत की कमी

इसमें बड़ी चुनौती ऐसे लोग भी हैं, जो किसी गलत जानकारी या समझ के कारण वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते. लिहाजा जनवरी से शुरू हुआ यह अभियान दिसंबर तक खत्म करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगा. हालांकि यदि सरकार इस अभियान को तय समय पर पूरा करती है तो इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड में वैक्सीनेशन को लेकर शुरू हुए अभियान को अब करीब 9 महीने होने जा रहे हैं. राज्य में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई थी. इन 9 महीनों में करीब 86 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगा है. प्रदेश में वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर नजर डालते है.

कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीनेशन ही एक मात्र उपाय है. यही कारण है कि उत्तराखंड सरकार इस दिशा में तेजी काम भी कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी टीकाकरण को देश में करोना की रोकथाम के लिए बेहद जरूरी बताते हुए सभी को इस अभियान का हिस्सा बनने का अनुरोध बार-बार करते रहे हैं. शायद यही कारण है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार ने भी इस अभियान को काफी गंभीरता से लेते हुए इसमें अतिरिक्त ताकत झोंकने का प्रयास किया है.

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इसी का नतीजा है कि राज्य के करीब 86 लाख लोगों तक यह अभियान पहुंच चुका है. विस्तार से देखें तो प्रदेश में अब तक जहां करीब 86 लाख लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है. वहीं प्रदेश में संक्रमण के मामले भी पिछले महीने की तुलना में कुछ कम हुए हैं. हालांकि अभी तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है, लेकिन राज्य के वैक्सीनेशन को लेकर जारी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 66,02,595 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी पहली वैक्सीन की डोज लगवा ली है.

उधर 20,81,022 लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने दोनों वैक्सीन की डोज लगवा ली है. इसमें 41 लाख लोग 18 से 44 साल के हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह साफ कर चुके हैं कि राज्य सरकार दिसंबर तक यानी आने वाले 4 महीने में राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन लगवा देगी. हालांकि बचे हुए समय के अनुसार अभी यह लक्ष्य पाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि प्रदेश में अब भी करीब 20 से 25 लाख लोगों को वैक्सीन लगायी जानी बाकी है.

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इसमें बड़ी चुनौती ऐसे लोग भी हैं, जो किसी गलत जानकारी या समझ के कारण वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते. लिहाजा जनवरी से शुरू हुआ यह अभियान दिसंबर तक खत्म करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगा. हालांकि यदि सरकार इस अभियान को तय समय पर पूरा करती है तो इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जाएगा.

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