मसूरीः सीडस रिंक ए हेरिटेज होटल के जलने के बाद आग की लपटों में 131 साल पुराना इतिहास भी जलकर खाक हो गया है. रविवार सुबह मसूरी कैमल बैक रोड रॉक्सी होटल के पास ऐतिहासिक सीडस रिंक द हेरिटेज होटल भीषण आग लगने के बाद जलकर खाक हो गया. घटना से मसूरी वासियों में मायूसी छा गई है.
मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि निश्चित ही यह बहुत दुखद घटना है. मसूरी के सीडस रिंक ए हेरिटेज होटल में बना ऐतिहासिक स्केटिंग रिंक हाल भी जलकर खाक हो गया. इससे साथ ही एक इतिहास भी मिट गया है. होटल एक लैंडमार्क था मसूरी का, जो कि अब मिट गया है. उन्होंने कहा कि मसूरी द रिंक होटल और स्केटिंग हाल 131 साल पुरानी बिल्डिंग है, जो अपने आप में एक इतिहास समेटे हुआ है. इसकी स्थापना 1890 में हुई थी और इस साल इसने 131 साल पूरे कर लिए थे.
उन्होंने बताया कि हमारे देश के आजाद होने से पहले अंग्रेजों के दौर में यहां पर बड़े प्रोग्राम होते थे. थिएटर हुआ करते थे. स्केटिंग रिंक के लिए ये होटल पूरे दुनिया में मशहूर था. स्केटिंग रिंक हाल में रेसलिंग भी आयोजित होती थी, जिसमें देश और विदेश के बड़े-बड़े पहलवान प्रतिभाग करते थे. आजादी के बाद इसका स्वरूप बदल गया. 1951 से मसूरी नगर पालिका का ऑटम फेस्टिवल इसी हाल में आयोजित किया जाता था.
1972 में पहले राष्ट्रीय चैंपियन अशोक पाल और उनकी बहन बिना सिंह ने इसी होल से ऑल इंडिया ओपन रोलिंग स्केटिंग चैंपियनशिप की शुरुआत की थी. स्केटिंग रिंक हाल में ही नेशनल चैंपियनशिप 1983 आयोजित की गई थी. इसमें भारत के सभी स्केटिंग क्लब की टीमें प्रतिभाग करने पहुंची थी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अनिल रतूरी भी हॉकी रोलर स्केट का अभ्यास द रिंक में ही करते थे.