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उत्तराखंड की 13 नदियां होंगी पुनर्जीवित, जानिए इनके नाम

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Published : Jan 13, 2021, 1:13 PM IST

Updated : Jan 13, 2021, 1:25 PM IST

उत्तराखंड सरकार ने 13 नदियों को पुनर्जीवित करने का फैसला लिया है. कैंपा फंड से ये काम किया जाएगा.

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नदियां होंगी पुनर्जीवित

देहरादून: उत्तराखंड में कैंपा के तहत वन्यजीवों की सुरक्षा और वृक्षारोपण से जुड़े 200 करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. खास बात यह है कि इस प्रस्ताव में नदियों के पुनर्जीवन से जुड़े विषयों को भी जोड़ा गया है. इसके तहत राज्य की 13 नदियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जाएगा.

नदियां होंगी पुनर्जीवित
कैंपा के फंड से त्रिवेंद्र सरकार न केवल वन्यजीवों और पर्यावरण संरक्षण को लेकर बड़े स्तर पर काम करने की तैयारी कर रही है, बल्कि नदियों को पुनर्जीवित किए जाने के लिए भी कैंपा के फंड का इस्तेमाल होने जा रहा है. राज्य के लिए अच्छी खबर यह है कि केंद्र से भी इसके लिए मंजूरी दे दी गई है. इसके बाद प्रदेश की 13 नदियों को पुनर्जीवित किया जा सकेगा.

तैयार किए गए प्रस्ताव के तहत इन नदियों के उद्गम स्थल से लेकर उत्तराखंड की सीमा तक इन्हें अविरल और निर्मल किया जाएगा. इन नदियों की निर्मलता के लिए उनके आसपास वृक्षारोपण कर जल संचय का काम किया जाएगा. साथ ही इन नदियों में गिरने वाले नालों को भी बंद करने की योजना है. योजना के तहत करीब 90 करोड़ का बजट कैंपा के तहत इस काम के लिए दिया जाएगा.

इन नदियों में कुछ नदियां ऐसी भी हैं जो नेशनल पार्क से होकर जाती हैं जिससे वन्यजीवों पर भी खतरा बना रहता है. वन्यजीवों के लिए सुरक्षित जल को लेकर भी इसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. वहीं नदियों की स्वच्छता और निर्मलता के लिए राज्य का यह एक बड़ा कदम है. इन नदियों में सुसवा, भेला, ढेला, नंधौर, गंडक, हेवल, बिंदाल नदी शामिल हैं.


ये भी पढ़ें: हरियाणा, मध्य प्रदेश और हिमाचल से आने वाले अंडों पर रोक

दूसरी तरफ राज्य में ग्राम प्रहरियों को लेकर चल रही सुगबुगाहट पर भी विराम लगा है. विभागीय मंत्री ने साफ किया है कि फ़िलहाल कैंपा के तहत 10,000 ग्राम प्रहरियों को नौकरी दिए जाने को मंजूरी नहीं मिल पाई है. साफ है कि यह चर्चा फिलहाल सुगबुगाहट तक ही सीमित थी और फिलहाल इस तरह के किसी भी प्रस्ताव पर सरकार काम नहीं करने जा रही है.

देहरादून: उत्तराखंड में कैंपा के तहत वन्यजीवों की सुरक्षा और वृक्षारोपण से जुड़े 200 करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. खास बात यह है कि इस प्रस्ताव में नदियों के पुनर्जीवन से जुड़े विषयों को भी जोड़ा गया है. इसके तहत राज्य की 13 नदियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जाएगा.

नदियां होंगी पुनर्जीवित
कैंपा के फंड से त्रिवेंद्र सरकार न केवल वन्यजीवों और पर्यावरण संरक्षण को लेकर बड़े स्तर पर काम करने की तैयारी कर रही है, बल्कि नदियों को पुनर्जीवित किए जाने के लिए भी कैंपा के फंड का इस्तेमाल होने जा रहा है. राज्य के लिए अच्छी खबर यह है कि केंद्र से भी इसके लिए मंजूरी दे दी गई है. इसके बाद प्रदेश की 13 नदियों को पुनर्जीवित किया जा सकेगा.

तैयार किए गए प्रस्ताव के तहत इन नदियों के उद्गम स्थल से लेकर उत्तराखंड की सीमा तक इन्हें अविरल और निर्मल किया जाएगा. इन नदियों की निर्मलता के लिए उनके आसपास वृक्षारोपण कर जल संचय का काम किया जाएगा. साथ ही इन नदियों में गिरने वाले नालों को भी बंद करने की योजना है. योजना के तहत करीब 90 करोड़ का बजट कैंपा के तहत इस काम के लिए दिया जाएगा.

इन नदियों में कुछ नदियां ऐसी भी हैं जो नेशनल पार्क से होकर जाती हैं जिससे वन्यजीवों पर भी खतरा बना रहता है. वन्यजीवों के लिए सुरक्षित जल को लेकर भी इसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. वहीं नदियों की स्वच्छता और निर्मलता के लिए राज्य का यह एक बड़ा कदम है. इन नदियों में सुसवा, भेला, ढेला, नंधौर, गंडक, हेवल, बिंदाल नदी शामिल हैं.


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दूसरी तरफ राज्य में ग्राम प्रहरियों को लेकर चल रही सुगबुगाहट पर भी विराम लगा है. विभागीय मंत्री ने साफ किया है कि फ़िलहाल कैंपा के तहत 10,000 ग्राम प्रहरियों को नौकरी दिए जाने को मंजूरी नहीं मिल पाई है. साफ है कि यह चर्चा फिलहाल सुगबुगाहट तक ही सीमित थी और फिलहाल इस तरह के किसी भी प्रस्ताव पर सरकार काम नहीं करने जा रही है.

Last Updated : Jan 13, 2021, 1:25 PM IST
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