देहरादून: उत्तराखंड के मैदानी और पहाड़ी जिलों में साल दर साल बढ़ने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अब हाईवे पेट्रोलिंग को बढ़ाया जाएगा. ट्रैफिक निदेशालय कार्य योजना अनुसार शासन से अनुमति मिलने के बाद मुख्यालय स्तर पर 100 से अधिक हाईवे पेट्रोलिंग वाहन सड़कों पर नजर आएंगे. बेकाबू वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए इंटरसेप्टर वाहनों के साथ-साथ छोटे बड़े नए वाहनों को सड़क सुरक्षा दल में शामिल किया जाएगा. साथ ही हाईवे पेट्रोलिंग कार्रवाई को जल्द ही बढ़ाया जाएगा.
बता दें कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए देहरादून, नैनीताल, उधम सिंह नगर और हरिद्वार जैसे जनपदों पर वर्तमान में मात्र 14 स्पीड कंट्रोल इंटरसेप्टर वाहन हाईवे पेट्रोलिंग में संचालित हैं. जबकि सिटी पेट्रोलिंग यूनिट के रूप में 50 दोपहिया वाहन राज्य के प्रमुख जनपदों के साथ कुछ पहाड़ी जिलों में हाईवे पर तैनात हैं. वहीं, इसके अलावा ट्रैफिक कंट्रोल यूनिट के रूप में अलग-अलग जनपदों द्वारा ट्रैफिक इंस्पेक्टर को चार पहिया वाहन मुहैया कराए गए हैं, लेकिन लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की वजह से अब हाईवे पेट्रोल यूनिट को बढ़ाने की कवायद मुख्यालय स्तर पर चल रही है.
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स्कॉर्पियो के रूप में इंटरसेप्टर तैयार करने का प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय द्वारा शासन को प्रस्ताव भेजकर हाईवे पर आधुनिक स्पीड कंट्रोल यूनिट इंटरसेप्टर वाहन को स्कॉर्पियो के रूप में खरीदने का आग्रह किया गया है. हालांकि, इससे पहले इनोवा मॉडल में इंटरसेप्टर तैयार कर राज्य के हाईवे पर संचालित हैं.
लॉकडाउन में सड़क हादसे में कमी
कोरोनाकाल 2020 वर्ष को छोड़कर विगत वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रतिदिन 3 और सालाना औसतन एक हजार लोगों की मौत उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं में होती है. हालांकि, कोरोनाकाल में वाहनों की आवाजाही बंदी के चलते दुर्घटनाओं में 40 फीसदी कमी दर्ज की गई. साल 2020 में राज्य भर में नवंबर महीने तक सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या 583 दर्ज की गई, जबकि वर्ष 2019 में 868 और 2019 में 1047 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई.
अनलॉक में फिर से बढ़ें सड़क दुर्घटनाएं
लाकडॉउन के बाद अनलॉक का दौर शुरू होते ही एक बार फिर उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है. जिसको देखते हुए प्रभावी कदम उठाते हुए उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा हाईवे पेट्रोलिंग यूनिट बढ़ाकर सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है.
112 और ट्रैफिक कंट्रोल रूम से जुड़ेंगी हाईवे पेट्रोल यूनिट: डीजीपी
वहीं, डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि 112 पुलिस हेल्पलाइन नंबर के तहत सभी हाईवे पेट्रोलिंग गाड़ियां जुडेंगी. जल्दी ही शासन से अनुमति मिलने पर लगभग 100 हाईवे पेट्रोलिंग गाड़ियों को उतारा जाएगा. इसमें तेज रफ्तार को पकड़ने वाली इंटरसेप्टर वाहन के साथ-साथ छोटे और बड़े वाहन भी सड़क हादसों को रोकने के लिए रखे जाएंगे.
डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक उत्तर प्रदेश के डायल 100 में हजारों गाड़ियां सड़क सुरक्षा अभियान के तहत हाईवे पेट्रोलिंग पर चलती हैं. उसी तर्ज पर अब उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रथम चरण में 100 से अधिक अतिरिक्त वाहन हाईवे पेट्रोलिंग के लिए उतारे जाएंगे.