चंपावत: जिले के विभिन्न राहत शिविरों में 15 दिन क्वॉरेंटाइन रहने के बाद शनिवार को सभी मजदूरों की घर वापसी हो गई है. इनके लिए राज्य सरकार ने रोडवेज की बसें संचालित कीं.
राहत शिविर में बहराइच, पीलीभीत और लखीमपुर के मजदूर थे. इन्हें क्वॉरेंटाइन के वक्त योग के साथ साक्षर भी किया गया. साक्षरता परीक्षा में अव्वल आए शिविरार्थियों को सम्मानित भी किया गया. मजदूर जहां घर जाने पर खुश थे वहीं उनके आंसू भी छलक पड़े. मजदूर यहां मिली शिक्षा और लोगों के व्यवहार से काफी खुश दिखाई दे रहे थे.
एसडीएम आरसी गौतम के दिशा निर्देश पर शुक्रवार को राहत शिविर में रह रहे 36 मजदूरों को रोडवेज बस से टनकपुर तक भेजा गया. मोबाइल टीम में डॉ. एलएम रखोलिया और डॉ. पीएस पांगती ने सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. इस दौरान साक्षरता परीक्षा में अव्वल आए मजदूर दुर्गा राम, मतंगी लाल और मंशा राम को डॉ. सुमन पांडेय ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया.
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बीईओ हरेन्द्र साह और प्रधानाचार्य मीना शुक्ला ने मजदूर दिवस की शुभकामनाएं दीं. मजदूरों कहना था कि राहत शिविरों में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला. इस दौरान शिविर समन्वयक शिक्षक अनूप कौशल, विक्रमाजीत चौहान, हेमंती भट्ट और रेखा पंत का आभार जताया. इस मौके पर सीओ ध्यान सिंह, एसओ मनीष खत्री, बीईओ हरेन्द्र साह, प्रधानाचार्य मीना शुक्ला, गोविंद बोहरा, कुंवर प्रथौली, संजीव पंत, कमलेश जोशी, सुनील पांडेय मौजूद रहे.