चंपावतः टनकपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में शारदा नदी से लगातार भू-कटाव हो रहा है. भू-कटाव से उनकी कृषि भूमि फसल समेत नदी में समा रही है. इतना ही नहीं गांवों में खतरा मंडरा रहा है. जिसे लेकर ग्रामीण दहशत में हैं. साथ ही प्रशासन से खासे नाराज भी हैं. उनका कहना है कि शारदा नदी से लगातार भू-कटाव की समस्या बनी हुई है, लेकिन प्रशासन की ओर से भू-कटाव को लेकर कोई ठोस व्यवस्था नहीं की जा रही है.
ग्रामीणों का कहना है कि शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से लगातार भू-कटाव हो रहा है. जिससे उनकी कीमती जमीन को हर साल नदी काटकर बहा ले जा रही है. उनके कई खेत, बाग-बगीचे, आम-लीची के पेड़, धान आदि की फसल नदी की भेंट चढ़ चुके हैं. ऐसे में उन्हें कई चिंता सता रही है. उनका कहना है कि अगर भू-कटाव को लेकर कोई ठोस सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई तो उसके पास कुछ भी नहीं बचेगा. भू-कटाव से काफी नुकसान हो चुका है. ऐसे में इसकी भरपाई कैसे होगी?
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ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा है कि शारदा नदी के आस-पास जितने भी गांव हैं, उन सब पर भू-कटाव का खतरा मंडरा रहा है. अगर शारदा नदी का रुख बदलता है तो भयानक तबाही होने की आशंका है. ग्रामीणों ने बहुचर्चित 28 एकड़ पर खनन कराए जाने को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने खनन पर रोक लगाए जाने की मांग की हैं. साथ ही तटबंध बनाने को कहा.
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क्या बोले अधिकारी? मामले पर टनकपुर एसडीएम हिमांशु कफल्टिया का कहना है कि संबंधित विभागों की ओर से सर्वे कराया जाएगा. साथ ही मामले में एक प्रोजेक्ट प्लान तैयार कर शासन को भेजा गया है. जल्द ही ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा.