चंपावत: जिले के शिक्षक संगठनों के साथ ही अन्य कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर जिला मुख्यालय से जुलूस निकाल कर कलक्ट्रेट के बाहर धरना- प्रदर्शन किया. जिले भर से आए शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पुरानी पेंशन बहाली की मांग के साथ-साथ विभिन्न मांगों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा.
शिक्षक पुरानी पेंशन योजना को तत्काल बहाल करने और छठे केंद्रीय वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं. जिससे सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा में संसोधन कर सारे देश के प्राथमिक शिक्षकों के लिए समान रूप से लागू हो सके. शिक्षकों ने नई शिक्षा नीति में प्रारंभिक शिक्षा का सुदृढीकरण करने की भी मांग की हैं.
प्रदर्शनकारी शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्रालय को कई बार ज्ञापन भेजा, पर उनकी मांगों को लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा विधायक, सांसद, मंत्रियों के साथ जजों को भी पुरानी पेंशन मिल रही है. लेकिन उनके साथ पक्षपात किया जा रहा है.
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शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर इसी साल 5 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर भी धरना- प्रदर्शन किया था. सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगा रहे शिक्षकों का आंदोलन आगामी 27 फरवरी तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इस बार वह सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं.
रुद्रप्रयाग में भी पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग को लेकर शिक्षकों का आंदोलन देखने को मिला.
अखिल भारतीय शिक्षक संघ के आह्वान पर पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग को लेकर चल रहे राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत जिले के प्राथमिक शिक्षक सड़कों पर उतरे हैं. जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करते हुए आंदोलित शिक्षकों ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा. वहीं जिलाध्यक्ष विक्रम झिंक्वाण, महामंत्री दिनेशचन्द्र भटट और कोषाध्यक्ष रघुवीर बुटोला के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया.
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सभा में वक्ताओं ने कहा कि अक्टूबर 2005 के बाद कार्यरत शिक्षकों को पेंशन से महरूम रखा जा रहा है. ऐसी स्थिति में सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षकों की स्थिति दयनीय होकर रह जायेगी. वक्ताओं ने केन्द्र और प्रदेश सरकार पर शिक्षकों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि आगे का संघर्ष और अक्रामक होगा. शिक्षक नेताओं ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना और वेतन की मांग विसंगतियों को लेकर देशभर में विभिन्न चरणों में आंदोलन शुरू किया गया है. आंदोलन के तीसरे चरण में राजधानी देहरादून में रैली का आयोजन किया जायेगा