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चंपावतः राहत कैंप में ठहरे लोगों ने की घर जाने की जिद, स्वास्थ्य की जांच और खाना-खाने से किया इंकार

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Published : Apr 15, 2020, 7:06 PM IST

Updated : Apr 15, 2020, 7:29 PM IST

चंपावत के टनकपुर में लॉकडाउन के दौरान 59 लोगों को राहत कैपों में रखा गया है. क्वारंटाइन का समय पूरा होने पर अब ये लोग घर भेजने की मांग कर रहे हैं.

corona lockdown
राहत शिविरों में रह रहे लोगों की घर जाने की मांग.

चंपावत: कोरोना को रोकने के लिए देश में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रखने का फैसला लिया गया है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए चंपावत के टनकपुर में 59 लोगों को निगरानी में रखा गया है. वहीं, अब ये लोग क्वारंटाइन का समय पूरा होने के बाद प्रशासन से घर भिजवाने की अपील कर रहे हैं.

राहत शिविरों में रह रहे लोगों की घर जाने की मांग.

चंपावत के टनकपुर में सरस्वती शिशु मंदिर में निगरानी में रखे 59 लोगों ने भूख हड़ताल की. घर भिजवाने की मांग को लेकर सभी यात्रियों ने स्वास्थ्य जांच कराने से भी इंकार कर दिया. जिसकी सूचना मिलते ही एडीएम टीएस मर्तोलिया, एसडीएम दयानंद सरस्वती और कोतवाल धीरेंद्र कुमार ने कैंप में पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की.

पढ़ें: जल्द ही दून मेडिकल कॉलेज में होगी कोरोना की जांच, अंतिम चरण में तैयारियां

लॉकडाउन के दौरान बाहरी क्षेत्रों से पहुंचे लोगों को प्रशासन ने विभिन्न राहत कैंपों में निगरानी में रखा है. जिनकी नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. साथ ही खाने की व्यवस्था भी की गई है. राहत कैंप में 18 दिन पूरा होने पर अब ये लोग घर भिजवाने की मांग कर रहे हैं.

चंपावत एडीएम टीएस मर्तोलिया ने कहा कि लॉकडाउन के कारण किसी को घर भेजना संभव नहीं है. वहीं, उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंचकर सभी लोगों को समझाया गया. साथ ही किसी प्रकार की कोई समस्या होने पर तुरंत समाधान किया जाएगा.

चंपावत: कोरोना को रोकने के लिए देश में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रखने का फैसला लिया गया है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए चंपावत के टनकपुर में 59 लोगों को निगरानी में रखा गया है. वहीं, अब ये लोग क्वारंटाइन का समय पूरा होने के बाद प्रशासन से घर भिजवाने की अपील कर रहे हैं.

राहत शिविरों में रह रहे लोगों की घर जाने की मांग.

चंपावत के टनकपुर में सरस्वती शिशु मंदिर में निगरानी में रखे 59 लोगों ने भूख हड़ताल की. घर भिजवाने की मांग को लेकर सभी यात्रियों ने स्वास्थ्य जांच कराने से भी इंकार कर दिया. जिसकी सूचना मिलते ही एडीएम टीएस मर्तोलिया, एसडीएम दयानंद सरस्वती और कोतवाल धीरेंद्र कुमार ने कैंप में पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की.

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लॉकडाउन के दौरान बाहरी क्षेत्रों से पहुंचे लोगों को प्रशासन ने विभिन्न राहत कैंपों में निगरानी में रखा है. जिनकी नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. साथ ही खाने की व्यवस्था भी की गई है. राहत कैंप में 18 दिन पूरा होने पर अब ये लोग घर भिजवाने की मांग कर रहे हैं.

चंपावत एडीएम टीएस मर्तोलिया ने कहा कि लॉकडाउन के कारण किसी को घर भेजना संभव नहीं है. वहीं, उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंचकर सभी लोगों को समझाया गया. साथ ही किसी प्रकार की कोई समस्या होने पर तुरंत समाधान किया जाएगा.

Last Updated : Apr 15, 2020, 7:29 PM IST
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