चंपावतः उत्तराखंड के टनकपुर से लगी नेपाल सीमा में ब्रह्मदेव के पास नो मैंस लैंड की विवादित भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए नेपाल प्रशासन को एक दिन का समय दिया गया है. एसडीएम हिमांशु कफल्टिया के नेतृत्व में एसएसबी और पुलिस अधिकारियों की टीम ने अतिक्रमित स्थल का निरीक्षण किया. नेपाल के अधिकारियों ने कहा है कि रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी. उच्च स्तर से मिलने वाले निर्देश के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच खुली सीमा और कुछ सीमा स्तंभों के गायब होने से कई स्थानों पर सीमा विवाद चल रहा है. टनकपुर से लगी सीमा पर भी लंबे समय से सीमा विवाद बना है. जुलाई 2020 में नेपाल की ओर से ब्रह्मदेव बाजार के उत्तरी छोर की विवादित भूमि पर तारबाड़ लगाकर अतिक्रमण से विवाद बढ़ा है. दोनों देशों के सीमांत जिलों के अधिकारियों के बीच होने वाली बैठकों में भी सीमा विवाद अक्सर उठता रहा है.
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पिछले वर्ष भारत-नेपाल सीमा का संयुक्त सर्वे शुरू हो चुका था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण सर्वे बीच में ही बंद करना पड़ा. हालांकि यह विवाद फिलहाल शांत था, लेकिन अब नेपाल की ओर से ब्रह्मदेव के पास विवादित भूमि पर पुलिया निर्माण के लिए खुदाई कर पुलिया के इस पार शांति पुनर्स्थापना गृह (पीसीआर) का टिनशेड स्थापित करने से फिर विवाद बढ़ा है. भारतीय प्रशासन की आपत्ति पर पुलिया निर्माण के लिए खुदाई रोक दी गई है. लेकिन पीसीआर का टिनशेड अब भी विवादित भूमि पर स्थापित है.
मंगलवार को एसडीएम हिमांशु कफल्टिया, एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट शुभेंदु अदावत और सीओ अविनाश वर्मा ने नेपाल सशस्त्र पुलिस बल के निरीक्षक नीरख बहादुर शाही, नेपाल पुलिस के एसआई डीएस बढ़ाल के साथ अतिक्रमण स्थल का निरीक्षण किया. एसडीएम ने बताया कि नेपाल के अधिकारियों को एक दिन का समय देकर अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है.