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नंदा गौरा योजना का बालिकाओं को नहीं मिल रहा लाभ, डीएम को सौंपा ज्ञापन

चंपावत में साल साल 2018 में इंटर पास करने वाली छात्राओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में सांकेतिक प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा. नंदा गौरा योजना में हो रहे भेदभाव के खिलाफ इन छात्राओं ने आवाज उठाई है.

छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन.
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Published : Aug 20, 2019, 6:56 AM IST

चंपावत: साल 2018 में इंटर पास कर चुकीं छात्राओं ने नंदा गौरा योजना में भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई है. इन छात्राओं को इंटर पास करने पर महज पांच हजार रुपए ही मिले हैं. जबकि 2016 तक भी ये राशि 50 हजार रुपये थी और इस साल रकम बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दी गई है. इस विसंगति को लेकर छात्राओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में सांकेतिक प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा.

छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन.

बता दें कि चंपावत जीजीआईसी की छात्राओं का कहना है कि साल 2018 में इंटर पास करने वाली छात्राओं को नंदा गौरा योजना के अंतर्गत सिर्फ पांच हजार रुपये दिए गए हैं. अब साल 2019 में इंटर करने वाली छात्राओं को 51 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. उन्होंने इस भेदभाव को दूर करने की मांग की है.

पढ़ें: उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ का कहर, उफान पर रिस्पना, बागेश्वर में बड़ी तबाही

वहीं, महिला एवं बाल विकास अधिकारी पीएस बृजवाल ने कहा कि पहले यह योजना समाज कल्याण विभाग संचालित करता था. लेकिन अब बाल विकास विभाग संचालित कर रही है. लेकिन बार-बार शासनादेश में बदलाव होने के कारण 2018 में उत्तीर्ण बालिकाओं को 5 हजार ही दिए गए हैं.

चंपावत: साल 2018 में इंटर पास कर चुकीं छात्राओं ने नंदा गौरा योजना में भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई है. इन छात्राओं को इंटर पास करने पर महज पांच हजार रुपए ही मिले हैं. जबकि 2016 तक भी ये राशि 50 हजार रुपये थी और इस साल रकम बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दी गई है. इस विसंगति को लेकर छात्राओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में सांकेतिक प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा.

छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन.

बता दें कि चंपावत जीजीआईसी की छात्राओं का कहना है कि साल 2018 में इंटर पास करने वाली छात्राओं को नंदा गौरा योजना के अंतर्गत सिर्फ पांच हजार रुपये दिए गए हैं. अब साल 2019 में इंटर करने वाली छात्राओं को 51 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. उन्होंने इस भेदभाव को दूर करने की मांग की है.

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वहीं, महिला एवं बाल विकास अधिकारी पीएस बृजवाल ने कहा कि पहले यह योजना समाज कल्याण विभाग संचालित करता था. लेकिन अब बाल विकास विभाग संचालित कर रही है. लेकिन बार-बार शासनादेश में बदलाव होने के कारण 2018 में उत्तीर्ण बालिकाओं को 5 हजार ही दिए गए हैं.

Intro:
स्लग- कन्याधन योजना
- समाज कल्याण और बाल विकास के बीच फंसी योजना
- कलक्ट्रेट में बालिकाओं ने किया प्रदर्शन

एंकर- चम्पावत। राज्य सरकार की नंदा गौरा कन्या धन योजना गरीब परिवार की बालिकाओं शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए शुरू की गयी थी। परंतु राज्य सरकार की हिलाहवाली और शासनादेश में बदलाव के कारण वर्ष 2017 और 2018 में उत्तीर्ण गरीब परिवार की बालिकाओं को योजनाओं का पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है। बालिकाओं का कहना है कि जहां एक तरफ राज्य सरकार बेटी पढाओं बेटी बचाओ का नारा लगवाती है वहीं उनके साथ पक्षपात किया जा रहा है।

Body:2018 में 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया उनका कहना है कि जहां 2019 में 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली गरीब परिवार की बालिकाओं को 51 हजार रूपये की आर्थिक सहायत दी जा रही है वहीं उन्हें मात्र 5हजार रूपये प्रदान किए जा रहे। Conclusion:विभागीय अधिकारीयों से मामले की जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि पहले यह योजना समाज कल्याण विभाग संचालित करता था बाद में बाल विकास विभाग के पास आ गयी योजना को संचालित करने में बीच-बीच में शासनादेश में बदलाव होने के कारण 2018 में उत्तीर्ण बालिकाओं को 5 हजार ही दिए गए हैं।
बाइट 1- विमला गिरी छात्रा
बाइट 2- महिमा बोहरा छात्रा
बाइट 3- महिला एंव बाल विकास अधिकारी पीएस ब्रजवाल
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