चंपावत: साल 2018 में इंटर पास कर चुकीं छात्राओं ने नंदा गौरा योजना में भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई है. इन छात्राओं को इंटर पास करने पर महज पांच हजार रुपए ही मिले हैं. जबकि 2016 तक भी ये राशि 50 हजार रुपये थी और इस साल रकम बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दी गई है. इस विसंगति को लेकर छात्राओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में सांकेतिक प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा.
बता दें कि चंपावत जीजीआईसी की छात्राओं का कहना है कि साल 2018 में इंटर पास करने वाली छात्राओं को नंदा गौरा योजना के अंतर्गत सिर्फ पांच हजार रुपये दिए गए हैं. अब साल 2019 में इंटर करने वाली छात्राओं को 51 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. उन्होंने इस भेदभाव को दूर करने की मांग की है.
पढ़ें: उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ का कहर, उफान पर रिस्पना, बागेश्वर में बड़ी तबाही
वहीं, महिला एवं बाल विकास अधिकारी पीएस बृजवाल ने कहा कि पहले यह योजना समाज कल्याण विभाग संचालित करता था. लेकिन अब बाल विकास विभाग संचालित कर रही है. लेकिन बार-बार शासनादेश में बदलाव होने के कारण 2018 में उत्तीर्ण बालिकाओं को 5 हजार ही दिए गए हैं.