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GIC सुखीढांग में भोजन माता की नियुक्ति का विवाद सुलझा, अब नए सिरे से होगी तैनाती - GIC सुखीढांग

चंपावत जिले के राजकीय इंटर कॉलेज सुखीढांग में भोजन माता की नियुक्ति का मामला अब सुलझता नजर आ रहा है. मामले की जांच के बाद एससी भोजन माता की नियुक्ति (GIC Sukhidhang SC Bhojan Mata) को अवैध माना गया है. अब नए सिरे से भोजन माता की तैनाती होगी.

GIC Sukhidhang SC Bhojan Mata
भोजन माता की नियुक्ति का विवाद
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Published : Dec 22, 2021, 3:32 PM IST

खटीमाः चंपावत जिले के राजकीय इंटर कॉलेज सुखीढांग में भोजन माता की नियुक्ति को लेकर उपजा विवाद विद्यालय एसएमसी और पीटीए की खुली बैठक में सुलझ गया है. दोनों पक्षों को सुनने और अभिलेखों की जांच के बाद भोजन माता की नियुक्ति को रद्द कर दिया है. अब नए सिरे से भोजन माता की नियुक्ति होगी.

गौर हो कि चंपावत जिले के सुखीढांग स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में अनुसूचित जाति की महिला को भोजन माता नियुक्त (GIC Sukhidhang SC Bhojan Mata) किए जाने के बाद छात्र-छात्राओं का भोजन करने से इनकार करने का मामला सामने आया था. जिस पर काफी विवाद हो गया था. शिक्षा विभाग की ओर से तत्काल इस मामले की जांच बैठाई गई. जांच एडी बेसिक अजय नौटियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित और बीईओ अंशुल बिष्ट ने की.

ये भी पढ़ेंः रुद्रपुर जवाहर नवोदय विद्यालय के 4 छात्र कोरोना संक्रमित, स्वास्थ्य विभाग सैंपलिंग में जुटा

जांच में शिक्षा अधिकारियों ने पाया कि विद्यालय (Govt Inter College Sukhidhang) में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी और पीटीए की ओर से पहले परित्याग महिला पुष्पा भट्ट को भोजन माता नियुक्त किया गया था. इससे पहले कि पुष्पा भट्ट कार्यभार लेती विद्यालय प्रशासन ने अनुसूचित जाति की महिला सुनीता देवी को भोजन माता नियुक्त कर उसे कार्यभार भी सौंप दिया. जिससे पीटीए अध्यक्ष नरेश जोशी और अभिभावक नियुक्ति के खिलाफ खड़े हो गए.

एससी महिला को भोजन माता (GIC Sukhidhang SC Bhojan Mata Appointment Controversy) बनाए जाने से सवर्ण जाति के बच्चों ने स्कूल में उनके हाथ का भोजन खाना बंद कर दिया ऐसे आरोप लगे. बीती रोज यानी मंगलवार को एडी बेसिक अजय नौटियाल जांच के लिए विद्यालय पहुंचे. उनके साथ मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित चंपावत और बीईईओ अंशुल बिष्ट भी रहे.

ये भी पढ़ेंः हकीकत: ODF उत्तराखंड में खुले में शौच जाने को मजबूर छात्राएं, ऐसे छलका दर्द

भोजन माता की नियुक्ति अवैधः चंपावत मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित (Champawat CEO RC Purohit) ने बताया कि एसएमसी और पीटीए की खुली बैठक आयोजित की गई. जिसमें दोनों पक्षों को सुनने और अभिलेखों की जांच में भोजन माता सुनीता देवी की नियुक्ति अवैध पाई गई. इस नियुक्ति को रद्द कर दिया गया. साथ ही अब जल्द नए सिरे से भोजन माता की नियुक्ति करने का आदेश जारी किया गया है.

खटीमाः चंपावत जिले के राजकीय इंटर कॉलेज सुखीढांग में भोजन माता की नियुक्ति को लेकर उपजा विवाद विद्यालय एसएमसी और पीटीए की खुली बैठक में सुलझ गया है. दोनों पक्षों को सुनने और अभिलेखों की जांच के बाद भोजन माता की नियुक्ति को रद्द कर दिया है. अब नए सिरे से भोजन माता की नियुक्ति होगी.

गौर हो कि चंपावत जिले के सुखीढांग स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में अनुसूचित जाति की महिला को भोजन माता नियुक्त (GIC Sukhidhang SC Bhojan Mata) किए जाने के बाद छात्र-छात्राओं का भोजन करने से इनकार करने का मामला सामने आया था. जिस पर काफी विवाद हो गया था. शिक्षा विभाग की ओर से तत्काल इस मामले की जांच बैठाई गई. जांच एडी बेसिक अजय नौटियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित और बीईओ अंशुल बिष्ट ने की.

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जांच में शिक्षा अधिकारियों ने पाया कि विद्यालय (Govt Inter College Sukhidhang) में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी और पीटीए की ओर से पहले परित्याग महिला पुष्पा भट्ट को भोजन माता नियुक्त किया गया था. इससे पहले कि पुष्पा भट्ट कार्यभार लेती विद्यालय प्रशासन ने अनुसूचित जाति की महिला सुनीता देवी को भोजन माता नियुक्त कर उसे कार्यभार भी सौंप दिया. जिससे पीटीए अध्यक्ष नरेश जोशी और अभिभावक नियुक्ति के खिलाफ खड़े हो गए.

एससी महिला को भोजन माता (GIC Sukhidhang SC Bhojan Mata Appointment Controversy) बनाए जाने से सवर्ण जाति के बच्चों ने स्कूल में उनके हाथ का भोजन खाना बंद कर दिया ऐसे आरोप लगे. बीती रोज यानी मंगलवार को एडी बेसिक अजय नौटियाल जांच के लिए विद्यालय पहुंचे. उनके साथ मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित चंपावत और बीईईओ अंशुल बिष्ट भी रहे.

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भोजन माता की नियुक्ति अवैधः चंपावत मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित (Champawat CEO RC Purohit) ने बताया कि एसएमसी और पीटीए की खुली बैठक आयोजित की गई. जिसमें दोनों पक्षों को सुनने और अभिलेखों की जांच में भोजन माता सुनीता देवी की नियुक्ति अवैध पाई गई. इस नियुक्ति को रद्द कर दिया गया. साथ ही अब जल्द नए सिरे से भोजन माता की नियुक्ति करने का आदेश जारी किया गया है.

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