चंपावतः कोरोना संक्रमण के बीच अब डेंगू का भी खौफ सताने लगा है. जिसे देखते हुए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने अभी से कमर कस ली है. इसी कड़ी में जिला सभागार ने जिलाधिकारी विनीत तोमर ने डेंगू के नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग समेत कई अन्य विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने डेंगू के नियंत्रण और बचाव को लेकर युद्ध स्तर पर जन जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश दिए.
जिलाधिकारी विनीत तोमर ने कहा कि डेंगू फैलने का खतरा सबसे ज्यादा 15 जून से 15 सितंबर तक रहता हैं. क्योंकि, इस समय मॉनसून के समय अधिक पानी एकत्र रहता है. बैठक में जिलाधिकारी तोमर ने संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में डेंगू के नियंत्रण व रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाने, जन-जागरूकता के लिए नगर पालिका व सभी ग्राम पंचायतों में आईईसी के माध्यम से बैनर, पोस्टर लगाने के निर्देश दिए.
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डेंगू के लक्षण
- तेज बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द.
- शरीर में लाल चकत्ते पड़ना.
- आखों के पिछले हिस्से में दर्द होना.
- कमजोरी और भूख न लगना.
- सिर दर्द और उल्टी की शिकायत.
डेंगू से बचाव
- डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है.
- अपने घरों के आस-पास पानी इकठ्ठा नहीं होने देने चाहिए.
- कूलर, फूलदान समेत अन्य स्थानों पर पानी जमा नहीं होने दें.
- एक जगह पानी जमा होने पर लार्वा तेजी से पनपते हैं.
- सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
- डेंगू के मच्छर दिन में काटते हैं. ऐसे कपड़े बहने जो पूरे बदन को ढक सके.
- डेंगू जैसे लक्षण महसूस होने पर खूब पानी पीना चाहिए.
- बुखार आने पर पैरासिटामोल भी ले सकते हैं.
- पर्याप्त मात्रा में आराम करना चाहिए.
- चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए.
वहीं, जिलाधिकारी विनीत तोमर ने शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू मच्छर के लार्वा की संख्या में कमी करने के लिए नियमित रूप से दवाई छिड़काव करने को भी कहा.