चंपावत: जिले के दूरस्थ गांव खटोली के एक युवा को अपने घर वापस आने के लिए करीब दो महीने तक लाॅकडाउन से जूझना पड़ा. इतना ही नहीं उसे देश-विदेश में चार बार क्वारंटाइन में रहना पड़ा. किसी तरह गृह जिले में पहुंचने पर फिर से क्वारंटाइन होना पड़ा है. उसे घर जाने के लिए अभी दो हफ्ते का इंतजार करना होगा. जबकि, 3551 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद आखिर अपने जिले में पहुंचा है.
दरअसल, खटोली गांव के रहने वाले प्रवीण बुराठी सउदी अरब से कजाकिस्तान और ईरान के बीच मर्चेंट नेवी में कार्य करते थे. बीते 28 फरवरी को उन्हें वतन लौटना था, लेकिन कोरोना का कहर उन पर भी टूटेगा, इसका उन्हें कतई अंदाजा नहीं था. फ्लाइट के समय निकट आते ही उन्हें ईरान प्रशासन ने 14 दिन के क्वारंटाइन में भेज दिया. 14 दिन क्वारंटाइन में रहने के दौरान उनके दो सैंपल भी लिए गए. दोनों सैंपल नेगेटिव आने के बाद उन्हें दिल्ली के लिए फ्लाइट का टिकट दे दिया गया.
वतन पहुंचने की खुशी प्रवीण के लिए ज्यादा समय तक नहीं रही. फ्लाइट से उतरते ही प्रशासन ने उन्हें राजस्थान आर्मी कैंप भेज दिया. प्रवीण को वहां भी 14 दिन के लिए क्वारंटाइन में रहना पड़ेगा. सैंपल जांच नेगेटिव आने के बाद भी प्रवीण की क्वारंटाइन अवधि 14 दिन और बढ़ा दी गई. समय सीमा पूरा होने के बाद उन्हें दिल्ली से होते हुए चंपावत के लिए भेजा गया.
ईरान से प्रवीण 60 दिनों में ऐसे पहुंचा चंपावत-
- ईरान से दिल्ली की हवाई दूरी: 2278 किलोमीटर
- दिल्ली से राजस्थान की दूरी: 425 किलोमीटर
- राजस्थान से दिल्ली: 425 किलोमीटर
- दिल्ली से चंपावत: 423 किलोमीटर
प्रवीण ने कुल 3551 किलोमीटर का सफर तय किया. जिसमें 1273 सड़क और 2278 किलोमीटर हवाई सफर शामिल है.
वहीं, प्रवीण ने बताया कि राजस्थान में दो बार क्वारंटाइन में रहने के बाद उन्हें पास बनाने में ही तीन दिन का समय लग गया. राजस्थान से दिल्ली फिर चंपावत पहुंचने के लिए उन्हें 30 हजार में वाहन बुक करना पड़ा. इस दौरान उन्हें यूपी के हापुड़ में रोक लिया गया. जिसके बाद पूर्व जिपं सदस्य गोविंद सामंत के प्रयास से वह हापुड़ से निकल पाए. इसके बाद वो मेरठ होते हुए चंपावत पहुंच पाए. वहीं, चंपावत पहुंचने के बाद उन्हें चौथी बार क्वारंटाइन में भेज दिया गया.