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जनता दरबार से ज्यादा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर पर लगी शिकायतों की झड़ी - हेल्पलाइन नम्बर 1905

लंबित शिकायतों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी एसएन पाण्डे ने बताया कि जनता कि शिकायतें जनता दरबार की जगह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर 1905 पर अधिक पहुंच रही है.

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मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर 1905
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Published : Dec 2, 2019, 11:19 PM IST

Updated : Dec 2, 2019, 11:30 PM IST

चंपावत: सप्ताह के पहले सोमवार को होने वाले जनता दरबार की जगह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर 1905 पर अधिक शिकायतें पहुंच रही हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि हेल्पलाइन नम्बर 1905 पर शिकायतों का तय समय पर संज्ञान न लेने वाले अधिकारी ‘‘सूचना का अधिकार अधिनियम और सेवा का अधिकार’’ के तहत दण्डित ही नहीं बल्कि उनका वेतन भी रोक दिया जायेगा.

उन्होंने कहा कि जो अधिकारी दंड से बचना चाहते हैं, वह हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों को 24 से 48 घंटे के बीच गुणवत्तापूर्ण समाधान करें. जिससे शिकायतकर्ता संतुष्ट हो सकें. जिलाधिकारी ने कहा कि अधिकारी शिकायत पर सतही समाधान न करे बल्कि संजीदगी के साथ गुणवत्तापूर्ण समाधान करें. जिससे एल-1 की शिकायत एल-4 पर न पहुंच सके.

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर 1905

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बता दें कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में विगत वर्ष सम्पन्न हुए नागर स्थानीय निकायों में की गई वीडियोग्राफी का अभी तक भुगतान न होने, श्रम विभाग में पंजीकृत करने तथा धनराशि उपलब्ध कराने, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में नाम दर्ज कराने, अनुसूचित जाति के भूमिहीन होने पर भूमि उपलब्ध कराने, विद्यालय का नाम परिवर्तन करने, कोटिकरण गलत होने, शौचालय निर्मित करने, पेयजल लाइन ठीक कराने, परिवहन विभाग में डीजल चोरी करने वालों पर कोई कार्यवाही न होने, बसों में बार-बार हो रही अभद्रता रोकने, अधिक किराया वसूलने, सेवानिवृत्ति के बाद सेवा लाभ न मिलने, दूसरे की भूमि पर अवैध कब्जा होने, एआरटीओ कार्यालय द्वारा केवल 9 लोगों पर एफआईआर करने, ओवर लोडिंग व बिना लाइसेंस वाहन संचालन ने रोकने आदि प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को चैतन्य होने और अधीनस्थों पर समाधान न छोड़ने व प्रतिउत्तर में आंखमूद कर हस्ताक्षर न करने के निर्देश दिये.

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सीएम हेल्पलाइन विभिन्न स्तर पर 14, श्रम विभाग के पास 8, भूलेख व उत्तराखंड परिहवन निगम के पास 7-7, शहरी विकास के पास 6, वन विभाग व माध्यमिक शिक्षा के पास 5-5, पीएमजीएसवाई के पास 4, शिक्षा व परिवहन निगम के पास 6-6, श्रम विभाग के पास 7, वन विभाग के पास 4, नगर पंचायत व प्रशिक्षण विभाग के पास 3-3, आपदा प्रबंधन, जल संस्थान, कोषागार, पंचायतीराज, प्राथमिक शिक्षा, लोनिवि के पास 2-2 एवं आयुर्वेदिक, उरेडा, प्राविधिक शिक्षा परिषद, चिकित्सा, आरटीओ, बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग में एक-एक शिकायत लंबित हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए विभागीय अधिकारियों को पूरी संजीदगी के साथ गुणवत्तापूर्ण समाधान करने के निर्देश दिये.

चंपावत: सप्ताह के पहले सोमवार को होने वाले जनता दरबार की जगह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर 1905 पर अधिक शिकायतें पहुंच रही हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि हेल्पलाइन नम्बर 1905 पर शिकायतों का तय समय पर संज्ञान न लेने वाले अधिकारी ‘‘सूचना का अधिकार अधिनियम और सेवा का अधिकार’’ के तहत दण्डित ही नहीं बल्कि उनका वेतन भी रोक दिया जायेगा.

उन्होंने कहा कि जो अधिकारी दंड से बचना चाहते हैं, वह हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों को 24 से 48 घंटे के बीच गुणवत्तापूर्ण समाधान करें. जिससे शिकायतकर्ता संतुष्ट हो सकें. जिलाधिकारी ने कहा कि अधिकारी शिकायत पर सतही समाधान न करे बल्कि संजीदगी के साथ गुणवत्तापूर्ण समाधान करें. जिससे एल-1 की शिकायत एल-4 पर न पहुंच सके.

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर 1905

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बता दें कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में विगत वर्ष सम्पन्न हुए नागर स्थानीय निकायों में की गई वीडियोग्राफी का अभी तक भुगतान न होने, श्रम विभाग में पंजीकृत करने तथा धनराशि उपलब्ध कराने, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में नाम दर्ज कराने, अनुसूचित जाति के भूमिहीन होने पर भूमि उपलब्ध कराने, विद्यालय का नाम परिवर्तन करने, कोटिकरण गलत होने, शौचालय निर्मित करने, पेयजल लाइन ठीक कराने, परिवहन विभाग में डीजल चोरी करने वालों पर कोई कार्यवाही न होने, बसों में बार-बार हो रही अभद्रता रोकने, अधिक किराया वसूलने, सेवानिवृत्ति के बाद सेवा लाभ न मिलने, दूसरे की भूमि पर अवैध कब्जा होने, एआरटीओ कार्यालय द्वारा केवल 9 लोगों पर एफआईआर करने, ओवर लोडिंग व बिना लाइसेंस वाहन संचालन ने रोकने आदि प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को चैतन्य होने और अधीनस्थों पर समाधान न छोड़ने व प्रतिउत्तर में आंखमूद कर हस्ताक्षर न करने के निर्देश दिये.

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सीएम हेल्पलाइन विभिन्न स्तर पर 14, श्रम विभाग के पास 8, भूलेख व उत्तराखंड परिहवन निगम के पास 7-7, शहरी विकास के पास 6, वन विभाग व माध्यमिक शिक्षा के पास 5-5, पीएमजीएसवाई के पास 4, शिक्षा व परिवहन निगम के पास 6-6, श्रम विभाग के पास 7, वन विभाग के पास 4, नगर पंचायत व प्रशिक्षण विभाग के पास 3-3, आपदा प्रबंधन, जल संस्थान, कोषागार, पंचायतीराज, प्राथमिक शिक्षा, लोनिवि के पास 2-2 एवं आयुर्वेदिक, उरेडा, प्राविधिक शिक्षा परिषद, चिकित्सा, आरटीओ, बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग में एक-एक शिकायत लंबित हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए विभागीय अधिकारियों को पूरी संजीदगी के साथ गुणवत्तापूर्ण समाधान करने के निर्देश दिये.

Intro:जनता दरबार की जगह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन उठ रही समस्याएं

चम्पावत। हर सप्ताह के पहले सोमवार को होने वाले जनता मिलन की जगह अब जनता मुख्यमंत्री हेल्प लाइन 1905 में अधिक शिकायते पहुंच रही हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि 1905 में
शिकायतों का तय समय पर संज्ञान न लेने वाले अधिकारी ‘‘सूचना अधिकार अधिनियम, सेवा के अधिकार’’ की तरह दण्डित ही नहीं होंगे बल्कि उनका वेतन भी अवरूद्ध किया जायेगा। सोमवार 2 दिसम्बर को जिला सभागार में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में प्राप्त लंबित शिकायतों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी एसएन पाण्डे ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि दंड से सुरक्षा हेतु अधिकारी मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में प्राप्त शिकायतों को मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप 24 से 48 घंटे के बीच गुणवत्तापूर्ण समाधान करें जिससे शिकायतकर्ता संतुष्ट हो सके। उन्होंने कहा कि अधिकारी शिकायत पर सतही समाधान न कर संजीदगी के साथ गुणवत्तापूर्ण समाधान करें जिससे एल-1 की शिकायत एल-4 पर न पहुॅच सके।
                  Body:मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में विगत वर्ष सम्पन्न हुए नागर स्थानीय निकायों में की गई वीडियोग्राफी का अभी तक भुगतान न होने, श्रम विभाग में पंजीकृत करने तथा धनराशि उपलब्ध कराने, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में नाम दर्ज कराने, अनुसूचित जाति के भूमिहीन होने पर भूमि उपलब्ध कराने, विद्यालय का नाम परिवर्तन करने, कोटिकरण गलत होने, शौचालय निर्मित करने, पेयजल लाइन ठीक कराने, परिवहन विभाग में डीजल चोरी करने वालों पर कोई कार्यवाही न होने, बसों में बार-बार हो रही अभद्रता रोकने, अधिक किराया वसूलने, सेवानिवृत्ति के बाद सेवा लाभ न मिलने, दूसरे की भूमि पर अवैध कब्जा होने, एआरटीओ कार्यालय द्वारा केवल 9 लोगों पर एफआईआर करने, ओवर लोडिंग व बिना लाइसेंस वाहन संचालन ने रोकने आदि प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को चैतन्य होने और अधीनस्थों पर समाधान न छोड़ने व प्रतिउत्तर में आंखमूद कर हस्ताक्षर न करने के निर्देश दिये।
Conclusion:जिलाधिकारी ने कहा कि उच्च स्तर पर की जा रही मोनेटरिंग में किसी अधिकारी की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जायेगा और विभागीय कार्यवाही अमल में लाने के साथ जिम्मेदारी तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि टाइमबद्ध हेल्पलाईन है इसलिए सभी अधिकारी अलर्ट रहंे और समस्याओं का त्वरित समाधान करना सुनिश्चित करें।
सीएम हेल्पलाईन विभिन्न स्तर पर 14, श्रम विभाग के पास 8, भूलेख व उत्तराखंड परिहवन निगम के पास 7-7, शहरी विकास के पास 6, वन विभाग व माध्यमिक शिक्षा के पास 5-5, पीएमजीएसवाई के पास 4, शिक्षा व परिवहन निगम के पास 6-6, श्रम विभाग के पास 7, वन विभाग के पास 4, नगर पंचायत व प्रशिक्षण विभाग के पास 3-3, आपदा प्रबंधन, जल संस्थान, कोषागार, पंचायतीराज, प्राथमिक शिक्षा, लोनिवि के पास 2-2 एवं आयुर्वेदिक, उरेडा, प्राविधिक शिक्षा परिषद, चिकित्सा, आरटीओ, बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग में एक-एक शिकायत लंबित हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए विभागीय अधिकारियों को पूरी संजीदगी के साथ गुणवत्तापूर्ण समाधान करने के निर्देश दिये।
बाइट 1- डीएम एसएन पाण्डेय
Last Updated : Dec 2, 2019, 11:30 PM IST
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