चमोली: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं (Chamoli Health System) का हाल बुरा है. पाणा गांव की सड़क की खस्ताहाल स्थिति और लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण जो तस्वीर सामने आई हैं जो विकास के दावों की हकीकत बताने के लिए काफी है. एयर एंबुलेंस के जमाने में चमोली के पाणा गांव (Chamoli Pana Village) में प्रसव पीड़िता (Chamoli pregnant woman) को डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाने को मजबूर हैं. पाणा गांव में एक प्रसव पीड़िता को पथरीले रास्ते के बीच गदेरे के किनारे में बच्चे को जन्म देना पड़ा. प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा सुरक्षित हैं गांव पहुंच गए हैं.
गांवों में बेहतर स्वास्थ्य और सड़क की सुविधा के प्रदेश सरकार (state government) के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. चमोली के पाणा गांव में न तो सड़क सुविधा है और न स्वास्थ्य सुविधा है. ऐसे में ग्रामीणों को कई समस्या से जूझना पड़ रहा है, सड़क सुविधा न होने से एक प्रसव पीड़िता की तो जान पर बन आई, लेकिन काफी जूझने के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं.पाणा की ग्राम प्रधान कलावती देवी और ग्रामीण हिम्मत सिंह ने बताया कि गांव की महिला नन्दी देवी पत्नी भरत सिंह को प्रसव पीड़ा होने पर उसे जिला चिकित्सालय पहुंचाने के लिये ग्रामीण कुर्सी को डंडी-कंडी के सहारे लाने के लिए विवश हुये.
जब महिला को अत्यधिक प्रसव पीड़ा हुई तो पथरीले रास्ते में ही महिला ने शिशु को जन्म दिया. जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. प्रसूता शिशु को लेकर 5 किमी की चढ़ाई तय कर अपने गांव घर पाणा पहुंची. पाणा गांव सड़क से 14 किमी दूर है. निजमूला से पाणा ईराणी की सड़क का निर्माण 2013 से शुरू हो गया था, लेकिन आज तक गांव तक सड़क नहीं पहुंची. ग्रामीण हिम्मत सिंह ने बताया कि बीते दिन प्रसव पीड़िता को डंडी-कंडी के सहारे हॉस्पिटल तक ले जाने का प्रयास किया गया. आज गांव सड़क मार्ग से जुड़ा होता तो ये नौबत नहीं आती. उन्होंने शासन-प्रशासन से जल्द गांव को मार्ग से जोड़ने के लिए कार्य करने की मांग की है.