थरालीः लॉकडाउन के बीच जिला प्रशासन ने सड़क निर्माण के साथ खनन पट्टों को भी शुरू करने के आदेश दे दिए हैं. इसके बाद पट्टाधारकों ने खनन का कार्य शुरू कर दिया है. प्रशासन ने थराली के नगर कोटियाणा और कुलसारी के मल्लाबगड़ में लॉकडाउन की कड़ी शर्तों के साथ खनन कार्य में छूट दी है, लेकिन इन दोनों पट्टों का अभी तक सीमांकन नहीं हुआ है. इतना ही नहीं कई पौकलैंड मशीनें आरबीएम उठाने के लिए नदी में उतार दी गई हैं. बिना सीमांकन के खनन कार्य शुरू करवाने पर प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं.
दरअसल, मल्लाबगड़ में आवंटित रिवर ट्रेनिंग के पट्टे को निरस्त करने की मांग कुलसारी और आसपास के ग्रामीण मार्च महीने से ही करते आ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले भी यहां पर रिवर ट्रेनिंग का कार्य किया जा चुका है. ऐसे में आरबीएम की जो मात्रा खनिजकर्म विभाग ने यहां दर्शाई है, उतनी मात्रा वास्तव में नहीं है.
ये भी पढ़ेंः मसूरी इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन ने टीचर्स को नौकरी से निकाला, स्कूल स्टाफ ने DM से की शिकायत
ऐसे में ग्रामीणों को खनन चोरी और बरसात में नदी के कटाव से कृषि भूमि को खतरा पैदा होने का डर सता रहा है. ग्रामीणों ने इससे पहले भी उपजिलाधिकारी से वार्ता कर आवंटित पट्टे में निर्धारित मात्रा का सीमांकन कराए जाने की मांग की थी, लेकिन सीमांकन से पहले ही नदी में बड़ी-बड़ी पौकलैंड मशीनों के उतर जाने से ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ खासा आक्रोश है.
ग्रामीणों ने बताया कि उपजिलाधिकारी किशन सिंह नेगी ने पूर्व में ग्रामीणों को आश्वस्त किया था, कि आरबीएम निकासी से पहले उक्त पट्टे का सीमांकन कराया जाएगा. बावजूद इसके नदी में बिना सीमांकन के ही बड़ी मशीनों के जरिए आरबीएम उठाया जा रहा है. ग्रामीण खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं.
ग्रामीणों ने कहा कि राजस्व वसूली के नाम पर तहसील प्रशासन नदी क्षेत्र से लगे कृषि भूमि मालिकों को गुमराह कर रहे हैं. इससे उनकी कृषि भूमि को क्षति पहुंचना तय है. उधर, मामले पर उपजिलाधिकारी किशन सिंह नेगी का कहना है कि सीमांकन के लिए कुलसारी के ग्रामीणों ने एक ज्ञापन उन्हें भेजा था, जल्द ही उक्त स्थान का सीमांकन किया जाएगा.