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चमोली: बारिश और बर्फबारी में भी जगमगाएंगे चीन सीमा से सटे गांव

उरेडा (उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण) विभाग ने नीति घाटी के जुम्मा गांव में 1200 किलोवाट की जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. जिसके बाद बारिश और बर्फबारी के बाद भी नीति घाटी में बिजली की समस्या नहीं होगी.

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चमोली
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Published : Dec 29, 2020, 7:35 AM IST

Updated : Dec 29, 2020, 7:55 AM IST

चमोली: उरेडा (उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण) विभाग की ओर से नीति घाटी के चीन सीमा से लगे गांव जुम्मा में 1200 किलोवाट की जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य जारी है. विभाग के अनुसार 2021 जून माह में परियोजना बनकर तैयार हो जाएगी. जिसके बाद घाटी में बारिश और बर्फबारी के दौरान भी विद्युत आपूर्ति बनी रहेगी. साथ ही घाटी के भारतीय सेना शिवरों में भी इसके बाद विद्युत की दिक्कत नहीं आएगी.

दरअसल, साल 2009 में उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने जुम्मा गांव में जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया था लेकिन, दैवीय आपदा से निर्माणाधीन परियोजना पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी. जिसके बाद वर्ष 2013 में इस परियोजना को जल विद्युत निगम से उरेडा विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था. अब उरेडा विभाग की ओर से चार करोड़ की लागत से जुम्मा परियोजना का पुनर्निर्माण किया जा रहा है.

पढ़ें- DGP की समीक्षा बैठक, एक फरवरी से ऑनलाइन मिलेगी फायर सर्विस की एनओसी

बता दें कि, उरेडा (उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण) अगर दिये गए तय समय पर परियोजना का निर्माण कार्य पूरा कर लेता है तो नीति घाटी के गांव में बिजली की समस्या दूर हो जाएगी. सर्दियों और बरसात के मौसम में बारिश और बर्फबारी से बिजली के तार और पोल के क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों के साथ ही सेना के जवान लैंप के सहारे रात गुजारते हैं. जुम्मा परियोजना के निर्माण से घाटी में बिजली की समस्या दूर हो जाएगी.

चमोली: उरेडा (उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण) विभाग की ओर से नीति घाटी के चीन सीमा से लगे गांव जुम्मा में 1200 किलोवाट की जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य जारी है. विभाग के अनुसार 2021 जून माह में परियोजना बनकर तैयार हो जाएगी. जिसके बाद घाटी में बारिश और बर्फबारी के दौरान भी विद्युत आपूर्ति बनी रहेगी. साथ ही घाटी के भारतीय सेना शिवरों में भी इसके बाद विद्युत की दिक्कत नहीं आएगी.

दरअसल, साल 2009 में उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने जुम्मा गांव में जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया था लेकिन, दैवीय आपदा से निर्माणाधीन परियोजना पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी. जिसके बाद वर्ष 2013 में इस परियोजना को जल विद्युत निगम से उरेडा विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था. अब उरेडा विभाग की ओर से चार करोड़ की लागत से जुम्मा परियोजना का पुनर्निर्माण किया जा रहा है.

पढ़ें- DGP की समीक्षा बैठक, एक फरवरी से ऑनलाइन मिलेगी फायर सर्विस की एनओसी

बता दें कि, उरेडा (उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण) अगर दिये गए तय समय पर परियोजना का निर्माण कार्य पूरा कर लेता है तो नीति घाटी के गांव में बिजली की समस्या दूर हो जाएगी. सर्दियों और बरसात के मौसम में बारिश और बर्फबारी से बिजली के तार और पोल के क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों के साथ ही सेना के जवान लैंप के सहारे रात गुजारते हैं. जुम्मा परियोजना के निर्माण से घाटी में बिजली की समस्या दूर हो जाएगी.

Last Updated : Dec 29, 2020, 7:55 AM IST
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