थरालीः कोरोना वायरस से निपटने के लिए देशभर में लॉकडाउन किया गया है. मैदानी इलाकों में जहां लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ रही है. वहीं, पहाड़ी जिलों में लोग खुद ही लॉकडाउन का पालन करने लगे हैं. देवाल में भी आवश्यक वस्तुओं की ही दुकानें खुली नजर आ रही हैं. सामाजिक दूरियों का पालन करते हुए लोग खरीदारी कर रहे हैं, लेकिन कई दुकानों में लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं.
लॉकडाउन के दौरान पुलिस मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभा रही है. देवाल बाजार से पहले लगाए गए बैरियर पर पुलिसकर्मी हर गाड़ी की चेकिंग कर रहे हैं. सैनिटाइज के साथ आने-जाने वालों से पूछताछ कर रही है. वहीं, बाहरी राज्यों से आए लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. इन पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार निगरानी बनाए हुए हैं.
वहीं, स्थानीय दुकानदार भी ग्राहकों से सामाजिक दूरी बनाकर लाइन में ही व्यवस्थित होकर खरीददारी करने की अपील कर रहे हैं. अंतरजनपदीय सीमा पर भी हर आने जाने वाले से पूछताछ की जा रही है. बाहरी राज्यों से पैदल आने वाले लोगों को नजदीकी क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन के लिए एहतियात के तौर पर रखा जा रहा है. मकसद संभावित संक्रमण से आबादी को बचाने का है.
सभी ग्राम प्रधानों से ग्राम पंचायत मद से दस हजार रुपये की राशि गांवों को सैनिटाइज करने और कोरोना से बचाव व रोकथाम के लिए आवश्यक सामग्री की खरीददारी करने को कहा है. वहीं, देवाल ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू ने सरकार से जिनके राशन कार्ड अभी तक ऑनलाइन नहीं हुए हैं, उन्हें राशन आपूर्ति से वंचित ना रखने की मांग की है.
वहीं, राशनकार्ड धारकों के कार्ड ऑनलाइन नहीं हो पाने के सवाल पर खाद्यान्न इंस्पेक्टर मुकेश नेगी का कहना है कि ऑफलाइन राशन कार्ड धारकों के संबंध में शासन से किसी तरह के निर्देश नहीं मिले हैं. लिहाजा, प्रत्येक गांव से ऐसे परिवारों को चिह्नित कर सूची तैयार की गई है. जिसे जिलाधिकारी को भेजा जा रहा है.