चमोली: त्रिशूल पर्वत ट्रेकिंग पर गए छह सदस्यीय पर्वतारोहियों के दल से लापता हुए एक ट्रैकर का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सर्च अभियान में जुटी हुई हैं, लेकिन कैंप नंबर एक में कोहरा अधिक होने के कारण अभियान में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
दरसअल, बीते 13 सितंबर को जर्मनी (हंगरी) के 6 सदस्यीय पर्वतारोहियों का दल माउंट त्रिशूल पर ट्रेकिंग के लिए निकला था. दल में शामिल जर्मनी (हंगरी) के ट्रैकर पीटर त्रिशूल कैंप नंबर-2 से लापता हो गए थे. जिसके बाद टीम के सदस्यों ने 30 सितंबर को वापस सुतोल गांव पहुंचकर त्रिशूल के कैंप नंबर-2 से लापता पीटर की जानकारी इंडियन माउंटीनिंग फेडरेशन को दी. जिसके बाद रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया.
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जिसके बाद टीमें ट्रेकर के रेस्क्यू के लिए 30 सितंबर को सुतोल से पैदल हेमकुंड के लिए रवाना हो गई थीं. सुतोल गांव से पैदल ट्रैकर के रेस्क्यू के लिए गई टीम के अतिरिक्त 3 अक्टूबर को देहरादून स्थित वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा एसडीआरएफ के पर्वतारोही टीम के तीन सदस्यों को हेमकुंड पहुंचाया गया. जहां से एक बार फिर त्रिशूल कैंप नंबर एक से टीमों ने सर्चिंग अभियान शुरू कर दिया है. लेकिन टीम हेमकुंड में मौसम खराब होने और अधिक कोहरा होने के कारण कैंप नंबर दो तक नहीं पहुंच पाई है. वहीं टीम शुक्रवार को दोबारा कैंप नंबर दो तक पहुंचने की कोशिश में लगी हुई है.