चमोली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदरीनाथ पहुंचकर भगवान बदरी-विशाल के दर्शन किये. भगवान के दर्शन के लिए पीएम केदारनाथ से सेना के विशेष हेलीकॉप्टर से सीधे धाम स्थित आर्मी हेलीपैड पहुंचे. यहां से वो साकेत तिराहे तक कार से गए और फिर करीब 200 मीटर पैदल चलकर बदरीनाथ मंदिर पहुंचे. करीब 20 मिनट मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर प्रांगण से धाम पहुंचे श्रद्धालुओं का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. मंदिर परिसर में करीब 1 घंटा रुकने के बाद प्रधानमंत्री जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए.
केदारनाथ भगवान के दर्शन के बाद रविवार सुबह 10 बजकर 2 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धाम स्थित हेलीपैड पहुंचे, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 10 बजकर 15 मिनट पर मंदिर परिसर में भगवान बदरी-विशाल की पूजा की. प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर एसपीजी ने मंदिर परिसर को पूरी तरह सुरक्षा के घेरे में ले लिया था.
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पीएम के दौरे के दौरान BKTC (बदरी-केदार टेंपल कमेटी) ने पीएम को बदरीनाथ का प्रतीक चिह्न और चौलाई के लड्डू भेंट किए. वहीं, बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल ने उन्हें शॉल भेंट किया. दर्शन के बाद पीएम मोदी गुजरात भवन आराम करने पहुंचे. उनकी यात्रा के मद्देनजर मंदिर परिसर को जीरो जोन में रखा गया था. सभी यात्रियों को साकेत तिराहा पर ही रोका गया था. प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एसपीजी, पुलिस और आइटीबीपी बदरीनाथ में तैनात किये गए थे. पीएम मोदी की सुरक्षा को देखते हुए धाम में तीन घंटे तक श्रद्धालुओं को दर्शन करने से रोका गया.
बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने बताया कि मंदिर में पूजा के दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी रावल और मंदिर समिति की तरफ से भोजपत्र पर लिखा गया अभिनंदन पत्र प्रधानमंत्री को दिया गया. साथ ही मंदिर समिति की तरफ से प्रधानमंत्री को प्रसाद के रूप में चोलाई के लड्डू भेंट किये गए.
बता दें कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी का बदरीनाथ धाम का यह पहला दौरा है. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी साल 2000 में भाजपा के प्रभारी रहते हुए एक कार्यक्रम में शिरकत करने बदरीनाथ धाम पहुंचे थे. समय का अभाव होने के चलते वे बही में अपना नाम दर्ज नहीं करवा पाए थे. लेकिन उनके परिवार के जो भी सदस्य बदरीनाथ धाम पहुंचे उनका नाम बही में दर्ज है.