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PM मोदी को नहीं सत्ता गंवाने का डर, मिथक तोड़ सेना के हेलीकॉप्टर से पहुंचे बदरीनाथ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बदरीनाथ से जुड़ा सत्ता गंवाने का मिथक तोड़ते हुए सेना के MI-17 विमान से बदरीनाथ धाम पहुंचे हैं.

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Published : May 19, 2019, 11:47 AM IST

पीएम मोदी सेना के हेलीकॉप्टर से पहुंचे बदरीनाथ.

चमोली: सूबे की सियायत में वैसे तो नेताओं से कई मिथक जुड़े है. लेकिन बदरीनाथ धाम से एक ऐसा मिथक जुड़ा है, जिसे तोड़ने का साहस उत्तराखंड दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाया. माना जाता है कि जो राजनेता हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ धाम पहुंचता है उससे राजनेता सत्ता रूठ जाती है और माननीय को अपनी कुर्सी तक गंवानी पड़ती है. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अंधविश्वास पर भरोसा न करते हुए इस मिथक को तोड़ दिया है.

यूं तो उत्तराखंड में चार धामों से जुड़े कई मिथक है, लेकिन बदरीनाथ धाम का हेलीकॉप्टर कनेक्शन राजनेताओं की कुंडली में राहु दोष से कम नहीं है. क्योंकि जो भी राजनेता आजतक बदरीनाथ धाम हेलीकॉप्टर से पहुंचा है. उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ा है. यही कारण है कि राजनेता सड़क मार्ग से ही बदरीनाथ धाम पहुंचते हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर विश्वास न करते हुए धाम हेलीकॉप्टर से ही पहुंचे.

पढ़ें- PM के दौरे को लेकर बदरीनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था चाक- चौबंद, सुबह 8 बजे से आम दर्शन हुए बंद

मिथक के पीछे की कहानी है बड़ी दिलचस्प

सत्ता खोने में सबसे पहला नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लिया जाता है. कहा जाता है कि इंदिरा गांधी हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ आई थीं, जिसके बाद उन्हें सत्ता से दूर होना पड़ा. बदरीनाथ से जुड़ा है ये मिथक.

इंदिरा गांधी इकलौती ऐसी राजनेता नहीं है जिनके कारण इस मिथक को बल मिला है. इस फहरिस्त में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी समेत वीर बहादुर सिंह, डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, यूपी के पूर्व राज्यपाल सूरजभान और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी शामिल है.

सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिनों इसी मिथक को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम में फेरबदल किया गया था और वो सड़क मार्ग से बदरीनाथ धाम पहुंचे थे. वैसे सीएम योगी ने इस मिथक को तोड़ने की कोशिश की थी. लेकिन, विधानसभा उपचुनाव में योगी को उन्हीं के गढ़ में करारी हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में इस मिथक को और भी बल मिला है.

बता दें कि प्रदेश में हुए उपचुनावों में सत्ताधारी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. भाजपा तीन लोकसभा और एक विधानसभा उपचुनाव हार चुकी है. यही नहीं, योगी के गढ़ गोरखपुर में हुये उपचुनाव के साथ ही प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की फूलपुर सीट हो या कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा, यहां भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. अब पीएम मोदी द्वारा ये मिथक तोड़ने के बाद वो सत्ता खोते हैं या सत्ता में दोबारा काबिज होते हैं, ये देखना दिलचस्प होगा.

चमोली: सूबे की सियायत में वैसे तो नेताओं से कई मिथक जुड़े है. लेकिन बदरीनाथ धाम से एक ऐसा मिथक जुड़ा है, जिसे तोड़ने का साहस उत्तराखंड दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाया. माना जाता है कि जो राजनेता हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ धाम पहुंचता है उससे राजनेता सत्ता रूठ जाती है और माननीय को अपनी कुर्सी तक गंवानी पड़ती है. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अंधविश्वास पर भरोसा न करते हुए इस मिथक को तोड़ दिया है.

यूं तो उत्तराखंड में चार धामों से जुड़े कई मिथक है, लेकिन बदरीनाथ धाम का हेलीकॉप्टर कनेक्शन राजनेताओं की कुंडली में राहु दोष से कम नहीं है. क्योंकि जो भी राजनेता आजतक बदरीनाथ धाम हेलीकॉप्टर से पहुंचा है. उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ा है. यही कारण है कि राजनेता सड़क मार्ग से ही बदरीनाथ धाम पहुंचते हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर विश्वास न करते हुए धाम हेलीकॉप्टर से ही पहुंचे.

पढ़ें- PM के दौरे को लेकर बदरीनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था चाक- चौबंद, सुबह 8 बजे से आम दर्शन हुए बंद

मिथक के पीछे की कहानी है बड़ी दिलचस्प

सत्ता खोने में सबसे पहला नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लिया जाता है. कहा जाता है कि इंदिरा गांधी हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ आई थीं, जिसके बाद उन्हें सत्ता से दूर होना पड़ा. बदरीनाथ से जुड़ा है ये मिथक.

इंदिरा गांधी इकलौती ऐसी राजनेता नहीं है जिनके कारण इस मिथक को बल मिला है. इस फहरिस्त में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी समेत वीर बहादुर सिंह, डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, यूपी के पूर्व राज्यपाल सूरजभान और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी शामिल है.

सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिनों इसी मिथक को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम में फेरबदल किया गया था और वो सड़क मार्ग से बदरीनाथ धाम पहुंचे थे. वैसे सीएम योगी ने इस मिथक को तोड़ने की कोशिश की थी. लेकिन, विधानसभा उपचुनाव में योगी को उन्हीं के गढ़ में करारी हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में इस मिथक को और भी बल मिला है.

बता दें कि प्रदेश में हुए उपचुनावों में सत्ताधारी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. भाजपा तीन लोकसभा और एक विधानसभा उपचुनाव हार चुकी है. यही नहीं, योगी के गढ़ गोरखपुर में हुये उपचुनाव के साथ ही प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की फूलपुर सीट हो या कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा, यहां भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. अब पीएम मोदी द्वारा ये मिथक तोड़ने के बाद वो सत्ता खोते हैं या सत्ता में दोबारा काबिज होते हैं, ये देखना दिलचस्प होगा.

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मोदी ने तोड़ा सत्ता गंवाने से जुड़ा मिथक, सेना के हेलीकॉप्टर से पहुंचे बदरीनाथ 

Pm modi broke myth went to badrinath via helicopter 

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देहरादून: सूबे की सियायत में वैसे तो नेताओं से कई मिथक जुड़े है. लेकिन बदरीनाथ धाम से एक ऐसा मिथक जुड़ा है, जिसे तोड़ने का साहस उत्तराखंड दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाया. माना जाता है कि जो राजनेता हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ धाम पहुंचता है उससे राजनेता सत्ता रूठ जाती है और माननीय को अपनी कुर्सी तक गंवानी पड़ती है. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अंधविश्वास पर भरोसा न करते हुए इस मिथक को तोड़ दिया है.   

यूं तो उत्तराखंड में चार धामों से जुड़े कई मिथक है, लेकिन बदरीनाथ धाम का हेलीकॉप्टर कनेक्शन राजनेताओं की कुंडली में राहु दोष से कम नहीं है. क्योंकि जो भी राजनेता आजतक बदरीनाथ धाम हेलीकॉप्टर से पहुंचा है. उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ा है. यही कारण है कि राजनेता सड़क मार्ग से ही बदरीनाथ धाम पहुंचते हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर विश्वास न करते हुए धाम हेलीकॉप्टर से ही पहुंचे.

मिथक के पीछे की कहानी है बड़ी दिलचस्प

सत्ता खोने में सबसे पहला नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लिया जाता है. कहा जाता है कि इंदिरा गांधी हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ आई थीं, जिसके बाद उन्हें सत्ता से दूर होना पड़ा. बदरीनाथ से जुड़ा है ये मिथक.



इंदिरा गांधी इकलौती ऐसी राजनेता नहीं है जिनके कारण इस मिथक को बल मिला है. इस फहरिस्त में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी समेत वीर बहादुर सिंह, डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, यूपी के पूर्व राज्यपाल सूरजभान और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी शामिल है. 



सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिनों इसी मिथक को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम में फेरबदल किया गया था और वो सड़क मार्ग से बदरीनाथ धाम पहुंचे थे. वैसे सीएम योगी ने इस मिथक को तोड़ने की कोशिश की थी. लेकिन, विधानसभा उपचुनाव में योगी को उन्हीं के गढ़ में करारी हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में इस मिथक को और भी बल मिला है. 



बता दें कि प्रदेश में हुए उपचुनावों में सत्ताधारी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. भाजपा तीन लोकसभा और एक विधानसभा उपचुनाव हार चुकी है. यही नहीं, योगी के गढ़ गोरखपुर में हुये उपचुनाव के साथ ही प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की फूलपुर सीट हो या कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा, यहां भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. अब पीएम मोदी द्वारा ये मिथक तोड़ने के बाद वो सत्ता खोते हैं या सत्ता में दोबारा काबिज होते हैं, ये देखना दिलचस्प होगा.


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