चमोलीः सिक्खों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट बीते एक जून से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. पहले दिन करीब आठ हजार तीर्थयात्रियों का पहला जत्था हेमकुंड साहिब पहुंचा था. अभी तक 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मत्था टेक चुकें हैं. सुबह होते ही घांघरिया से हजारों की संख्या में श्रद्धालु हेमकुंड के लिए निकल रहे हैं. तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने से अटलाकोटी ग्लेशियर के बीच से बनाए गए रास्ते में आवाजाही में काफी दिक्कतें आ रही है. इसी को देखते हुए पुलिस ने हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी से एक दिन में ज्यादा जत्थों को रवाना ना करने की अपील की है. उधर, गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने भी सहमति जताई है.
दरअसल, हेमकुंड साहिब से दो किलोमीटर पहले स्थित अटलाकोटी ग्लेशियर को बीच से काट कर रास्ता बनाया गया है. यात्री करीब तीन किलोमीटर के इस बर्फीले रास्ते से होकर धाम पहुंचते हैं. तीर्थयात्रियों की तादाद बढ़ने से अटलाकोटी ग्लेशियर के रास्ते से गुजरने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में तीर्थयात्रियों की सुगमता और यात्रा व्यवस्थाओं को देखते हुए पुलिस अधीक्षक यशवंत चौहान ने गोविंदघाट हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन से यात्रियों की संख्या सीमित भेजने को कहा है. साथ ही कहा कि ग्लेशियरों से बर्फ पिघलने तक एक समय में ज्यादा तीर्थयात्रियों को घांघरिया से हेमकुंड ना भेजने की अपील की. जिससे किसी बड़े दुर्घटना से बचा जा सके.
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वहीं, हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि घांघरिया से आगे गुरुद्वारे तक के तीन किलोमीटर के रास्ते को सेना के जवानों और कमेटी के कर्मचारियों ने गलेशियर को बीच से काटकर बनाया है. सुबह के समय इन रास्तों की बर्फ नहीं पिघलने और रास्ता संकरा होने के कारण तीर्थयात्रियों को काफी दिक्कतें आ रही है. उन्होंने कहा कि यात्रियों को घांघरिया से गुरुद्वारा कमेटी अधिक संख्या में नहीं भेज रही है. मजदूरों की कमी के कारण बर्फ के बीच बनाये गए रास्ते को चौड़ा नहीं किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने हेमकुंड यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने के लिए लोक निर्माण विभाग से बर्फ काटने के लिए मजदूरों की संख्या बढ़ाने की मांग की.