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हेमकुंड साहिब में ग्लेशियर बने परेशानी, पुलिस ने गुरुद्वारा कमेटी से की ये अपील

पुलिस अधीक्षक यशवंत चौहान ने गोविंदघाट हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन से यात्रियों की संख्या सीमित भेजने को कहा है. साथ ही कहा कि ग्लेशियरों से बर्फ पिघलने तक एक समय में ज्यादा तीर्थ यात्रियों को घांघरिया से हेमकुंड ना भेजने की अपील की. जिससे किसी बड़े दुर्घटना से बचा जा सके.

हेमकुंड साहिब में ग्लेशियर बने परेशानी
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Published : Jun 4, 2019, 12:06 AM IST

चमोलीः सिक्खों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट बीते एक जून से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. पहले दिन करीब आठ हजार तीर्थयात्रियों का पहला जत्था हेमकुंड साहिब पहुंचा था. अभी तक 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मत्था टेक चुकें हैं. सुबह होते ही घांघरिया से हजारों की संख्या में श्रद्धालु हेमकुंड के लिए निकल रहे हैं. तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने से अटलाकोटी ग्लेशियर के बीच से बनाए गए रास्ते में आवाजाही में काफी दिक्कतें आ रही है. इसी को देखते हुए पुलिस ने हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी से एक दिन में ज्यादा जत्थों को रवाना ना करने की अपील की है. उधर, गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने भी सहमति जताई है.

हेमकुंड साहिब में ग्लेशियर बने परेशानी का सबब.

दरअसल, हेमकुंड साहिब से दो किलोमीटर पहले स्थित अटलाकोटी ग्लेशियर को बीच से काट कर रास्ता बनाया गया है. यात्री करीब तीन किलोमीटर के इस बर्फीले रास्ते से होकर धाम पहुंचते हैं. तीर्थयात्रियों की तादाद बढ़ने से अटलाकोटी ग्लेशियर के रास्ते से गुजरने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में तीर्थयात्रियों की सुगमता और यात्रा व्यवस्थाओं को देखते हुए पुलिस अधीक्षक यशवंत चौहान ने गोविंदघाट हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन से यात्रियों की संख्या सीमित भेजने को कहा है. साथ ही कहा कि ग्लेशियरों से बर्फ पिघलने तक एक समय में ज्यादा तीर्थयात्रियों को घांघरिया से हेमकुंड ना भेजने की अपील की. जिससे किसी बड़े दुर्घटना से बचा जा सके.

many devotees reached in hemkund sahib
हेमकुंड साहिब.

ये भी पढ़ेंः मैदानी इलाकों में लोगों को भा रहे पहाड़ी फल, जमकर ले रहे स्वाद

वहीं, हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि घांघरिया से आगे गुरुद्वारे तक के तीन किलोमीटर के रास्ते को सेना के जवानों और कमेटी के कर्मचारियों ने गलेशियर को बीच से काटकर बनाया है. सुबह के समय इन रास्तों की बर्फ नहीं पिघलने और रास्ता संकरा होने के कारण तीर्थयात्रियों को काफी दिक्कतें आ रही है. उन्होंने कहा कि यात्रियों को घांघरिया से गुरुद्वारा कमेटी अधिक संख्या में नहीं भेज रही है. मजदूरों की कमी के कारण बर्फ के बीच बनाये गए रास्ते को चौड़ा नहीं किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने हेमकुंड यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने के लिए लोक निर्माण विभाग से बर्फ काटने के लिए मजदूरों की संख्या बढ़ाने की मांग की.

चमोलीः सिक्खों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट बीते एक जून से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. पहले दिन करीब आठ हजार तीर्थयात्रियों का पहला जत्था हेमकुंड साहिब पहुंचा था. अभी तक 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मत्था टेक चुकें हैं. सुबह होते ही घांघरिया से हजारों की संख्या में श्रद्धालु हेमकुंड के लिए निकल रहे हैं. तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने से अटलाकोटी ग्लेशियर के बीच से बनाए गए रास्ते में आवाजाही में काफी दिक्कतें आ रही है. इसी को देखते हुए पुलिस ने हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी से एक दिन में ज्यादा जत्थों को रवाना ना करने की अपील की है. उधर, गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने भी सहमति जताई है.

हेमकुंड साहिब में ग्लेशियर बने परेशानी का सबब.

दरअसल, हेमकुंड साहिब से दो किलोमीटर पहले स्थित अटलाकोटी ग्लेशियर को बीच से काट कर रास्ता बनाया गया है. यात्री करीब तीन किलोमीटर के इस बर्फीले रास्ते से होकर धाम पहुंचते हैं. तीर्थयात्रियों की तादाद बढ़ने से अटलाकोटी ग्लेशियर के रास्ते से गुजरने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में तीर्थयात्रियों की सुगमता और यात्रा व्यवस्थाओं को देखते हुए पुलिस अधीक्षक यशवंत चौहान ने गोविंदघाट हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन से यात्रियों की संख्या सीमित भेजने को कहा है. साथ ही कहा कि ग्लेशियरों से बर्फ पिघलने तक एक समय में ज्यादा तीर्थयात्रियों को घांघरिया से हेमकुंड ना भेजने की अपील की. जिससे किसी बड़े दुर्घटना से बचा जा सके.

many devotees reached in hemkund sahib
हेमकुंड साहिब.

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वहीं, हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि घांघरिया से आगे गुरुद्वारे तक के तीन किलोमीटर के रास्ते को सेना के जवानों और कमेटी के कर्मचारियों ने गलेशियर को बीच से काटकर बनाया है. सुबह के समय इन रास्तों की बर्फ नहीं पिघलने और रास्ता संकरा होने के कारण तीर्थयात्रियों को काफी दिक्कतें आ रही है. उन्होंने कहा कि यात्रियों को घांघरिया से गुरुद्वारा कमेटी अधिक संख्या में नहीं भेज रही है. मजदूरों की कमी के कारण बर्फ के बीच बनाये गए रास्ते को चौड़ा नहीं किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने हेमकुंड यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने के लिए लोक निर्माण विभाग से बर्फ काटने के लिए मजदूरों की संख्या बढ़ाने की मांग की.

Intro:चमोली पुलिस ने हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी से अपील की है कि वह हेमकुण्ड यात्रा के अंतिम पड़ाव घांघरिया से एक दिन में अधिक जत्थो में तीर्थयात्रियों को हेमकुण्ड तक न जाने के लिए कहे।ताकि हेमकुण्ड से 2 किलोमीटर नीचे स्थित अटलाकोटी ग्लेशियर को बीच से काट कर बनाये गए करीब 3 किलोमीटर बर्फीले रास्ते मे तीर्थयात्रियो को आवाजाही करने में दिक्कतें न हो।जिसको लेकर गोविंदघाट गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रबंधक सेवा सिंह ने भी सहमति जताई है।


Body:जाहिर है कि हेमकुण्ड साहिब के कपाट 1 जून को 6 माह के लिए आम श्रदालुओ के लिए खोल दिये गए है ।और 1 जून से आज तक करीब 20 हजार श्रदालू हेमकुण्ड गुरुद्वारे में मत्था टेक चुके है ।सुबह होने पर घांघरिया से हजारो की संख्या में श्रदालू हेमकुण्ड पहुंच रहे है ।तीर्थयात्रियो की अधिक संख्या होने के कारण अटलाकोटी गलेशियर को बीच से काट कर बनाये गए रास्ते मे तीर्थ यात्रियों को आवाजाही में दिक्कतें सामने आ रही है। ऐसे में तीर्थयात्रियो की सुगमता और यात्रा व्यवस्थाओं को देखते हुए पुलिस अधीक्षक चमोली यशवंत चौहान ने गोविंदघाट हेमकुण्ड गुरुद्वारा प्रबंधन से अपील की है कि वह हेमकुण्ड साहिब के नजदीकी ग्लेशियरों की बर्फ पिघलने तक एक समय मे अधिक तीर्थ यात्रियों को घांघरिया से हेमकुण्ड के लिए न भेजे।ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।
वंही दूसरी ओर गोविन्दघाट, हेमकुण्ड गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रबन्धक सेवा सिंह ने बताया कि घांघरिया से आगे 3 किलोमीटर से हेमकुण्ड गुरुद्वारे तक का 3 किलोमीटर का रास्ता सेना के जवानों और गुरुद्वारा कमेटी के कर्मचारियों ने अटलाकोटी गलेशियर को बीच से काट कर बनाया गया है।जिसमे कि सुबह के समय रास्तो की बर्फ नही पिघलने और रास्ता संकरा होने के कारण तीर्थयात्रियो की संख्या अधिक होने के कारण दिक्कते सामने आ रही है।हालांकि घांघरिया से यात्रियों को भी गुरुद्वारा कमेटी के द्वारा अधिक संख्या में हेमकुण्ड नही भेजा जा रहा है।उन्होंने कहा कि मजदूरों की कमी के कारण बर्फ के बीच बनाये गए रास्ते को चौड़ा करने में दिक्कते आ रही है ,साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि हेमकुण्ड यात्रा मार्ग को दुरस्त के लिए लोक निर्माण विभाग को बर्फ काटने के लिए मजदूरो की संख्या बढ़ाने के लिए कहा जाए,ताकि रास्ता चौड़ा होने पर तीर्थयात्रियों को आवाजाही में दिक्कते न हो।


Conclusion:बता दे कि बदरीनाथ हाइवे से लगे हुए गोविंदघाट गुरुद्वारे से हेमकुण्ड साहिब की कुल दूरी 21 किलोमीटर है।जिसमे कि 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पुलना गांव तक तीर्थ यात्री स्थानीय लोगो की टैक्सियों द्वारा पहुंचते है ।आगे का पुलना से हेमकुण्ड साहिब यात्रा के अंतिम पड़ाव घांघरिया तक का 12 किलोमीटर का पैदल सफर तीर्थयात्री पैदल ,घोड़ो, कंडियो के सहारे पूरा करते है ।घांघरिया में स्थित गुरुद्वारे और होटलों में रात्रि विश्राम के बाद यात्री दूसरे दिन सुबह जत्थो के साथ घांघरिया से 6 किलोमीटर पर स्थित हेमकुण्ड साहिब गुरुद्वारे के लिये रवाना होते है ।जिसमे इस वर्ष कि 3 किलोमीटर का रास्ता अटलाकोटी गलेशियर को बीच से काट कर बनाया गया है।
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