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दलदल बनी उर्गम घाटी की सड़कें, गर्भवती महिला को पालकी के सहारे पहुंचाया अस्पताल

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Published : Aug 7, 2019, 12:10 PM IST

चमोली जिले के उर्गम घाटी की सड़कें दलदल में तब्दील हो गई हैं. बारिश के चलते यहां की सड़कों पर राहगीरों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. वाहनों की भी कोई सुविधा नहीं मिल रही है.

चमोली की सड़कें मरीजों के लिए बनी आफत.

चमोली: जोशीमठ विकासखंड के उर्गम घाटी में बसे लोगों को रोजाना दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कई गांवों में सड़क और संचार की सुविधा न होने के कारण उर्गम घाटी का संपर्क दुनिया से कटा रहता है. मानसून के दिनों हालात और बदतर हो जाते हैं.

इस घाटी में रहने वाले लोगों को कई मील पैदल चलकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है. वाहन सुविधा से यहां के लोग वंचित हैं. घाटी में बनी सड़कें भारी बारिश के चलते कीचड़ से भरी पड़ी हैं. इसकी वजह से गांव की एक गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने कुर्सी की पालकी बनाकर कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया.

चमोली की सड़कें मरीजों के लिए बनी आफत.

यह भी पढ़ें: यूज्ड कुकिंग ऑयल से फर्राटा भरेंगे वाहन, FSSAI बनाएगा बायो डीजल

दरअसल सोमवार को जिले की उर्गम घाटी के देवग्राम कल्पेश्वर निवासी एक महिला की अचानक तबीयत खराब हो गई. अस्पताल तक जाने के लिए कोई साधन न होने के चलते महिला को गांव के लोगों ने कुर्सी की पालकी बनाकर अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों ने महिला की हालत में सुधार बताया है.

यह भी पढ़ें: मेलाधिकारी दीपक रावत और SSP जन्मेजय खंडूरी ने किया महाकुंभ के कार्यों का निरीक्षण

मूसलाधार बारिस के चलते घाटी की सड़कें दलदल व पानी से भरी हुई हैं. जिसके कारण किसी भी वाहन का उस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है. स्थानीय निवासी रघुवीर नेगी ने बताया कि सड़क के नाम पर पीएमजीएसवाई विभाग द्वारा ल्यारी गांव से देवग्राम कल्पेश्वर तक हिल कटिंग का कार्य कर अधूरा छोड़ दिया गया. डामर न होने से सड़क पर दलदल की वजह से लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल है. ऐसे में मरीजों को इन दिनों अस्पताल व अन्य जगहों पर जाने में कठिनाइयां हो रही हैं.

चमोली: जोशीमठ विकासखंड के उर्गम घाटी में बसे लोगों को रोजाना दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कई गांवों में सड़क और संचार की सुविधा न होने के कारण उर्गम घाटी का संपर्क दुनिया से कटा रहता है. मानसून के दिनों हालात और बदतर हो जाते हैं.

इस घाटी में रहने वाले लोगों को कई मील पैदल चलकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है. वाहन सुविधा से यहां के लोग वंचित हैं. घाटी में बनी सड़कें भारी बारिश के चलते कीचड़ से भरी पड़ी हैं. इसकी वजह से गांव की एक गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने कुर्सी की पालकी बनाकर कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया.

चमोली की सड़कें मरीजों के लिए बनी आफत.

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दरअसल सोमवार को जिले की उर्गम घाटी के देवग्राम कल्पेश्वर निवासी एक महिला की अचानक तबीयत खराब हो गई. अस्पताल तक जाने के लिए कोई साधन न होने के चलते महिला को गांव के लोगों ने कुर्सी की पालकी बनाकर अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों ने महिला की हालत में सुधार बताया है.

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मूसलाधार बारिस के चलते घाटी की सड़कें दलदल व पानी से भरी हुई हैं. जिसके कारण किसी भी वाहन का उस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है. स्थानीय निवासी रघुवीर नेगी ने बताया कि सड़क के नाम पर पीएमजीएसवाई विभाग द्वारा ल्यारी गांव से देवग्राम कल्पेश्वर तक हिल कटिंग का कार्य कर अधूरा छोड़ दिया गया. डामर न होने से सड़क पर दलदल की वजह से लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल है. ऐसे में मरीजों को इन दिनों अस्पताल व अन्य जगहों पर जाने में कठिनाइयां हो रही हैं.

Intro:चमोली जनपद के जोशीमठ विकासखंड स्थित उर्गम घाटी आज भी यहाँ निवास करने वाले लोगों के लिए दुर्गम बनी हुई है।उर्गम घाटी के कई गांवों में आज भी सड़क और संचार की सुविधा न होने के कारण घाटी के गांवो का संपर्क देश दुनियां से कटा हुआ है।इस घाटी में रहने वाले लोगो को आज भी कई मील पैदल चलकर अपने गंतव्य तक पहुंचते है।घाटी में स्थित जो भी सड़के निर्मित है ,इन दिनों बरसात के कारण उन सड़को पर मलवा आने से वह बंद चल रही है ,जिसके चलते आज एक गर्भवती महिला को ग्रामीणों के द्वारा डंडियों और कुर्शी की पालकी बनाकर कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया गया।

नोट--विस्वल बाईट मेल पर भेजी है ।


Body:आज सोमवार को उर्गम घाटी के देवग्राम (कल्पेश्वर)निवासी प्रदीप सिंह की पत्नी कोमल (जो तीन माह की प्रसूता है )की अचानक तबीयत खराब हो गई। लेकिन पीएमजीएसवाई की ओर से ल्यारी से देवग्राम के बीच बनाई गई सड़क इन दिनों डामरीकरण ना होने से दलदल में तब्दील हैं। ऐसे में यहां आजकल वाहनों का संचालन नहीं हो पा रहा है। जिस को देखते हुए ग्रामीण युवाओं द्वारा डंडी और कुर्सी से पालकी बनाकर प्रसूता को 4 किलोमीटर तक कंधों में ढोकर ल्यारी गांव पहुंचाया गया ।जहां से वाहन के जरिए कोमल को सीएचसी जोशीमठ में भर्ती कराया गया है।जंहा उपचार के बाद डाक्टरो ने कोमल की हालत में सुधार बताया है।


Conclusion:स्थानीय निवासी रघुवीर नेगी ने बताया कि सड़क के नाम पर पीएमजीएसवाई विभाग के द्वारा ल्यारी गांव से देवग्राम(कल्पेश्वर) तक हिल कटिंग का कार्य कर अधूरे में छोड़ दिया गया है ।सड़क पर डामरीकरण न होने से सडक़ पर दलदल होने से पैदल चलना भी मुश्किल है ।ऐसे में बीमारों को इन दिनों अस्पताल पहुंचाना मुश्किल बना हुआ है।

बाईट -रघुवीर नेगी---ग्रामीण।
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