चमोली: जोशीमठ विकासखंड के उर्गम घाटी में बसे लोगों को रोजाना दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कई गांवों में सड़क और संचार की सुविधा न होने के कारण उर्गम घाटी का संपर्क दुनिया से कटा रहता है. मानसून के दिनों हालात और बदतर हो जाते हैं.
इस घाटी में रहने वाले लोगों को कई मील पैदल चलकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है. वाहन सुविधा से यहां के लोग वंचित हैं. घाटी में बनी सड़कें भारी बारिश के चलते कीचड़ से भरी पड़ी हैं. इसकी वजह से गांव की एक गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने कुर्सी की पालकी बनाकर कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया.
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दरअसल सोमवार को जिले की उर्गम घाटी के देवग्राम कल्पेश्वर निवासी एक महिला की अचानक तबीयत खराब हो गई. अस्पताल तक जाने के लिए कोई साधन न होने के चलते महिला को गांव के लोगों ने कुर्सी की पालकी बनाकर अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों ने महिला की हालत में सुधार बताया है.
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मूसलाधार बारिस के चलते घाटी की सड़कें दलदल व पानी से भरी हुई हैं. जिसके कारण किसी भी वाहन का उस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है. स्थानीय निवासी रघुवीर नेगी ने बताया कि सड़क के नाम पर पीएमजीएसवाई विभाग द्वारा ल्यारी गांव से देवग्राम कल्पेश्वर तक हिल कटिंग का कार्य कर अधूरा छोड़ दिया गया. डामर न होने से सड़क पर दलदल की वजह से लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल है. ऐसे में मरीजों को इन दिनों अस्पताल व अन्य जगहों पर जाने में कठिनाइयां हो रही हैं.