चमोली: जनपद में बारिश का कहर जारी है. बीती 7 फरवरी को रैणी गांव के पास ऋषिगंगा में आई महाप्रलय के बाद अब रैणी गांव पर नई मुसीबत सामने आ गई है. भारी बारिश होने से ऋषिगंगा नदी में बढ़ रहे जलस्तर के कारण रैणी गांव के निचले हिस्से में कटाव शुरू हो गया है.
बीते 5 दिनों से नीती घाटी को जोड़ने वाली सड़क भी नदी के कटाव से भूस्खलन की चपेट में आ गई है, जिससे मार्ग बाधित हो गया है. रैणी गांव के कई घरों में भी दरारें पड़ चुकी हैं. साथ ही चिपको आंदोलन की नेता गौरा देवी के स्मारक और म्यूजियम भवन पर भी दरारें पड़ चुकी हैं.
गौरा देवी की प्रतिमा हटाई गई
भूस्खलन के खतरे को देखते हुए गौरा देवी को प्रतिमा को भी स्मारक से उठाकर बीआरओ और सेना के जवानों के द्वारा सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. स्मारक स्थल से प्रतिमा हटाने के दौरान गौरा देवी की सहेलियों और वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे भर आईं.
बारिश होने पर जंगल में गुजारनी पड़ती है रात
स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव के कई घरों में दरारें पड़ चुकी हैं. रात को बारिश होते ही गांव के लोग जंगलों की ओर भाग जाते हैं. बारिश थमने तक जंगल में ही गुफाओं में रात गुजारते हैं. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है. प्रशासन भी ग्रामीणों के विस्थापन की मांग को लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
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स्थानीय विधायक ने दिया विस्थापन का भरोसा
बदरीनाथ विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट ने गांव के लोगों को भरोसा दिलाया है कि हालात सुधरते ही नए स्मारक का निर्माण किया जाएगा. साथ ही ग्रामीणों की विस्थापन की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता की जाएगी.
बता दें, बीती 7 फरवरी को रैणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से ऋषि गंगा नदी में उफान आ गया था. इस दौरान रैणी गांव के नीचे बना ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन में एनटीपीसी का निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया था. इस आपदा में कई लोगों ने जान गंवाई है.